हम सभी ये जानते है के
हमारे मुसलमान भाई/बहन इस्लाम को लेकर इतना अधिक जुनूनी होते है के उन्हें कोई
मतलब नही है देश दुनिया में क्या हो रहा है | पर शहरी क्षेत्रो में हमने थोडा सा
परिवर्तन आते देखा है | जैसे परिवार नियोजन का पालन करना १ बच्चा पैदा करना | उनको
अच्छी शिक्षा दिलाना | व्यापारिक तौर पर हिन्दुओ से जुड़ना | अच्छे बुरे लोग तो सब
में होते है इसमें कोई संदेह नही पर मुसलमानों के साथ समस्या ये है के वे दुसरे
संप्रदाय के लोगो को नरक की आग में जलते देखते है | जब वे अन्य मतावलंबियों को
काफिर कहेंगे और समझेंगे तो किस प्रकार भला वे उनका आदर करेंगे | वास्तविक भाईचारे
प्रेम के लिए सम्मान बहुत आवश्यक होता है | इसलिए यदि आप वाकई शान्ति प्रिय है तो
कृपया दुसरो को काफिर कहना बंद करे | ये भी आप अल्लाह जाने जैसे वाक्य पर क्यों
नही छोड़ देते | ये उस ऊपर वाले पर छोड़ दे के कौन ना शुक्रा है कौन नही |
जन संख्या की अधिक वृद्धि
कैसे भी आप की सहायता नहीं करने वाली | आप समझते है की आप इस्लाम की सेवा कर रहे
है अधिक बच्चे बढ़ा के पर वस्तुतः आप अपने यहाँ का इस लोक का जीवन ही बिगाड़ रहे है
| कृपया चिन्तन करे इस विषय पर कारण चाहे दुसरो में असुरक्षा का भाव हो या आपको
परिवार पालने में समस्या है प्रभाव दोनों प्रकार से आप पर पड़ेगा ही | जीवन प्रसन्न
रहने के लिए है सुख शान्ति के लिए है | हमें समाज और समय की धारा अनुसार बदलना
पड़ता है | यदि न बदलना होता तो शायद मैं ये लेख नही लिख रहा होता |
भले ही मैंने पूर्व में जो
भी लिखा वो सत्य लिखा | परन्तु समाज में जब मैं अपने मुस्लिम मित्रो को पाता हूँ
तो बहुतो के लिए ये महसूस करता हु के ये अच्छे व्यक्ति है | बस ये उस दायरे से
बाहर नही सोच पा रहे | मैं उन्हें आहत नही करना चाहता, इसलिए कहता भी नही | क्यों
की आप लोग सुनना ही नही चाहते किसी भी ऐसे विषय में जो आपकी आस्था पर चोट दे | पर
दुसरो की आस्था को गलत समझना आपका जन्मसिद्ध अधिकार है | इस दोहरे मापदंड को बदले
| ये इतना कठिन नहीं जितना आप लोगो ने समझ लिया है |
सफ़ेद टोपी कुर्ता पैजामा और
बुर्का पहनने से आप दुसरो को बता रहे है के आप मुसलमान है | दुसरे समझ रहे है के
आप अपने विचारों के प्रति कट्टर है | आपको ये सिद्ध करने में गर्व हो रहा है पर
दुसरे भी अन्दर से दृण हो रहे है इसी भाव से दुसरे रक्षात्मक मुद्रा में आ रहे है
| आप किसी बाबर और तैमुर की सेना के सिपाही नही | आप तो एक आम भारतीय नागरिक है |
आपके पूर्वज भी हिन्दु ही थे | आप कब्रों पर अगर मोमबत्ती जलाते है तो आप अपने
हिन्दू बापदादा कैसे भी नही बदल सकते | चाह कर भी नही अब उनकी कब्र तो नही पर थे
तो वो आपके बाप दादा | हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कृपया अपनी जन संख्या
नियंत्रित रखिये | दुसरो को भी धार्मिक और ईश्वर का मानना वाला समझिये भले वो किस
रूप में मानता हो और मिल जुल कर रखिये |
ईश्वर आपकी और हमारी बुद्धि
को सद्मार्ग पर प्रेरित करे | ओ३म्
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