मोहम्मद का कार्टून बना तो पूरी दुनिया के मुसलमानों ने अपनी-२ जगहों पर बलवा किया | दुनिया को इतिनी बुरी तरह से बदलने वाला व्यक्ति रहस्य बना हुआ हैं | कोई कुछ जानता ही नहीं उसके बारे में | प्रश्न तो ये उठता हैं के इसाई ईशा मसीह के नाटक मंच पर दोहराते हैं ताकि उनके अच्छे गुण अन्य लोंग जान सके और ले सके | हिंदू राम लीला रचाते हैं ताकि राम के अच्छे कृत्यों को दिमाग में रख सके | अच्छाई की बुराई पर जीत | पर मोहम्मद के नाम पर ऐसा क्या की उनका कोई चित्र नहीं हो सकता | मुस्लिम कहते हैं इस्लाम में बुत परस्ती मना हैं इसलिए | बुत परस्ती मना होने से चित्रण का क्या लेना देना ? क्या काबा मंदिर (उनके लिये मस्जिद) की तस्वीर रखना नहीं गलत हैं पर रखते हैं | तस्वीर रखने से उसकी बुत परस्ती थोड़े हो जाती हैं बल्कि अपने आदर्श के कृत्यों की याद बनी रहती हैं | जैसे आर्य समाजी ऋषि दयानंद की तस्वीर रखते हैं | दूसरा तर्क ये दे सकते के इस से उनका अपमान होगा | मान-अपमान तो जीवित लोगो का होता हैं अगर ये भेद नहीं पता उन्हें तो बुत परस्ती भी नहीं पता | इसी लिए वे हजरे अस्वाद को सरक्षित करे हुए हैं और बुत परस्ती के विरोध में होने का ढोंग करते हैं |
वास्तविक बात तो ये हैं के मोहम्मद का कोई चरित्र ही नहीं था जिसका चित्रण किया जाए | क्या दिखाएंगे मुसलमान की कैसे मोहम्मद के दादा अबू मत्लिब काबा मंदिर का सरक्षण करते थे तीर्थ यात्रियों का प्रबंध करते थे | किस प्रकार मोहम्मद को बचपन में मिर्गी के दौरे पड़ते थे | कैसे उसने अपने से १५ वर्ष आयु में बड़ी और अरब की अमीर बुडिया से शादी की | उस अमीर बुडिया के मरते ही किस प्रकार ५१ वर्षीया मोहम्मद ने ६ वर्ष की बच्ची से शादी(माफ़ी चाहूँगा इस गंदे कृत्य को मुस्लिम शादी कहते हैं) की | किस प्रकार ९ वर्ष की होने पर उस बच्ची से सम्भोग किया | अपनी मू बोले बेटे की बीवी से शादी की और कैसे भिन्न भिन्न ३१ से ऊपर औरते रखी | कैसे मोहम्मद ने उम् किर्फा की वृद्ध नेत्रानी बनू फस्रह के हाथ पावो को २ उटो से बंधवा के फड़वा दिया | ऊट की चोरी करने वाले ८ लोगो के हाथ पाँव कटवा दीये | वो ऊट जो खुद मोहम्मद ने चुराए थे | बनू कुइनैका, बनू नादिर, बनू कुरैज़ा के लोगो पर कितने अमानुषी अत्याचार किये | दनिया का सबसे पहला इस्लामी आतंकवादी मोहम्मद ही तो था जो ये सब देखने पर सब समझ जाएगा | जो मोहम्मद को बचपन से जानता था उसका चाचा जिसने ना जाने कितनी बार उसकी जान बचाई पर मरते दम तक कभी कुरैशो का मजहब नहीं छोड़ा और इस्लाम नहीं स्वीकार क्यों की उसे पता था के उसका भतीजा पागल हैं | खुद आयशा ने हफ्सा के साथ मिल कर मोहम्मद को जेहर दे दिया कहते हैं मोहम्मद फिर एक बच्ची से शादी की योजना बना रहा था | फिर लाभ तो आयेशा के बाप अबू बक्र को मिला पहला खलीफा वही हुआ | पर बचा कोई नहीं खानदान में दिया जलने वाला कोई नहीं रहा | आयेशा बुरी तरह क़त्ल कर दी गई | जिसने कुरान लिखी उसे खुद मोहम्मद ने मरवा दिया | खैर इतना शैतानियत जो भी लिखेगा मरेगा तो हैं ही | पूरी दुनिया आज इस्लामीकरण के खतरे के तले डगमगा रही हैं, बेकसूर मारे जा रहे हैं | इन सब का कारण मोहम्मद था जो कोई भी ये सब देख लेगा उसे समझने में एक पल नहीं लगेगा |
पर मोहम्मद को तो ऐसा हौवा बना रखा हैं के उसके बारे में तो बात करनी ही नहीं | वो इसलिए क्यों की खुद मोहम्मद ने उन सबको बुरी तरह क़त्ल करवा दिया जिसने भी उसके पैगम्बर होने का प्रमाण माँगा | खुद मोहम्मद ने ना जाने कितनी बार अपनी बात से पलटा हैं इसका प्रमाण कुरान की विपरीत बाते हैं | इसी लिए मुसलमान मोहम्मद को छुपा के रखते हैं | मोहम्मद ने ज़न्नत में खुद की सिफारिश का पेच भी फसा रखा हैं ताकि कोई उसके गलत कामो पर ऊँगली ना उठाए | पर खुद जिनको भी ये बाते पता चलती हैं उनका मानवीय पक्ष इस्लाम छुडवा देता हैं | पर जो वाकई शैतान हैं वो सही जगह हैं क्यों के दुनिया के सारे गलत काम इस्लाम में जायज हैं अगर वो गैर मुसलमान के साथ किये जाए | तो कोई क्यों लूटने, बलात्कार, हत्या, झूठ बोलने की इजाजत छोड़ेगा अगर वह अपराधी प्रवर्ति का हैं |
एक बात और के मोहम्मद देखने में बदसूरत था हदीसो की माने तो |जिस व्यक्ति ने उसकी तस्वीर बने मोहम्मद ने उसे देश निकाला दे दिया | औरते उस से नफरत करती थी | शायद इसी लिए वो औरतो का बलात्कार करता था | वैसे प्रमुख बात दिखने की नहीं हैं बात तो कर्मो की हैं जो इतने गलत थे की उनको छुपा के रखने में ही इस्लाम की भलाई हैं |
एक बात और के मोहम्मद देखने में बदसूरत था हदीसो की माने तो |जिस व्यक्ति ने उसकी तस्वीर बने मोहम्मद ने उसे देश निकाला दे दिया | औरते उस से नफरत करती थी | शायद इसी लिए वो औरतो का बलात्कार करता था | वैसे प्रमुख बात दिखने की नहीं हैं बात तो कर्मो की हैं जो इतने गलत थे की उनको छुपा के रखने में ही इस्लाम की भलाई हैं |
अब हमारे मुस्लिम भाई मुझे गाली दे सकते हैं | तर्क की उम्मीद तो उनसे करना बेकार हैं | पर उनसे कहूँगा के मेरी कही बातो का प्रमाण आप यहाँ से देख सकते हिंदी में भी उपलब्ध हैं |
http://prophetmuhammadillustrated.com/
http://zombietime.com/mohammed_image_archive/islamic_mo_full/
http://www.wikiislam.net/wiki/Forced_Marriage
http://www.wikiislam.net/wiki/Rape_in_Islam
http://prophetmuhammadillustrated.com/
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http://www.wikiislam.net/wiki/Forced_Marriage
http://www.wikiislam.net/wiki/Rape_in_Islam
आप भी गजब-गजब जानकारी तलाश करके लाते हो वैसे इस जानकारी का हमें पहले से ही पता था, आपका भी आभार।
ReplyDeletehttp://www.inter-islam.org/condex.htm
ReplyDeletehttp://www.answering-islam.org/Quran/Science/index.htm
Deletehttp://www.mukto-mona.com/Articles/avijit/Quran_miracle.htm
http://alisina.org/the-big-bang-in-the-quran/
http://www.faithfreedom.org/Articles.htm#science
Improve your "ISAS" fir reference dena..!!
Deletematlab tujhe tameez nahi hai information search karne ki... :D
Tameez to tere hadis aur quran likhane walo ko nahi thi jo itni gandgi likh di.....
Deleteagar sab kuch quote kia to sharm se doob maroge
oh tum to musalman ho
sharm to bech khai hain tum logo ne kaise duboge
Tumhe sharm ka pata to hami ne bataya hai... nahi to tum bhi aaj westrn ki tarah nange ghumaa karte aaj tum log bhi..
Deleteye to bande ki soch hai wo kuch padh ke and sun ke kya meaning nikaalta hai
....
jitni gandi soch hai teri tujhe sabhi waise hi dikhai dete hai....
par teri soch to teri hai
ise tum khud sudhar sakte ho hum nahi......
haa sahi kaha sharma to besharmi dekh k samajh aai musalmano ki
Deleteek vyabhichaari khuda se koso dur sex hawas ka bhukha aadmi ko paigambar maanane wale kitne besharm honge ye to ham sabhi dekh rahe hain
@uknewindia
ReplyDelete"ALLAH said in quran"" when the sky is torn apart so it was like an oily rose which then the favours of your lord will you deny"
scientist only proved it today first time in 1999 with the help of powerful technology only but sadly named it ""cats eye nebula",,,,type cats eye nebula and see if its a rose or a cats eye more,,,,,
so will you deny him even when the truth is so clear,,,,"
Maintain you language with the other visitors if you want your comments to be remained.
This is 55:37
look at the tafseer
http://www.altafsir.com/Tafasir.asp?tMadhNo=1&tTafsirNo=74&tSoraNo=55&tAyahNo=37&tDisplay=yes&UserProfile=0&LanguageId=2
Jalayn is prefered all over
Sky is torn is for fools and mad people like Mohammad.
Atleast study Islamic sirats if you have a human mind you will leave islam at once.
If you are evil you are worth to be a muslim.
”और वही(allah) जिसने दो समुद्रों को मिला कर रखा है एक स्वादिष्ट और मीठा दूसरा कड़वा और नमकीन, और उन दोनों के बीच एक पर्दा है, एक रूकावट जो उन्हें मिश्रित होने से रोके हुए है‘‘
ReplyDeleteअल-क़ुरआन सूर: 25 आयत.53
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samjhaao wo parda kaha hain....
Deletedunia banane k bad khuda aayat bhej raha hain k samudra namkeen hain...
meetha samudra bhi batao kaha bata gaya pagal mohammad
raha na tu chutiya ka chutiya hi....
DeleteQuran koi Science ki kitab nahi hai usme signs hai.......!!
unke liye jo samjh sakte hai...
par tere jaise chutiyao ke liye nahi...
Chutiya to musalmano ko mohammad ne banaya...
Deleteapni pagalpan ki harkato ko khuda ki ayaate bata ke...
abe mere mohalle ka pagal bhi mohammad se achi quran bana lega
आधुनिक विज्ञान ने खोज कर ली है कि साहिल के निकटस्थ समुद्री स्थलों पर जहां दरिया का ताजा़ मीठा और समुद्र का नमकीन पानी परस्पर मिलते हैं वहां का वातावरण कदाचित भिन्न होता हैं जहां दो समुद्रों के नमकीन पानी आपस में मिलते हैं। यह खोज हो चुकी है कि खाड़ियों के मुहाने या नदमुख:estuaries में जो वस्तु ताजा़ पानी को खारे पानी से अलग करती है वह घनत्व उन्मुख क्षेत्रःpycnocline zone है जिसकी बढ़ती घटती रसायनिक प्रक्रिया मीठे और खारे पानी के विभिन्न परतों layers को एक दूसरे से अलग रखती है। ( संदर्भः oceanography ग्रूस: पृष्ठ 242 और Introductry oceanography थरमनः पुष्ठ 300 से 301 )
ReplyDeleteरूकावट के इस पृथक क्षेत्र के पानी में नमक का अनुपात ताज़ा पानी और खारे पानी दोनों से ही भिन्न होता है , ( संदर्भ: oceanography ,ग्रूसः पृष्ठ 244 और Introductry oceanography ‘‘थरमन: पुष्ठ 300 से 301)
इस प्रसंग का अध्ययन कई असंख्य स्थलों पर किया गया है, जिसमें मिस्र म्हलचज की खा़स चर्चा है जहां दरियाए नील, रोम सागर में गिरता है। पवित्र क़ुरआन में वर्णित इन वैज्ञानिक प्रसंगों की पुष्टि ‘डॉ. विलियम एच‘ ने भी की है जो अमरीका के कोलवाडोर यूनीवर्सिटी में समुद्र-विज्ञान और भू-विज्ञान के प्रोफे़सर हैं।
adhunik vigyan nahi ye bahut purani cheez hain....
Deletereverse osmosis kehte hain....us se electricity generate hoti hain
aur islie puch raha tha 2 samudra kaha hain....
nadi jaha milti hain samudra se waha ye normal bat hain
nadi ko allaha samudra kehe raha hain to bahut bada pagal aadmi hain
आधुनिक विज्ञान ने खोज कर ली है कि साहिल के निकटस्थ समुद्री स्थलों पर जहां दरिया का ताजा़ मीठा और समुद्र का नमकीन पानी परस्पर मिलते हैं वहां का वातावरण कदाचित भिन्न होता हैं जहां दो समुद्रों के नमकीन पानी आपस में मिलते हैं। यह खोज हो चुकी है कि खाड़ियों के मुहाने या नदमुख:estuaries में जो वस्तु ताजा़ पानी को खारे पानी से अलग करती है वह घनत्व उन्मुख क्षेत्रःpycnocline zone है जिसकी बढ़ती घटती रसायनिक प्रक्रिया मीठे और खारे पानी के विभिन्न परतों layers को एक दूसरे से अलग रखती है। ( संदर्भः oceanography ग्रूस: पृष्ठ 242 और Introductry oceanography थरमनः पुष्ठ 300 से 301 )
ReplyDeleteरूकावट के इस पृथक क्षेत्र के पानी में नमक का अनुपात ताज़ा पानी और खारे पानी दोनों से ही भिन्न होता है , ( संदर्भ: oceanography ,ग्रूसः पृष्ठ 244 और Introductry oceanography ‘‘थरमन: पुष्ठ 300 से 301)
इस प्रसंग का अध्ययन कई असंख्य स्थलों पर किया गया है, जिसमें मिस्र म्हलचज की खा़स चर्चा है जहां दरियाए नील, रोम सागर में गिरता है। पवित्र क़ुरआन में वर्णित इन वैज्ञानिक प्रसंगों की पुष्टि ‘डॉ. विलियम एच‘ ने भी की है जो अमरीका के कोलवाडोर यूनीवर्सिटी में समुद्र-विज्ञान और भू-विज्ञान के प्रोफे़सर हैं।
adhunik vigyan nahi ye bahut purani cheez hain....
Deletereverse osmosis kehte hain....us se electricity generate hoti hain
aur islie puch raha tha 2 samudra kaha hain....
nadi jaha milti hain samudra se waha ye normal bat hain
nadi ko allaha samudra kehe raha hain to bahut bada pagal aadmi hain
Abe sign me detail de denge to fir to sign ki value hi khatam ho jaye fir tere jaiso ko Alag kaise kiya jaaye unse jo signs ko pehchann sake....!!
Deleteaur electricity generate(ye na+ ions se hota hai=ye wahi khatam ho jati hai..kyonki waha o bhi hoti hai) hone se done alag nahi reh sakte,,,,samjha...
ye density pe depend hota hai...ye tjhe aaj tak samajh ni aayaa bol raha hai ye puraani cheez hai...
isse prove hota hai k tu murkho ka raajaa hai..
murkh allaha ka murkh banda
Deletesamudra nadi ka sign hain ye to chutiyapa sirf allaha hi de sakta hain...aur padho generation k tarike mainly prsr diff use krte hain
http://en.wikipedia.org/wiki/Pressure-retarded_osmosis
aur 7 sadi me kya ghuiya chil raha tha bewkuf allaha...dunia ko itna gyaan pehle hi mil chuka tha tab tumhara murkh allaha nadi samudra ka diffrnce nhi kar pata hai
कोई कुछ भी कहता रहे मुसलमानों को कोई परवाह नहीं हे। मुसलमानों का काम लोगों को सच्चाई के रस्ते पर लाना हे और बुराई से बचाना हे। मुहम्मद सलाल्लाहू अलैहिवासल्लम की बातें लोगों तक पहचाना है ताकि लोग सही रास्ते पे चल सकें और जेहंनुम की आग से बच जाये ।
ReplyDeleteहम से कुछ भी कह लो सहन कर लेंगे पर हमारे रसूल ( मुहम्मद) के बारे में फालतू बोलोगे तो एक-एक को चुन चुन के मरेंगे ok
ReplyDeleteमोमहद एक झुठा ऐयास था सैकड़ो बीबीयां उसकी गरीबी का कारण थी और लोगों की प्यारी थी पर्दे के पीछे बुर्के में रहने वाली ।सब खेल बनता गया सैकड़ो बीबीयों की वजह से और आज तक चल रहा है 72बीबीयों की ख्वाईस की वजह से , जिससे दुनियां आतंक में है और मुसलघमानी औरते मारसहकर जनन्त के ख्वाब में सपना लेकर खुस हैं ।
ReplyDeleteकिसी भी आत्मा का वजुद नियमत:खत्म नहीं होता है ,सिर्फ उसकी सोचने समझने, एक सिस्टम में रहकर हरकत करने की, क्षमता शरीर के मृत होते ही ,अबोध हो जाती है ,यानि आत्मा वह शक्ति है, जिसको हरकत में आने के लिए शरीर की आवश्यकता होती है , यानि ध्यान, याद ,डर जिसने जैसा विश्वास किया ,अपने दिमाग की गतिविधि से उसे परिपूर्ण कर ,अपने आपको प्रभावित कर लिया ,यानि शरीर मरती है, उसका ज्ञान मरता है ,लेकिन आत्मा सदा के लिए उस स्वरुप में कैद हो जाती है । ध्यान मतलब एक समय में दो आत्मा ,एक शरीर एक दिमाग ,प्यार विश्वास से अच्छी शक्ति बना लिया ,चाहे डर विश्वास से बूरी शक्ति बना लिया । कहने का मतलब, आत्मा भी हवा का अंश, परमात्मा भी हवा का अंश, दोनों को मिलाते रहने से ध्यान में वह योग मिलता है ,जो दिमाग और शरीर को जल्द थकान मुक्त कर देता है ,जो सिर्फ पोथी पढ़ते रहने से हाशिल नहीं होता , जबकि प्यार से, एक कोई भी मंत्र के विश्वासमय जप से, हाशिल हो सकता है । केशव गुप्ता । समझ लो तो ज्ञान ,न समझ में आऐ तो ,मेरे मन की बात ।
किसी भी आत्मा का वजुद नियमत:खत्म नहीं होता है ,सिर्फ उसकी सोचने समझने, एक सिस्टम में रहकर हरकत करने की, क्षमता शरीर के मृत होते ही ,अबोध हो जाती है ,यानि आत्मा वह शक्ति है, जिसको हरकत में आने के लिए शरीर की आवश्यकता होती है , यानि ध्यान, याद ,डर जिसने जैसा विश्वास किया ,अपने दिमाग की गतिविधि से उसे परिपूर्ण कर ,अपने आपको प्रभावित कर लिया ,यानि शरीर मरती है, उसका ज्ञान मरता है ,लेकिन आत्मा सदा के लिए उस स्वरुप में कैद हो जाती है । ध्यान मतलब एक समय में दो आत्मा ,एक शरीर एक दिमाग ,प्यार विश्वास से अच्छी शक्ति बना लिया ,चाहे डर विश्वास से बूरी शक्ति बना लिया । कहने का मतलब, आत्मा भी हवा का अंश, परमात्मा भी हवा का अंश, दोनों को मिलाते रहने से ध्यान में वह योग मिलता है ,जो दिमाग और शरीर को जल्द थकान मुक्त कर देता है ,जो सिर्फ पोथी पढ़ते रहने से हाशिल नहीं होता , जबकि प्यार से, एक कोई भी मंत्र के विश्वासमय जप से, हाशिल हो सकता है । केशव गुप्ता । समझ लो तो ज्ञान ,न समझ में आऐ तो ,मेरे मन की बात ।
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