Thursday, December 13, 2012

मेवात बचाओ....

अभी तक प्रदेश इस्लामीकरण के जाल में बच रहे थे अब जिले के जिले जा रहे हैं | यह लेख फसबुक पर नरेन्द्र सिसोदिया जी के पेज पर मिला जिसे आपके सामने रख रहा हू | ताकि जनता अज्ञानता में ना रहे और हमारे लोगो कि पीड़ा दूसरे भी जाने |

देश की राजधानी दिल्ली से मात्र 60 किलोमीटर की दूरी पर है मेवात । गुड़गांव से अलवर के रास्ते आगे बढ़ने पर सोहना के बाद मेवात का इलाका शुरू हो जाता है। मेवात एक मुस्लिम-बहुल इलाका है। यहां मेव मुसलमानों का दबदबा है। मेव पहले हिन्दू ही थे। मेव एक जाति है। अभी भी कुछ मेव हिन्दू हैं। मेवात का इलाका हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में फैला है। 14 वीं शताब्दी में तुगलक वंश के समय मेवात के लोगों को ज
बरन मुस्लिम बनाया गया। फिर भी ये लोग वर्षों तक अपनी पहचान को बचाने में सफल रहे, किन्तु 1920 के बाद मजहबी संगठनों ने इन लोगों को अपने रंग में रंगना शुरू कर दिया। इसका दुष्परिणाम यह हुआ कि यहां के मुस्लिम पाकिस्तान की मांग का समर्थन करने लगे। पर जब पाकिस्तान बना तो यहां के बहुत कम मुस्लिम पाकिस्तान गए। लेकिन अब लगता है कि ये लोग मेवात को ही 'पाकिस्तान' बनाने में लगे हैं। हरियाणा के मेवात क्षेत्र में चल रही गतिविधियों की पड़ताल से यही बात सामने आती है।

हरियाणा के मेवात क्षेत्र को कट्टरवादियों ने बहुत पहले ही 'बंगलादेश' बना दिया है। बंगलादेश में करीब 8 प्रतिशत हिन्दू रह गए हैं, यही स्थिति मेवात की भी हो गई है। जबकि 1947 में बंगलादेश में करीब 30 प्रतिशत और मेवात में भी लगभग 30 प्रतिशत हिन्दू थे। अब पूरे मेवात को 'पाकिस्तान' की शक्ल देने देने का प्रयास तेजी से हो रहा है। आज हरियाणा के मेवात में हिन्दुओं के साथ वह सब हो रहा है जो बंगलादेश या पाकिस्तान में हिन्दुओं के साथ होता है। हिन्दू लड़कियों और महिलाओं का अपहरण, उनका मतान्तरण और फिर किसी मुस्लिम के साथ जबरन निकाह। हिन्दुओं को जबरदस्ती मुसलमान बनाना। हिन्दू व्यापारियों से जबरन पैसे की वसूली करना। मंदिरों और श्मशान के भूखंडों पर कब्जा करना। बंगलादेशी घुसपैठियों को बसाना। हिन्दुओं को झूठे मुकदमों में फंसाना। हिन्दुओं के यहां डाका डालना। कोढ़ में खाज यह कि प्रशासन द्वारा भी हिन्दुओं की उपेक्षा आम बात हो गयी है। इस कारण मेवात के हिन्दू मेवात से पलायन कर रहे हैं। मेवात के सभी 508 गांव लगभग हिन्दू-विहीन हो चुके हैं। किसी- किसी गांव में हिन्दुओं के दो-चार परिवार ही रह गए हैं। यदि सेकुलर सरकारों का रवैया नहीं बदला तो यहां बचे हिदू भी पलायन कर जाएंगे। फिर इस इलाके को पाकिस्तान बनने से कोई रोक नहीं सकता है।

हिन्दुओं की प्रताड़ना

मेवात पहले गुड़गांव जिले का भाग था । 4 मई 2005 को मेवात को जिला बनाया गया और नूंह को जिला मुख्यालय का दर्जा दिया गया। मेवात जिले का क्षेत्रफल 1784 वर्ग किलोमीटर है। मेवात जिले में कुल छह प्रखंड हैं - पुन्हाना, फिरोजपुर झिरका, नगीना, नूंह, तावडू और हथीन। इन कस्बाई नगरों में ही हिन्दू रह रहे हैं। जो हिन्दू सम्पन्न थे वे गुड़गांव, दिल्ली आदि शहरों में बस चुके हैं। जो बेचारे हिन्दू किसी कस्बे में भी घर नहीं ले सकते वे मजबूरीवश अपने गांवों में ही रह रहे हैं, लेकिन इनकी संख्या बहुत कम है।

नूंह के एक गांव मढ़ी के पूर्व सरपंच रामजी लाल ने बताया 'उनके गांव में कुछ वर्ष पहले तक 25 घर हिन्दू थे। अब सिर्फ चार घर रह गए हैं। वे लोग दांतों के बीच जीभ की तरह रह रहे हैं। वे लोग निहायत ही गरीब हैं। यदि वे भी कहीं हिन्दू कस्बे में घर खरीद पाते तो गांव में बिलकुल नहीं रहते। मुस्लिमों ने उनके खेतों पर कब्जा कर लिया है। उनकी बहू - बेटियों को उठा ले जाते हैं।' बता दें कि रामजी लाल भी पिछले चार साल से नूंह में रह रहे हैं । जब वे सरपंच थे तो उन्होंने गांव के मुस्लिमों के दबाव पर कोई गलत काम नहीं किया । इसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है। आये दिन उन्हें जान से मारने की धमकी मिलने लगी । मजबूरन उन्हें अपनी जमीन और घर बहुत ही कम कीमत पर बेचकर भागना पड़ा।

अन्तरराष्ट्रीय साजिश

जैन समाज, नूंह के अध्यक्ष और पेशे से वकील विपिन कुमार जैन मेवात में हिन्दुओं की दशा से बहुत दुखी हैं। उन्होंने बताया कि 'पूरे मेवात से हिन्दुओं को भगाने के लिए मानो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साजिश रची जा रही है । यहां के हिन्दुओं को आतंकित करने के लिए रोजाना कुछ न कुछ किया जाता है। छोटी-छोटी बात पर आये दिन हिन्दुओं को प्रताड़ित किया जाता है। लव जिहाद के द्वारा हिन्दू लड़कियों को मुस्लिम बनाया जा रहा है। 25 मई 2012 को मेवली गांव के एक अग्रवाल परिवार की लड़की का अपहरण किया गया और उसका निकाह एक मुस्लिम से करा दिया गया, जबकि वह मुस्लिम दो बच्चों का बाप है। हिन्दुओं की कहीं कोई सुनवाई नहीं होती है। मेवात में सरकारी योजनाओं में भी हिन्दुओं के साथ भेदभाव किया जाता है। एक सरकारी संस्था है मेवात विकास एजेंसी (एमडीए)। इसका वार्षिक बजट 70 करोड़ रु. है। इसका इस्तेमाल करीब-करीब मुसलमानों के लिए ही किया जाता है। मेवात में एक जूनियर बेसिक टीचर ट्रेनिंग स्कूल है। कुल 50 सीटें हैं पर 25 सीटें मुसलमानों के लिए सुरक्षित कर दी गयी हैं।'

शर्म की बात

नगीना के रहने वाले वीर सिंह ने अपने समधी ओमवीर (गांव -भिमसिका, तहसील- हथीन) के साथ हो रहे दुर्व्यवहार के बारे में जो बताया वह पूरे हिन्दू समाज के लिए शर्म की बात है। वीर सिंह के अनुसार 'ओमवीर को कुछ दिन पहले ही तब्लीगी जमात ने बहला-फुसलाकर मुसलमान बना लिया था और बाहर भेज दिया था, किन्तु चार महीने बाद ही उन्हें माजरा समझ में आ गया। वे वापस आ गए और एक हिन्दू के ही रूप में रहने लगे। इसके बाद उन्हें जान से मारने की धमकी मिलने लगी। जान बचाने के लिए वे अभी भी गांव से बाहर छिप कर रहते हैं। इधर गांव में उनकी पत्नी और बच्चों को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है। उनके बेटे पर कुरान फाड़ने का आरोप लगाया गया, जो बाद में गलत निकला। इसी बीच उनकी लड़की के साथ मेरे बेटे की शादी तय हुई और हम लोग 27 जुलाई 2012 को बारात लेकर उनके घर पहुंचे। इतने में वहां उस गांव के मुसलमान पहुंच गये और कहने लगे कि यह शादी नहीं हो सकती है, क्योंकि लड़की के पिता ने इस्लाम कबूल कर लिया है। इसलिए इस लड़की का किसी मुसलमान के साथ ही निकाह होगा । किन्तु लड़की की मां उनकी सारी बातों को नकारती रहीं और अंत में पुलिस की देखरेख में शादी हुई।'

हिन्दुओं का बहिष्कार

एक ओर तो किसी हिन्दू लड़की का जबरन किसी मुस्लिम पुरुष से निकाह करा दिया जाता है, तो दूसरी ओर यदि कोई हिन्दू लड़का किसी मुस्लिम लड़की से प्यार करता है तो उसे मुसलमान बनना पड़ता है। ऐसा न होने पर पूरा मुस्लिम समाज हिन्दुओं पर टूट पड़ता है। अभी पिछले अप्रैल माह की ही बात है। नगीना निवासी भारत भूषण का इकलौता पुत्र विशाल जैन एक मुस्लिम लड़की के चक्कर में आ गया। वसीम अहमद बनकर उसने उस लड़की से निकाह कर लिया और अब वह बल्लभगढ़ में रहता है। विशाल मुस्लिम बन गया फिर भी वहां के मुसलमानों ने विशाल के पिता को धमकाना शुरू कर दिया। जान बचाने के लिए घर - द्वार बेचकर वे अब फरीदाबाद रहते हैं। उसी घटना को लेकर खुलेआम नगीना के शेष हिन्दुओं को भी धमकी दी गयी कि बदले में एक हिन्दू लड़की उठाई जाएगी। इस कारण वहां के हिन्दुओं ने काफी दिनों तक अपनी लड़कियों को पढ़ने के लिए स्कूल-कालेज नहीं भेजा। मुस्लिमों ने यह भी फतवा दिया कि कोई भी मुस्लिम किसी हिन्दू दुकानदार से कोई सामान नहीं खरीदेगा। हिन्दुओं की दुकानों के बाहर मुस्लिम चौकीदार बैठा दिए गए। उनको यह काम दिया दिया गया कि यदि कोई मुस्लिम किसी हिन्दू दुकानदार से सामान खरीदता पाया जाय तो उसे पकड़ा जाय। हिन्दुओं का बहिष्कार काफी दिनों तक चला।

मेवात के हिन्दुओं का कहना है कि हिन्दू दुकानदारों का आये दिन किसी न किसी बहाने बहिष्कार किया जाता है। इसके दो मुख्य उद्देश्य हैं - एक हिन्दुओं को भगाना और दूसरा , उधारी के पैसे की बेमानी करना। मालूम हो कि यहां के मुसलमान हिन्दू दुकानदारों से उधार में सामान खरीदते हैं और जब पैसा अधिक हो जाता है तो उनका बहिष्कार कर देते हैं। हिन्दुओं का कहना था कि उधारी देना उनकी मजबूरी है। यदि उधार में सामान नहीं देंगे तो भी दिक्कत है।

श्मशान भूमि पर कब्जा

मेवात के ग्रामीण क्षेत्रों से हिन्दुओं के पलायन के बाद मंदिरों की जमीन और श्मशान भूमि पर मुसलमानों ने कब्जा कर लिया है। इस कारण जो भी हिन्दू ग्रामीण क्षेत्रों में बचे हैं उन्हें बड़ी दिक्कत होती है। किसी हिन्दू को अपने किसी मृत परिजन का अंतिम संस्कार किसी सड़क के किनारे करना पड़ता है। उस दिन जब हम लोग बड़कली चौक से पिन्हावा जा रहे थे तो सड़क के किनारे कुछ लोग एक शव का अंतिम संस्कार करने की तैयारी कर रहे थे। भीड़ देखकर हम लोग रुके तो कुछ युवक पास आए। उनमें से एक युवक प्रेम ने बताया कि यह शव उनके चाचा बुध सिंह का है। सुबह ही एक सड़क हादसे में उनकी मौत हो गई थी। सड़क के किनारे अंतिम संस्कार क्यों कर रहे हो? यह पूछने पर प्रेम ने बताया कि श्मशान की जमीन पर आसपास के खेत वालों ने कब्जा कर लिया है। इस वजह से हम लोगों को बड़ी दिक्कत हो रही है। जिन लोगों ने कब्जा कर रखा है उनसे कुछ कहते हैं तो वे कहते हैं मुर्दा जलाना है तो कहीं भी जला लो। प्रेम ने यह भी बताया कि अब उसके गांव अटेरना शमशाबाद में हिन्दुओं के सिर्फ तीन घर बचे हैं।

गोवंश की हत्या

स्थानीय लोगों ने बताया कि पूरे मेवात में सूर्योदय से पहले ही सैकड़ों गोवंश की हत्या हो जाती है। फिर उनके मांस को एक किलो, आधा किलो की थैलियों में बंद करके बेचा जाता है। मांस बेचने के लिए लोग गांव-गांव घूमते हैं। उनकी संख्या दूध बेचने वालों से अधिक होती है। यहां तस्करी से गोवंश लाया जाता है। मेवात भाजपा के पूर्व अध्यक्ष एवं भाजपा गो प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष श्री भानीराम मंगला कहते हैं, 'गो हत्यारों को मेवात के स्थानीय नेताओं का संरक्षण प्राप्त है। इसलिए उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो पाती है। वोट की राजनीति ने मेवात की सभ्यता व संस्कृति को बदलकर रख दिया है।'

मस्जिद एवं मदरसों की बाढ़

पूरे मेवात में बड़ी संख्या में मस्जिदों और मदरसों का निर्माण हो रहा है। मुख्य सड़क के किनारे हर मोड़ पर मस्जिदें बन रही हैं और 8-10 गांवों के बीच एक बड़ा मदरसा बन रहा है। कोई भी अपराध करके अपराधी सड़क के किनारे की मस्जिद में छिप जाते हैं। जो अपराधी मस्जिद में छिप जाता है वह पुलिस की पकड़ से बाहर हो जाता है, क्योंकि पुलिस मस्जिद के अंदर तलाशी लेने से बचती है। एकाध बार पुलिस ने ऐसा किया तो पुलिस पर मजहबी ग्रंथों के अपमान का आरोप लगाकर खूब हंगामा मचाया गया।

बसाए जा रहे हैं विदेशी

मेवात के कई हिस्सों में बंगलादेशी मुस्लिम घुसपैठियों और म्यांमार से भगाए गए रोहिंग्यायी मुस्लिमों को बसाया जा रहा है। इन्हें बसाने के लिए ग्राम पंचायतों की जमीन उपलब्ध कराई जा रही है। केनाल रेस्ट हाउस (यह एक स्थान का नाम है), पुन्हाना में तम्बू लगाकर इन मुस्लिमों को रखा जाता है। इसके बाद अन्य पंचायतों में उन्हें बसाया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि इन मुस्लिमों की मदद जमीयत उलेमा हिन्द के अलावा मेवात के अनेक मजहबी संगठन, पंचायत प्रतिनिधि और विभिन्न राजनीतिक दलों के मुस्लिम नेता कर रहे हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि करीब 200 विदेशी मुस्लिम परिवारों को नूंह के रेवसन और फिरोजपुर झिरका के पास बसाया गया है। सूत्रों के अनुसार इन मुस्लिमों की मदद के लिए स्थानीय मुस्लिमों से पैसा वसूला जा रहा है। यह भी पता चला है कि इन मुस्लिमों के नाम मतदाता सूची में दर्ज कराने की कोशिश की जा रही है।

तब्लीगी जमात

मेवात के मुस्लिमों में कट्टरवाद घोलने का काम तब्लीगी जमातें कर रही हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि जमात के लोग गांव-गांव घूमते हैं और मुस्लिम युवाओं को जिहाद और लव जिहाद के लिए उकसाते हैं। साथ ही हिन्दुओं को मुस्लिम बनाने का काम करते हैं। पिन्गवां के एक युवक ललित ने बताया कि करीब एक साल पहले मौलानाओं के भाषण से प्रभावित होकर वह मुस्लिम बन गया था और इस्लाम का प्रचार करने लगा था। किन्तु जल्दी ही उसे अपनी गलती का अहसास हुआ और आर्य समाज के कार्यकर्ताओं के सहयोग से पुन: हिन्दू हो गया। इस तरह की घटनाएं मेवात में प्राय: रोज ही घटती हैं। मेवात के अधिकतर मुस्लिम युवा ट्रक चालक हैं। इस बहाने उन्हें पूरे भारत में जाने का मौका मिलता है। आए दिन ये युवा कहीं न कहीं से हिन्दू युवतियों को साथ ले आते हैं। कुछ दिन मौज-मस्ती करते हैं फिर उन्हें आपस में ही बेच देते हैं। आर्य वेद प्रचार मंडल मेवात के संरक्षक श्री पदमचंद आर्य ने बताया कि ऐसी अनेक युवतियों को हमारे कार्यकर्त्ताओं ने जान हथेली पर रखकर मुस्लिमों से छुड़ाया है।

इस्लामी शैली में सरकारी भवन

मेवात में जो भी सरकारी भवन बन रहे हैं, उनमें इस्लामी शैली की छाप स्पष्ट रूप से दिखती है। उदाहरण के लिए आप नूंह में बन रहे नए सचिवालय और नूंह के पास ही नल्लड़ गांव में बन रहे चिकित्सा महाविद्यालय को ले सकते हैं। ये दोनों भवन इस्लामी शैली में बन रहे हैं। इनमें मस्जिद की तरह मीनारें और गुम्बद हैं। क्या हिन्दूबहुल क्षेत्र में कोई सरकारी भवन मंदिर की शैली में बन सकता है? यदि नहीं तो मेवात में ऐसा क्यों हो रहा है? मांडीखेड़ा का अल-आफिया जनरल अस्पताल, जिसका निर्माण ओमान के सुल्तान ने अपनी बेटी के नाम पर किया है, भी पूरी तरह इस्लामी शैली में है। सवाल उठता है कि इस्लामी शैली में एक अस्पताल के भवन का निर्माण क्यों किया गया? इसकी अनुमति किसने दी?

पुलिस की पिटाई

मेवात में आएदिन पुलिसकर्मियों की पिटाई होती है। पिछले 10 महीने में ऐसी 40 घटनाएं हो चुकी हैं। जब भी पुलिस किसी अपराधी, तस्कर, बलात्कारी या हत्यारे की धर-पकड़ के लिए जाती है तो स्थानीय लोग पुलिसकर्मियों को घेर कर पीटते हैं। दिल्ली में भी मेवात के युवा डकैती, हत्या, छीना-झपटी, बलात्कार आदि घटनाओं में शामिल पाए जाते हैं। दिल्ली में उन्हें 'मेवाती गिरोह' के नाम से जाना जाता है। जब भी दिल्ली पुलिस मेवाती गिरोह के किसी अपराधी को पकड़ने के लिए मेवात जाती है तो उसकी भी पिटाई होती है।

सामाजिक संगठन

मेवात में हिन्दुओं का हौसला बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक, भाजपा एवं आर्य समाज के कार्यकर्ता और कुछ अन्य संगठनों के लोग प्रयासरत हैं। प्रो. जयदेव आर्य कहते हैं, 'जब भी हिन्दुओं के साथ कोई घटना होती है इन संगठनों के कार्यकर्ता ही उनकी ओर से आवाज उठाते हैं। इसके बाद ही प्रशासन हिन्दुओं की रक्षा के लिए कुछ कदम उठाता है।' भारतीय शुद्धि सभा एवं गोरक्षा समिति के बैनर तले मेवात में काम कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता सुन्दर मुनि कहते हैं, 'मेवात में स्थिति तब ठीक हो सकती है जब मेव मुस्लिमों को उनकी प्राचीन संस्कृति से अवगत कराया जाए। उन्हें यह बताने की जरूरत है कि मेवात के हिन्दुओं और मुस्लिमों का खून एक ही है, फिर अपने हिन्दू भाइयों को प्रताड़ित क्यों कर रहे हो?'
 

Wednesday, October 3, 2012

गाँधी कि करतूते : एक झलक


गाँधी कि असलियत लिखने से पूर्व उसके अच्छे कार्यों के लिए मेरा उसको नमन जो महात्मा गोडसे ने भी किया था | भारत गांधी के लिए भी माँ के सामान हैं वो और उसके अनुयायी माने या ना माने तो कोई भी अपनी माँ का बाप नहीं हो सकता इस प्रकार गांधी या कोई भी राष्ट्र पिता कि पदवी नही पा सकता |

१.       अली बंधूओ ने जब अफगानिस्तान के आमीर(राजा) को भारत पर हमला करने को कहा तब गाँधी ने पूरी सहमति दी ये कह के जैसे हम मुगलो के प्रति वफादार रहे हैं आपके प्रति भी रहेंगे | देश कि खुशकिस्मती के ब्रिटिश सी आई डी ने चिठ्ठी पकड़ ली |
२.       असहयोग आन्दोलन के लिए जब २ साल से लोग अपनी नौकरी स्कूल कोलेज छोड के घर बैठे थे और गाँधी से उम्मीद करे थे खुद गाँधी ने  पुरे देश को धोखा दिया और अन्दोलान वापस ले लिया |
३.       नौ लाख मुसलमानों को वापस हिंदू धर्मं में लाने वाले गुरुकुल कांगडी के संस्थापक, आर्य समाज और हिन्दुओ के सबसे बड़े नेता स्वामी श्रद्धानंद के हत्यारे का गाँधी ने बचाव किया |
४.       पर इन महापुरुष/युगपुरुष ने राज गुरु, सुखदेव और भगत सिंह कि फ़ासी रुकवाने के लिए कुछ नहीं किया|
५.       सुभाष चंद्र बोसे को कांग्रेस से इस्तीफा दिलवा के ही माना |
६.       श्यामा प्रसाद मुखर्जी के प्रयासों से बटवारा रुक सकता था पर जिन्ना से समझौता कर आया कथित महात्मा |
७.       हिन्दुओ को सर झुका के गरदन कटाने कि सलाह देते रहे | भरी सर्दी में जामा मस्जिद से पकिस्तान से आये हिन्दुओ को निकाल बाहर करवा दिया और खुद बिरला हाउस में आराम करता रहा |
८.       चारित्रिक तौर पर भी गाँधी कि असलियत खुलने लगी हैं आश्रम में रहने वाली कई औरतो से गांधी के अवैध सम्बन्ध रहे हैं |
९.       जब पाकिस्तान के कबाईलीयो ने कश्मीर पर हमला किया तब ये भारत को ५५ करोड रूपय देने के लिए अनशन करने जा रहा था |
१०.    जिन्ना ने पाकिस्तान से पूर्व पाकिस्तान के बीच ३० किलोमीटर चौड़ी पट्टी कि मांग कि थी उसके लिए भी गाँधी तैयार हो गया था |
यदि गांधी वध ना होता तो ना इतना कश्मीर हमें मिल पाता और ना ही आन्ध्र प्रदेश आज भारत का हिस्सा बन पाता क्यों के पटेल सेना कि कार्यवाही ऑपेरशन पोलो ना करवा पाते |
११.    गाँधी ने अग्रेजो कि बनाइ कांग्रेस को अपना नेतृत्व दे कर उसके उद्देश्य कि पूर्ति कि जो नेता तो भारतीयों का था पर बिना अवरोध के अंग्रेजो कि नीतियों पर हस्ताक्षर करता गया |
१२.    देश के नेताओं ने १९०५ का बंगाल विभाजन एक करवा दिया उस देश को १९४७ का भारत विभाजन सिर्फ इसलिए झेलना पड़ा क्यों कि देश कि कमान गांधी जैसे अनार्य(अनाडी) के हाथ में थी |
१३.    संविधान के अनुसार किसी व्यक्ति विशेष का चित्र छापना निषेध हैं पर १९९६ में गांधी कि असलियत और गिरती शाख को बचने के लिए नोटों पर छापना प्रारंभ कर दिया गया |
१४.    जब एक औरत ने कहा था के गाँधी जी मेरी लड़की का बलात्कार ४ मुसलमानों के किया हैं तो ये महात्मा गाँधी कहते हैं तो क्या हुआ वो तुम्हारी लड़की को कुछ दे के गए ले के तो नहीं गए |
एक गाँधी ने भारत विभाजन और मुस्लिम तुष्टिकरण कि अपार नीतिया दी अब तो घर घर गाँधी हैं |
महात्मा गोडसे कि अस्थिया अभी भी भारत के एक होने का इन्तेजार कर रही हैं |
गाँधी के क्रिया कलापों कि लिस्ट बहुत लंबी हैं |
और असलियात जानने के लिए गाँधी वध क्यों (महात्मा नाथू राम गोडसे का न्यायलय में दिया गया बयान) गाँधी बेनकाब (हंसराज रहबर कि) भारत गांधी नेहरु कि छाया में (गुरुदत्त) इत्यादि पुस्तक देखे |
                                                                       


Tuesday, September 11, 2012

सपा विधायक के खुलासे पे स्पष्टीकरण दे मुख्यमंत्री

हाल में ही सपा के एक मिया विधायक ने बताया के उन्हें आदेश आया हैं ब्राह्मणों की कोई मदद ना की जाये | अब हम इसे सिर्फ मिया भाइयो की फूट डालने की चाल ही समझते हैं | क्यों की राजनीति में तो वोटबैंक खिसकता रहता हैं | मुस्लिम वोट तो हमेशा जामा मस्जिद के फतवे पर चलते हैं और कभी एक के नहीं हुए | तो कल को मुस्लिम किसी और को वोट दे दे और सपा ब्राह्मणों के बूते सत्ता में आये तो क्यों अखिलेश जी ऐसी गैर जिम्मेदाराना बात कहेंगे कदापि नही | आखिर उन्होंने मुख्यमंत्री बनते समय समाज में समता पूर्ण भेद भाव रहित व्यहवार करने की सपथ खाई हैं | और अंदर क्या होता हैं इस से जनता को क्या लेना देना हम तो यही मानते हैं की ऐसा कोई निर्देश सपा की तरफ से नहीं आया होगा और ये फूट डालने की चाल हैं | और सपा की तरफ से स्पष्टीकरण आना चाहिए और इन विधायक महोदय को निष्काषित करना चाहिए समाज में एक जिम्मेदार पद पर बैठ कर सपा की छवि खराब करने के लिए |

Friday, June 8, 2012

कुरान में शैतान की आयते(कुरान के अनुसार शैतान अल्लाह और मोहम्मद से अधिक बुद्धिमान हैं)


जैसा के मैं आपको बता चूका हू के अल्लाह की तीन बेटीया हैं कुरआन भी इस बात की पुष्टि करती हैं | देखिये कुरआन की सूरा अन नज्म की आयत १९ और २० का प्रमाण, ये मक्का में उतारी आयते हैं |
Q53:19-20:तो क्या तुमने लात और उज़्ज़ा (19) और तीसरी एक और (देवी) मनात पर विचार किया? (20)
यहाँ अल्लाह खुद उसकी बेटियों पर विचार करने को कहे रहा हैं |
ना केवल इतना मोहम्मद ने अल उज्जा की पूजा की थी | देखिये प्रमाण
हादिस शाही बुखारी : जिल्द ७ किताब ६७ संख्या ४०७
अब्दुल्लाह ने बताया :
अल्लाह के दूत ने कहा के जैद बिन अम्र नुफैल से बलदाह के पास मिले और ये सब अल्लाह के दूत के अध्यात्मिक प्रेरणा पाने से पहले हो चूका था | अल्लाह के दूत ने जैद बिन अम्र को गोश्त का एक व्यंजन (जो उस काफिर द्वारा पेश किया जा चूका था ) भेट किया लेकिन जैद ने उसमे से खाने से इनकार कर दिया और फिर मूर्तिपूजको से कहा तुम अपनी बलिवेदी पर जो बलि देते हो वो मैं नहीं खाता ना ही मैं वो बलि खाता हू जिसपर अल्लाह के नाम के अलावा कुछ और वर्णन किया गया हो |
इब्न इशाक की सिरा के पृष्ठ २६-२७ में यही बात मिलती हैं |
हिशाम इब्न अल कलबी के पृष्ठ १७ पर इसी भी इस बात की पुष्टि होती हैं |
http://answering-islam.org/Books/Al-Kalbi/uzza.htm
अब देखिये जैद की बुद्धि मोहम्मद से ज्यादा प्रकाशित थी क्यों की वो तो कोई पैगम्बर और नबी भी नहीं था |
एक तरफ कुरान कहती हैं के मोहम्मद कभी बहका नहीं दूसरी तरफ हम इसका प्रमाण देखीये |
Q53:02-तुम्हारी साथी (मुहम्मह सल्ल॰) न गुमराह हुआ और न बहका; (2)
http://tanzil.net/#trans/hi.farooq/53:2
इन बातो से ये तो समझ में आता ही हैं के मोहम्मद मूर्तिपूजक था खुद मूर्तिपूजा का विरोध करने से पहले | अब आखिर उसने अल्लाह की बेटियों की बात क्यों कही(हमारे लिए कुरान मोहम्मद के शब्द हैं) जब के वो खुद को पैगम्बर साबित करने पर तुला हुआ था | तो हमें गहराई में जाना होगा की ये आयते कब उतरी किन परिस्तिथियों में उतरी | दरअसल मोहम्मद और उसकी नफरत की शिक्षाओं के कारण मुसलमान मूर्तिपूजको और उसके ही कबीले कुरैशो को दिन रात गाली देते थे झगडा करते थे | और उनको बराबर मोहम्मद भडकता रहता था (आज वही काम कुरान में सुरक्षित उसकी शिक्षाए कर रही हैं) तो तंग आकार वहा के लोगो ने मुसलमानों का आर्थिक बहिष्कार शुरू कर दिया | जैसे मुसलमानों के आत्मघाती हमले का कोई समाधान नहीं उसी प्रकार गैर मुसलमानों का मुसलमानों का आर्थिक बहिष्कार का कोई उपाय नहीं | 
तो ऐसे वक्त में मोहम्मद ने अल्लाह की बेटियों की तारीफ की इन २ आयतों में १९-२० | उसकी ये आयते देते ही कुरैश बहुत खुश हो गए | मुसलमानों को लगा के अब उन्हें मक्का में दिक्कत नहीं होगी तो जो कुछ मुस्लमान अबसिनिया चले गए उनमे से ३० मुसलमान वापस आ गये | पर वहा के कुछ मुसलमानों ने इस्लाम छोड दिया मोहम्मद की वैचारिक स्थिरता ना देख कर |
पर जल्द मोहम्मद को जल्द ही अपनी गलती का एहसास हुआ के उसने तो अल्लाह और लोगो के बीच मध्यस्त तैयार कर दिया अब मोहम्मादुर रसूल इल्लाह की लोगो की जरुरत क्या | इसलिए उसने इन २ आयतों को शैतानी घोषित करते हुए मनसुख यानी रद्द कर दिया | हमारे मुस्लिम आलिम भाई भी यही बात मानते हैं के ये शैतानी आयते हैं यानी शैतान ने ये आयते लाकर रसूल को दी थी | तो अब देखिये इसी मान्यता अनुसार शैतान कितना बुद्धिमान हैं के प्रथम तो उसने अल्लाह को बेवकूफ बनाया फरिस्ते जो डाकिये का काम करते थे अल्लाह और पैगम्बर के बीच में उनकी जगह शैतान ने ले ली और अल्लाह तो अल्लाह उसने उसके रसूल को भी बेवकूफ बनाया | ये बात मुसलमानों को तो माननी पड़ेगी क्यों की मोहम्मद को तो वो चालबाज़ मानेंगे नहीं हम तो मुसलमानों की खुशी में खुश हैं | अब जरा हम उन नयी आयतो को भी देख ले जो पूर्व की आयतों को रद्द करती हैं कुरआन की यही तो विशेषता हैं के आगे की आयत पीछे की आयतों को रद्द करती चलती हैं ठीक वैसे ही जैसे कुरान पूर्व की किताबो को रद्द करती हैं |

आगे बढते हैं
Q21-22:“क्या तुम्हारे लिए तो बेटे है उनके लिए बेटियाँ? (21) तब तो यह बहुत बेढ़ंगा और अन्यायपूर्ण बँटवारा हुआ! (22)
यानी जब आप लोग लडको की कामना करते हैं तो अल्लाह की कैसे लड़किया हो सकती हैं ये अन्याय हैं | देख रहे दोहरे मापदंड एक तरफ तो अल्लाह की ही परिभाषा ही यही थी के उसके जैसा कोई नहीं और दूसरी तरफ मोहम्मद ने इंसानों से खुदा की तुलना की और खुदा इंसानों की तरह ही लड़का लड़की का ख्याल रखता हैं | फिर भी मोहम्मद ये नहीं कह सका के खुदा के कोई लड़का लड़की नहीं हो सकता यहाँ तो ये सिद्ध हो रहा हैं के उसके लड़का नहीं लड़की हैं शायद मोहम्मद में झिझक थी क्यों की आर्थिक बहिष्कार जो की ६१७ ई से ६१९ चला था उसका दबाव रहा होगा | और आगे बढते हैं, मोहम्मद ने फिर शब्दों का खेल चालु किया जो के मुसलमान आज भी करते हैं |
 Q23-25: वे तो बस कुछ नाम है जो तुमने और तुम्हारे बाप-दादा ने रख लिए है। अल्लाह ने उनके लिए कोई सनद नहीं उतारी। वे तो केवल अटकल के पीछे चले रहे है और उनके पीछे जो उनके मन की इच्छा होती है। हालाँकि उनके पास उनके रब की ओर से मार्गदर्शन आ चुका है (23) (क्या उनकी देवियाँ उन्हें लाभ पहुँचा सकती है) या मनुष्य वह कुछ पा लेगा, जिसकी वह कामना करता है? (24) आख़िरत और दुनिया का मालिक तो अल्लाह ही है (25)
तो क्या मोहम्मद के लिए सनद(प्रमाण पत्र) उतारी हैं ? कहे कुरान तो वो कोई सनद नहीं उस वक्त तो कुरान पूरी भी नहीं हुई थी फिर मोहम्मद न अपने पैगम्बर होने का प्रमाण दे सका और ना ही कुरान के इश्वरी होने का फिर दूसरों से क्या बोल रहा हैं |
और अटकले(?) क्या अल्लाह ये भी नहीं बोल पा रहा के मेरी कोई लड़की नहीं | मोहम्मद सीधे-२ हिम्मत नहीं कर पा रहा था इसलिए घुमा फिर के २ अर्थो वाले वाक्य बोल रहा था | अगर कुरैश चर्चा करने आये तो अल्लाह की बेटिया हैं ये तो माना और अगर मुस्लमान आये तो वो कुछ कर नहीं सकती क्यों के चमत्कार नहीं करती अल्लाह ही आखिरत में सब देखेगा | अब सोचिये जरा अल्लाह इतने देवी देवताओं में सिर्फ ३ का ही नाम ले रहा हैं |
बात सिर्फ यहाँ कुरैशो को खुश करने की थी इस कारण इन सबसे मोहम्मद की चालबाजीया ही साबित होती हैं पर मुस्लमान तो मोहम्मद का नाम आते कुछ सुनेंगे ही नहीं | तो हम शैतानी आयते १९ और २० को मुसलमानों की खुशी के अनुसार मान शैतानी मान लेते हैं पर शैतान के आगे मोहम्मद और अल्लाह दोनों मुर्ख सिद्ध होते हैं ऐसी मान्यता से |
अन्तराष्ट्रीय विद्वान सलमान रुश्दी (भूतपूर्व मुस्लिम) ने अपनी पुस्तक "दी सैटनिक वेर्सेस" में यही बात समझाई हैं | इन शैतानी अयातो की तफसीर बड़े बड़े आलिमो ने नहीं की तफसीरे तुस्तरी में १८ के बाद सीधे ४८ आयत आती हैं, जलायानी भी इन दो आयतों की व्याख्या नहीं करते सिर्फ अनुवाद करते हैं | मुस्लिम भाइयो चिंतन करिये की कितनी विरोधाभासो से भरी हुई है कुरान | इश्वर के ज्ञान से आप दूर हैं |

Sunday, May 13, 2012

दलित मुस्लिम की आरक्षण की लड़ाई भी लड़ेंगे रामदेव - दैनिक जागरण

भाइयो,  आज का अखबार उठाइये और देखिये | आगया अपनी औकात पर |मुल्ला मुलायम के पदचिन्हों पर | यादव शक्ति, जानता हैं के उस के भक्त तो मुर्ख हैं कुछ भी बोले साथ देंगे ही देंगे जैसे मुलायम सिंह का यादव साथ देते हैं | भारत के विभाजन का जो कारण था आज इस्लामीकरण का वही कारण हैं |मुस्लिम तुस्टीकरण करने वाले कांग्रेसी कम थे जो गांधी की नीतियों परचलने वाला बाबा रामदेव आगया | इतना ही नहीं भ्रष्टाचार के साथ उसने मुस्लिम आरक्षण को भी जोड़ दिया | नीचता ही हादे पार हैं
 खैर आप ठहरे बाबा भक्त कहा सुनेंगे मेरी......अखबार में दिया बयां तो पढ़ ही लीजिए |
जागरण संवादाता , नई दिल्ली
योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा हैं के की दलित मुसलमानों को धर्म के आधार पर आरक्षण देने से वंचित रखना इन्साफ का गला घोटने के समान हैं | दलित किसी धर्म के हो सब सब के साथ समानता होनी चाहिए | रामदेव शनिवार को दिल्ली स्थित इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर में सम्मलेन को संबोधित कर रहे थे | इसका आयोजन आल इंडिया यूनाटेड मुस्लिम मोर्चा ने किया था |
बुनियादी समस्यायों को लेकर आयोजित मुसलमानों के सम्मलेन में पहली बार योग गुरु ने शिरकत की | योग गुरु ने कहा के मुस्लिम समाज के साथ केंद्र सरकार भेद भाव करती आ रही हैं, यह भी भ्रष्टाचार का ही एक रूप हैं | उन्होंने मुस्लिमो के साथ ही इसाई दलितो को आरक्षण के दायरे में लाने के लिए संविधान के अनुछेद ३४१ में संशोधन की मांग भी की | उन्होंने काले धन की वापसी एवं भ्रष्टाचार को रोकने के लिए मुस्लिम समाज से जन आंदोलन में शामिल होने का आग्रह किया | मौके पर उन्होंने कहा के बेईमान नेता, कारपोरेट व नौकरशाहों की वजह से देश का ९५ फ़ीसदी धन मुट्ठी भर लोगो के पास हैं | उन्होंने कहा के कुछ लोगो ने हिंदू और मुस्लिमो के बीच दीवार खड़ी करने का प्रयास किया हैं और उन्हें सबक सिखाए जाना चाहिए |
पूर्व सांसद इल्यास आजमी ने कहा के मुसलमानों को १९३६ में आरक्षण दिया गया था, लेकिन केन्द्र सरकार ने १० अगस्त, १९५० में अध्यादेश जारी कर इनको आरक्षण से वंचित कर दिया | सम्मलेन को देश के विभिन्न हिस्सों से आये मुस्लिम संगठनो के प्रतिनिधियो के अलावा दलित नेता उदित राज व भाजपा नेता सघप्रिय गौतम ने भी संबोधित किया |
http://in.jagran.yahoo.com/epaper/index.php?location=30&edition=2012-05-13&pageno=18

Wednesday, May 2, 2012

अल्लाह मिया हैं (तस्य अल्लाह प्रतिमा अस्ति)


जी हां अल्लहा मिया हैं | मिया ज़ाकिर नाइक और उसके चेले अक्सर वेद का मन्त्र “ना तस्य प्रतिमा अस्ति” अर्थात “उस ईश्वर की कोई प्रतिमा नहीं” प्रयोग करते हैं | यह सत्य हैं वेद जिस निराकार ईश्वर की बात करते हैं उसकी वाकई कोई प्रतिमा नहीं | प्रतिमा का अर्थ माप ले तो भी वेद में वर्णित ईश्वर की कोई प्रतिमा नहीं पर अल्लाह की प्रतिमा हैं | और आपने भी कई बार सूना होगा हमारे मुस्लिम भाईयो को "अल्लाह मिया" कहते हुए, हमारे मुस्लिम भाई सब जानते हैं | पता नहीं जनाब ज़ाकिर नायक इस्लाम और कुरान का अपमान क्यों कर रहे हैं | वेद मंत्रो का प्रयोग करना तो अच्छी बात हैं पर अल्लाह का तो माप भी हैं हाथ,पाँव,आँख,कान सभी कुछ हैं बल्कि उसने तो खुद को देख कर इंसान को बनाया (इस्लामी मान्यता अनुसार) फिर कुरान छोड कर वेद की ऋचा का प्रचार (?)| बताइए कितने असहाय हैं ज़ाकिर महोदय, जानते हैं के जग हसी होगी अगर कुरान का अल्लाह बताया सो वेद का सहारा ले रहे हैं | अरे भाई अल्लाह की प्रतिमा हैं “तस्य अल्लाह प्रतिमा अस्ति” यह सब मैं कुरान के प्रमाण से सिद्ध करूँगा | जब अल्लाह आदमी हैं और उस की कद काठी हैं तो प्रतिमा तो बनेगी ही | पर मोहम्मद कि तो विरोधवृति थी ..... विरोध कर के उसे अपनी पहचान बनानी थी बनाई भी | प्राचीन अर्व वासी बहुदेव वादी थे  तो मोहम्मद ने एक ईश्वर बोलना चालू कर दिया | वे मूर्ति पूजा करते थे तो उसने मूर्ति पूजा निषिद्ध कर दी |
और इतना ही नहीं अल्लाह की एक बीवी भी थी जिसका नाम लिलिथ हैं उसकी तीन बेटियों हैं अल्लत(युद्ध देवी), अल उज्जा(बलिदान देवी), और अल मानत(भाग्य देवी) था | अल्लाह के एक नाजायज औलाद से तो सब वाकिफ हैं जिसका नाम इसा हैं | उसी ने मरयम की योनी में फुक मार कर इसा को पहुचाया | अल्लाह की बेटियों की बात तो कुरान साफ़ बताती हैं |
इस्लाम में बच्चे ऐसे ही होते हैं तभी कहा जाता हैं सब अल्लाह का करम हैं (आगे प्रमाण देखियेगा आनंदित होंगे) | और मोहम्मद का झगडा बस इतना था की अल्लाह की बेटियों की बजाए बाप को पूजा जाए |  मिया मोहम्मद तो एक बार मिलने भी गए थे अल्लाह मिया से उड़ने वाले गधे पर चढ कर (वो प्रकरण फिर कभी) अब कुरान और मोहम्मद साहब की बेइज्जती तो सिर्फ ज़ाकिर साहब ही कर सकते हैं | हम तो बस वही लिखेंगे जो हदीसे कहती हैं कुरान कहती हैं | बाकी विषय तो अन्य लेख में हम लिखते जाएँगे |
और जो लोग ये कहते हैं के ईश्वर अल्लाह तेरो नाम | वो ना ईश्वर को जानते हैं ना अल्लाह को | मुस्लिम एक खुदा-एक खुदा बहुत चिल्लाते हैं एक हैं तो लोंग अनुमान करते हैं के अल्लाह निराकार हैं | अल्लाह के निराकार होने का तकिया (गैर मुसलमानों से झूठ बोलने का धार्मिक अधिकार) की बात करते हैं | निराकार परमात्मा का उच्च सिद्धांत दुनिया में सिर्फ वैदिक धर्मं बतलाता हैं और कोई मजहब (सम्प्रदाये) नहीं | वेद पुराण उसी एक पर ब्रह्म परमात्मा के गुणों को बताते हैं | पर वेदों से दूर मनुष्य इतनी उच्च कोटि की बात कहा समझेगे |
लंबा लेख लोंग पढते नहीं वरना हदीस के भी खूब प्रमाण देता | अल्लाह हर जगह नहीं हैं दूर सातवे आसमान पर बैठा हुआ हैं और वही से पैगम्बर भेजता हैं | हर जगह होता तो उसे पैगम्बर की जरुरत नहीं होती | निराकार ईश्वर की अगर इस्लाम ने मान लि तो इस्लाम खत्म हो जाएगा क्यों की फिर उसे पैगम्बर की जरुरत नहीं पड़ेगी | तो वैदिक धर्मं अनुसार अगर परमात्मा हर जगह हैं और इसीलिए उसे अवतार की जरुरत नहीं | हां पौराणिक मान्यता अनुसार ईश्वर अवतार लेता हैं सो भी अल्लाह से बेहतर हैं कमसे कम भक्तो की रक्षा में प्रमाद तो नहीं करता |
इस्लाम मानवता के लिए बड़ा खतरनाक सम्प्रदाये हैं  अपनी अमानवीय शिक्षाओं के कारण | इस्लाम के झूठ के प्रचारक ज़ाकिर नाईक वेद का मंत्र “ना तस्य प्रतिमा अस्ति”  प्रयोग कर के अल्लाह के सिवा किसी और खुदा का प्रचार कर रहे हैं जानबुझ कर | जैसे मोहम्मद ने सबकी आस्थाओ के विरुद्ध कार्य किया आज मुसलमानों ने ये गुण लिया हैं मोहम्मद से, उन्हें दुनिया के हर सम्प्रदाये में बुरे नजर आती हैं सिवाए इस्लाम के |
व्यभिचारी मनुष्य में इतनी बुद्धि नहीं होती के वो निराकार ईश्वर का सिद्धांत समझ सके,मोहम्मद से बड़ा व्यभिचारी तो इतिहास में ढूंढे नहीं मिलता | अवतार मानने वाले हिंदू भाई भी निराकार भी हैं साकार भी हैं ऐसा मानते हैं पर निराकार तो मानते ही हैं | पर इस्लाम दुनिया का सबसे बड़ा बुत परस्त सम्प्रदाये हैं | और इस लेख के बाद अगर मुसलमान भाई अल्लाह को फिर भी निराकार कहते हैं तो मेरे लिए इस से बड़ी बात ना होगी और अगर वैसा ही मानते हैं जैसा कुरान में लिखा हैं और तो ये मूर्तिपूजको के लिए खुशी की बात हैं के अल्लाह की भी मूर्ति हैं भले ही अल्लाह के गुण मानवता के विरुद्ध हो पर मुसलमानों के लिए रखता तो वो खुदा का ख़िताब हैं, फिर मुसलमानों से बड़ा बुत परस्त कौन हैं(?) | दोनों ही तरह से आप हिन्दुओ और इस्लाम में समानता देखेंगे थोड़ी ही सही पर हैं तो | चलिए शुरू करते हैं....

एकदेशी अल्लाह: अल्लाह सर्व्यापक नहीं, एक जगह बैठा हुआ हैं, लोंग उसके सामने झुकाने के लिए बुलाये जायेंगे
Q68:42:जिस दिन पिंडली खुल जाएगी और वे सजदे के लिए बुलाए जाएँगे, तो वे (सजदा) कर सकेंगे (42)
Q75:22-23:किनते ही चहरे उस दिन तरो ताज़ा और प्रफुल्लित होंगे, (22) अपने रब की ओर देख रहे होंगे। (23)
Q03:16: जिस दिन वे खुले रूप में सामने उपस्थित होंगे, उनकी कोई चीज़ अल्लाह से छिपी न रहेगी, "आज किसकी बादशाही है?" "अल्लाह की, जो अकेला सबपर क़ाबू रखनेवाला है।" (16)
Q33:44: जिस दिन वे उससे मिलेंगे उनका अभिवादन होगा, सलाम और उनके लिए प्रतिष्ठामय प्रदान तैयार कर रखा है (44)
अल्लाह के कान और आँख
Q04:58:अल्लाह तुम्हें आदेश देता है कि अमानतों को उनके हक़दारों तक पहुँचा दिया करो। और जब लोगों के बीच फ़ैसला करो, तो न्यायपूर्वक फ़ैसला करो। अल्लाह तुम्हें कितनी अच्छी नसीहत करता है। निस्सदेह, अल्लाह सब कुछ सुनता, देखता है (58)
Q42:11: वह आकाशों और धरती का पैदा करनेवाला है। उसने तुम्हारे लिए तुम्हारी अपनी सहजाति से जोड़े बनाए और चौपायों के जोड़े भी। फैला रहा है वह तुमको अपने में। उसके सदृश कोई चीज़ नहीं। वही सबकुछ सुनता, देखता है (11)
Q26:218-219:जो तुम्हें देख रहा होता है, जब तुम खड़े होते हो (218) और सजदा करनेवालों में तुम्हारे चलत-फिरत को भी वह देखता है (219) निस्संदेह वह भली-भाँति सुनता-जानता है (220)

अल्लाह की आँखे
Q96:14: क्या उसने नहीं जाना कि अल्लाह देख रहा है? (14)
Q52:48:अपने रब का फ़ैसला आने तक धैर्य से काम लो, तुम तो हमारी आँखों में हो, और जब उठो तो अपने रब का गुणगान करो; (48)
Q20:39: कि उसको सन्दूक में रख दे; फिर उसे दरिया में डाल दे; फिर दरिया उसे तट पर डाल दे कि उसे मेरा शत्रु और उसका शत्रु उठा ले। मैंने अपनी ओर से तुझपर अपना प्रेम डाला। (ताकि तू सुरक्षित रहे) और ताकि मेरी आँख के सामने तेरा पालन-पोषण हो (39)
Q54:14: जो हमारी निगाहों के सामने चल रही थी - यह बदला था उस व्यक्ति के लिए जिसकी क़द्र नहीं की गई। (14)

अल्लाह के हाथ : लोगो को संशय ना हो इसलिए कुरान दो हाथो की बात स्पष्ट बताती हैं |
Q05:64:और यहूदी कहते है, "अल्लाह का हाथ बँध गया है।" उन्हीं के हाथ-बँधे है, और फिटकार है उनपर, उस बकबास के कारण जो वे करते है, बल्कि उसके दोनो हाथ तो खुले हुए है। वह जिस तरह चाहता है, ख़र्च करता है। जो कुछ तुम्हारे रब की ओर से तुम्हारी ओर उतारा गया है, उससे अवश्य ही उनके अधिकतर लोगों की सरकशी और इनकार ही में अभिवृद्धि होगी। और हमने उनके बीच क़ियामत तक के लिए शत्रुता और द्वेष डाल दिया है। वे जब भी युद्ध की आग भड़काते है, अल्लाह उसे बुझा देता है। वे धरती में बिगाड़ फैलाने के लिए प्रयास कर रहे है, हालाँकि अल्लाह बिगाड़ फैलानेवालों को पसन्द नहीं करता (64)
Q38:75:कहा, "ऐ इबलीस! तूझे किस चीज़ ने उसको सजदा करने से रोका जिसे मैंने अपने दोनों हाथों से बनाया? क्या तूने घमंड किया, या तू कोई ऊँची हस्ती है?" (75)
लिखने वाला अल्लाह: मोहम्मद अनपढ़ सही,पर उसने पढ़े-लिखे अल्लाह की कल्पना की Q07:145: और हमने उसके लिए तख़्तियों पर उपदेश के रूप में हर चीज़ और हर चीज़ का विस्तृत वर्णन लिख दिया अतः उनको मज़बूती से पकड़। उनमें उत्तम बातें है। अपनी क़ौम के लोगों को हुक्म दे कि वे उनको अपनाएँ। मैं शीघ्र ही तुम्हें अवज्ञाकारियों का घर दिखाऊँगा (145)
हाथ हैं तो मुठ्ठी भी बनेगी उसका दाया और बाया हाथ
Q39:67:उन्होंने अल्लाह की क़द्र जानी, जैसी क़द्र उसकी जाननी चाहिए थी। हालाँकि क़ियामत के दिन सारी की सारी धरती उसकी मुट्ठी में होगी और आकाश उसके दाएँ हाथ में लिपटे हुए होंगे। महान और उच्च है वह उससे, जो वे साझी ठहराते है (67)
बोलने वाला अल्लाह: अल्लाह का मुह, वह बोलता भी हैं
Q18:27:अपने रब की क़िताब, जो कुछ तुम्हारी ओर प्रकाशना (वह्यस) हुई, पढ़ो। कोई नहीं जो उनके बोलो को बदलनेवाला हो और तुम उससे हटकर शरण लेने की जगह पाओगे (27)
Q07:143:अब मूसा हमारे निश्चित किए हुए समय पर पहुँचा और उसके रब ने उससे बातें की, तो वह करने लगा, "मेरे रब! मुझे देखने की शक्ति प्रदान कर कि मैं तुझे देखूँ।" कहा, "तू मुझे कदापि न देख सकेगा। हाँ, पहाड़ की ओर देख। यदि वह अपने स्थान पर स्थिर पर स्थिर रह जाए तो फिर तू मुझे देख लेगा।" अतएव जब उसका रब पहाड़ पर प्रकट हुआ तो उसे चकनाचूर कर दिया और मूसा मूर्छित होकर गिर पड़ा। फिर जब होश में आया तो कहा, "महिमा है तेरी! मैं तेरे समझ तौबा करता हूँ और सबसे पहला ईमान लानेवाला मैं हूँ।" (143)
Q27:08:फिर जब वह उसके पास पहुँचा तो उसे आवाज़ आई कि "मुबारक है वह जो इस आग में है और जो इसके आस-पास है। महान और उच्च है अल्लाह, सारे संसार का रब! (8) ऐ मूसा! वह तो मैं अल्लाह हूँ, अत्यन्त प्रभुत्वशाली, तत्वदर्शी! (9) तू अपनी लाठी डाल दे।" जब मूसा ने देखा कि वह बल खा रहा है जैसे वह कोई साँप हो, तो वह पीठ फेरकर भागा और पीछे मुड़कर न देखा। "ऐ मूसा! डर मत। निस्संदेह रसूल मेरे पास डरा नहीं करते, (10) सिवाय उसके जिसने कोई ज़्यादती की हो। फिर बुराई के पश्चात उसे भलाई से बदल दिया, तो मैं भी बड़ा क्षमाशील, अत्यन्त दयावान हूँ (11)
कुरान की सभ्य भाषा देखि | अल्लाह ना हुआ मल्लिका शेरावत हो गई बल खा रहा हैं |
Q28:30: फिर जब वह वहाँ पहुँचा तो दाहिनी घाटी के किनारे से शुभ क्षेत्र में वृक्ष से आवाज़ आई, "ऐ मूसा! मैं ही अल्लाह हूँ, सारे संसार का रब!" (30)
Q54:13और हमने उसे एक तख़्तों और कीलोंवाली (नौका) पर सवार किया, (13) जो हमारी निगाहों के सामने चल रही थी - यह बदला था उस व्यक्ति के लिए जिसकी क़द्र नहीं की गई। (14)

Q36:58:(उनपर) सलाम है, दयामय रब का उच्चारित किया हुआ (58)
Q58:01: अल्लाह ने उस स्त्री की बात सुन ली जो अपने पति के विषय में तुमसे झगड़ रही है और अल्लाह से शिकायत किए जाती है। अल्लाह तुम दोनों की बातचीत सुन रहा है। निश्चय ही अल्लाह सब कुछ सुननेवाला, देखनेवाला है (1)

अल्लाह का सिहांसन
Q69:17:और फ़रिश्ते उसके किनारों पर होंगे और उस दिन तुम्हारे रब के सिंहासन को आठ अपने ऊपर उठाए हुए होंगे (17)
निराकार ईश्वर तो ऋषि मुनियो ने ही मोहम्मद जैसा गुंडे का ईश्वर राजा से ऊपर की सोच का ना था | अरे इस से बेहतर तो पौराणिको ने सोचा के ईश्वर अवतार के लिए उतरता हैं देखिये आखिरी बार अल्लाह ने कब उठ के काम किया था | जब अल्लाह ही आलसी मक्कार हो तो बंदे कैसे होंगे ?
Q07:54:निस्संदेह तुम्हारा रब वही अल्लाह है, जिसने आकाशों और धरती को छह दिनों में पैदा किया - फिर राजसिंहासन पर विराजमान हुआ। वह रात को दिन पर ढाँकता है जो तेज़ी से उसका पीछा करने में सक्रिय है। और सूर्य, चन्द्रमा और तारे भी बनाए, इस प्रकार कि वे उसके आदेश से काम में लगे हुए है। सावधान रहो, उसी की सृष्टि है और उसी का आदेश है। अल्लाह सारे संसार का रब, बड़ी बरकतवाला है (54)

Q57:04:वही है जिसने आकाशों और धरती को छह दिनों में पैदा किया; फिर सिंहासन पर विराजमान हुआ। वह जानता है जो कुछ धरती में प्रवेश करता है और जो कुछ उससे निकलता है और जो कुछ आकाश से उतरता है और जो कुछ उसमें चढ़ता है। और तुम जहाँ कहीं भी हो, वह तुम्हारे साथ है। और अल्लाह देखता है जो कुछ तुम करते हो (4)
ये तो विद्वान ही सोच सकते हैं के काल गड़ना तो तब शुरू होगी जब पृथ्वी बनेगी | समय स्थान-२ पर निर्भर कर्ता हैं भौतिकी सम्बन्धी प्रश्न (frame of reference) भी मत उठाइयेगा  | क्यों के अल्लाह सब जानता हैं पर सारे सवाल खत्म हो जाते हैं |
Q20:05: वह रहमान है, जो राजासन पर विराजमान हुआ (5)

अल्लाह मोहम्मद का परिकल्पित राजा : इसलिए इस्लाम अरब की साम्राज्यवाद निति हैं
Q20:114:अतः सर्वोच्च है अल्लाह, सच्चा सम्राट! क़ुरआन के (फ़ैसले के) सिलसिले में जल्दी करो, जब तक कि वह पूरा हो जाए। तेरी ओर उसकी प्रकाशना हो रही है। और कहो, "मेरे रब, मुझे ज्ञान में अभिवृद्धि प्रदान कर।" (114)


कुकर्मी अल्लाह : दूसरों की औरतो की योनियों में फुकता हैं, समझ आई बात तभी मुसलमान इतने बच्चे पैदा करने पर बोलते हैं सब अल्लाह का करम हैं |
Q21:91:और वह नारी जिसने अपने सतीत्व की रक्षा की थी, हमने उसके भीतर अपनी रूह फूँकी और उसे और उसके बेटे को सारे संसार के लिए एक निशानी बना दिया (91)
अल्लाह की रुह देखा आपने (?)
Q66:12 और इमरान की बेटी मरयम की मिसाल पेश ही है जिसने अपने सतीत्व की रक्षा की थी, फिर हमने उस स्त्री के भीतर अपनी रूह फूँक दी और उसने अपने रब के बोलों और उसकी किताबों की पुष्टि की और वह भक्ति-प्रवृत्त आज्ञाकारियों में से थी (12)

इस पर तो हदीस का प्रमाण भी बनता हैं | कुकर्म की बात आये और मोहम्मद के शब्द रह जाए ना इंसाफी होगी | हाला के हमारे अनुसार कुरान भी मोहम्मद के ही शब्द हैं पर कुछ भी हो जाए हमारे मुस्लिम भाइयो को तो सोचना ही नहीं हैं उनके लिए तो अल्लाह के शब्द हैं तो हदीस में वर्णित बच्चे पैदा करने का मोहम्मद का तकनिकी ज्ञान दिखता हू |
अनस बिन मलिक ने कहा कि रसूल ने बताया है , अल्लाह औरतों की योनी में फ़रिश्ते घुसा देता है. वह अन्दर घुसे हुए दुआ करते हैं " अल्लाह इस योनी में एक बूंद वीर्य टपका दे , जिस से अन्दर गोश्त का लोथड़ा जम जाये . तब अल्लाह बच्चा बना देता . और तय करता है कि , लड़का होगा या लड़की . , फिर अल्लाह बच्चे आयु , जीविका और धर्म तय कर देता है . और फ़रिश्ते सारा विवरण लिख लेते हैं .सारी योनी में ही तय हो जाती हैं
. “Sahih” Al-Bukhari Volume 8. Hadith No.594

Bukhari Hadith (Arabic) Serial No.3333-

जोड़-तोड़ करने वाला अल्लाह: इंसानों वाली हरकते इस्लाम के ईश्वर में
Q03:54:और वे चाल चले तो अल्लाह ने भी उसका तोड़ किया और अल्लाह उत्तम तोड़ करनेवाला है (54)
चाल चलने वाला अल्लाह : तो मुसलमान क्यों ना चलेंगे अपनी चाले
Q08:30और याद करो जब इनकार करनेवाले तुम्हारे साथ चालें चल रहे थे कि तम्हें क़ैद रखें या तुम्हे क़त्ल कर दें या तुम्हे निकाल बाहर करे। वे अपनी चालें चल रहे थे और अल्लाह भी अपनी चाल चल रहा था। अल्लाह सबसे अच्छी चाल चलता है (30)
घात लगाने वाला अल्लाह : लुटेरो की तरह अल्लाह भी घात में रहता हैं
Q89:14निस्संदेह तुम्हारा रब घात में रहता है (14)
अल्लाह का अगवाड़ा-पिछवाडा
Q20:110:वह जानता है जो कुछ उनके आगे है और जो कुछ उनके पीछे है, किन्तु वे अपने ज्ञान से उसपर हावी नहीं हो सकते (110)
अल्लाह आलसी सही पर थकता भी नहीं
Q50:39:निश्चय ही इसमें उस व्यक्ति के लिए शिक्षा-सामग्री है जिसके पास दिल हो या वह (दिल से) हाजिर रहकर कान लगाए (37) हमने आकाशों और धरती को और जो कुछ उनके बीच है छः दिनों में पैदा कर दिया और हमें कोई थकान न छू सकी (38) अतः जो कुछ वे कहते है उसपर धैर्य से काम लो और अपने रब की प्रशंसा की तसबीह करो; सूर्योदय से पूर्व और सूर्यास्त के पूर्व, (39)
समझ आया के अल्लाह के गुण मोहम्मद के दिमाग की उपज रहे
अल्लाह का कद
साही बुखारी का प्रमाण  
Adam was shaped completely like Allah; Adam was 60 cubits (30m) in height...(Sahih Bukhari, 8.74.246)
यानी आदम बिलकुल अल्लाह की तरह हैं; आदम कद में १०० फुट उचा हैं...
ये क्या जैनियों की तरह लंबी-२ छोडने की प्रतियोगिता कर रहे हैं |  
साही मुस्लिम हदीस का प्रमाण
In Sahih Muslim we read:
Adam is the image of Allah… (Sahih Muslim, 32.6325)
आदम खुदा की छवि हैं, पूरा प्रकरण कुछ ऐसा हैं
Volume 8, Book 74, Number 246: Narrated Abu Huraira:
The Prophet said, "Allah created Adam in his complete shape and form (directly), sixty cubits (about 30 meters) in height. When He created him, He said (to him), "Go and greet that group of angels sitting there, and listen what they will say in reply to you, for that will be your greeting and the greeting of your offspring." Adam (went and) said, 'As-Salamu alaikum (Peace be upon you).' They replied, 'AsSalamu-'Alaika wa Rahmatullah (Peace and Allah's Mercy be on you). So they increased 'Wa Rahmatullah' The and form of Adam. Since then the creation of Adam's (offspring) (i.e. stature of human beings is being diminished continuously) to the present time."
             
रसूल ने कहा “अल्लाह ने आदम को अपनी पूरी छवि में बनाया, करीब १०० फुट उचा कद में | जब उसने उसे बनाया, तो (उससे) कहा, “जाओ और फरिश्तों को सजदा करो, वहा बैठो, और सुनो वे प्रत्युतर में क्या कहते हैं, वही तुम्हारे और तुम्हारी पीढियों के लिए अभिवादन होगा |
इतने प्रमाण काफी होंगे | पूरी कुरान इसी प्रकार की बिना सर पैर की बातो से भरी पड़ी हैं | हिन्दुओ के मानव शरीर धारी ईश्वर से तो मुसलमानों को बहुत समस्या हैं पर अब खुद के निक्कमे और आलसी अल्लाह के बारे में क्या करेंगे ? अल्लाह के गुणों के बारे में बताता तो लेख और लंबा हो जाता अभी उसके स्वरुप का अंदाजा आप लोंगो को लग गया होगा | अब किसी को भी संशय नहीं होना चाहिए के मुसलमान किसी निराकार ईश्वर की उपासना करते हैं जो इंसानों जैसा अल्लाह हैं तो उसकी मूर्ति भी बनाइ जा सकती हैं | इसलिए “तस्य अल्लाह प्रतिमा अस्ति” तो मिया भाइयो को वेद मंत्र का प्रयोग करते शोभा नहीं देता | इसलिए भी अल्लाह-ईश्वर एक नहीं हैं |

कुरान की आयतो की यहाँ पुष्टि कर सकते हैं |
www.quranhindi.com