Sunday, December 15, 2013

केजरीवाल से नास्तिक भारत के निर्माण की योजना

केजरीवाल को रमन मेग्सेसे पुरस्कार मिला है | ये पुरस्कार रोक्फेलर बंधुओ द्वारा प्रायोजित है | रोक्फेलर पूरी दुनिया में तेल पर नियंत्रण रखते है | भारत की तेल कंपनियों में भी अप्रत्यक्ष इनकी पकड है | मेग्सेसे पुरस्कार दिया गया है अब तक उस व्यवस्था को सुदृण करने वालो को जो आंग्ला लोगो (अंग्रेजो) ने बनाई थी | पहला मेग्सेसे पुस्कार सी दि देशमुख को मिला था रेसिर्व बैंक का पहला भारतीय गवर्नर और आई सी एस अधिकारी | परिवार नियोजन में कम बच्चे की योजना को बानू जहागीर कोयाजी, शुद्ध हुए मुसलमानों को वापस मुस्लमान करवाने वाले जे पी और विनोबा भावे को | संदीप पाण्डेय जैसे प्राध्यापकों को जो खुले आम भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसी रा की पाकिस्तान मे किये कार्यों की निंदा करते है | यानि विश्व बैंक की योजनाओ को जो सुदृण कर्ता है उसपर विशेष मेहेरबानी होती है इस पुरस्कार की |
केजरीवाल को प्रकाश में लाने का अर्थ ये है के भविष्य जब नरेंद्र मोदी की सरकार आयेगी तब स्वाभाविक है मुस्लिम वर्ग के जिहादी तत्व लड़ाई दंगे करे | पकिस्तान से युद्ध हों जाए चीन से भी हों सकता है तो ऐसे में लड़ने के बाद लोग उब जाएँगे के अब धर्म नहीं चाहिए | धर्म से तो दुःख मिलता है राम मंदिर की जगह अस्पताल बनवा दो कुछ काम आये राम मंदिर तो किसी काम का नहीं | ऐसे विचारों को पोषित करवाने के लिए राजनितिक विकल्प हुआ अरविन्द केजरीवाल के माध्यम से | खेल वही है अनार्यों के बनियों का | २०२४ के बाद या तो मुसलमानों के ताकत की कुछ समय के लिए सरकार बने या सीधे परिवर्तित शैली से कम्युनिस्ट लोगो की सरकार बने | यानी नास्तिको की, ईश्वर मानो ना मानो, विवाह करो ना करो, समलैगिक हों ना हों कोई फर्क नहीं पड़ता बस जीवन शैली अच्छी जियो भले कर्ज पर जियो |
 एक ऐसा वर्ग जिसे कोई खास फर्क नहीं पड़ता के देश में क्या होता है या लोग कैसे जीते है उन्हें सुविधा चाहिए बिजली, पानी की जहा हिंदू मुस्लिम का मुद्दा भी न आये | आम आदमी पार्टी कांग्रेस का एक अच्छा विकल्प है जब तक के लोग खुद ना जान ले के समस्या बर्तानिया लोकतंत्र प्रणाली है जो हम पर थोपी गई है | लोकतंत्र के विरोध में बोलने का साहस कितने लोग कर पाएंगे | लोकतंत्र स्थापना के लिए तो जापान पर २-२ परमाणु बम गिरा दिये गए | आंग्ला (अंग्रेजी) से प्यार करने वाले वर्ग को भी विकल्प मिल गया “आप” के तौर पर |

अरविन्द केजरीवाल का अधिकतर कम पढ़े लिखे लोगो को उम्मेदवार घोषित करना संभवतः अपने दल में भविष्य में कोई प्रतिद्वंदी ना खड़ा होंने की सोच है | दल का एक मात्र योग्य ईमानदार चेहरा जो शासन करने लायक है ऐसा सिद्ध करने का प्रयोजन मात्र है | खाड़ी देशो से आये धन से उत्तर प्रदेश के मुस्लिम परस्त नेता खड़े हुए अब दिल्ली के अंदर ऐसे ही नेताओ को ताकत दिलाने का काम किया गया है | लोग बस १ चीज समझे के लोग तब तक सुखी नहीं हों पाएंगे जब तक वो अंग्रेजो के बनाये तंत्र से पीछा नहीं छुडाएंगे | ऐसी कोई योजना जो हमारे अन्न दाता यानी किसानो के हित की, अर्थ व्यवस्था के धुरी गौ माता के रक्षण संरक्षण की बात ना करे वो कभी देश में महंगाई कम नहीं कर सकती | पुरानी व्यवस्था को लाने के लिए हमें वेद की बात करनी होगी | स्वराज्य तब आयेगा जब हमें अपने गौरवशाली इतिहास को पुनः दोहराने की चाह होगी | उस व्यवस्था में सब सुखी थे बिना बैंको के, बिना नौकरियों के, बिना बड़ी-२ मशीनों के |
आइये वेदों के और लौटने का प्रयास करे | ऋषि मुनियों के भारत के निर्माण पर कार्य करे ना के ऐसे लोगो की जो समलैगिको को बीमार मानने के बजाये उन्हें बढ़ावा देने का कार्य करे | आइये हम आस्तिक और चरित्रवान भारत का निर्माण करे |

Sunday, September 15, 2013

कम्युनिस्म का नया रूप : आम आदमी पार्टी

कम्युनिस्म यानी साम्यवाद ये उपजा पूंजीवाद से, पूंजीवाद उपजा आद्योगिक क्रांति से, आद्योगिक क्रांति का बौधिक श्रोत दुर्भाग्य से यूरोपीय जातियों का लालच के साथ आर्यावर्त आगमन | हमारे यहाँ महर्षि मनु के आदेशानुसार महायंत्रो का निर्माण निषेध रहा और उनकी आज्ञा पालन होती रही पर जितनी भी तकनीक थी वो सब विद्या चली गई | जो स्वायत्त उद्धमी थे हमारे जैसे जुलाहे, लोहार,इस्पात उत्पादक,कुम्हार इत्यादि वो सब धीमे-२ केंद्रीकृत होता गया और लोग अपना काम छोड़ के नौकरी करने लगे | तो इस प्रकार पूंजी एक जगह एकाग्रित होने लगी बजाये सबमे योग्यता अनुसार वितरित होने के | यहाँ जन्म हुआ पूंजीवाद का जहा शक्ति और नियंत्रण कुछ एक के हाथ में रहता है | पूंजीवाद के थोड़े ही समय में उसके बनाये गड्ढे से साम्यवाद की विचारधारा का जन्म हुआ | जब आप नौकरी करेंगे उनकी जिन्होंने महर्षि मनु के प्रकृति के अनुसार चलने वाले आदेश का पालन नहीं किया वो महर्षि मनु के अपने भृत्यो (नौकरों) को पहले भोजन खिला के भोजन करो वो भला क्या पालन करेंगे | वो तो अपने नौकरों के मुख का निवाला भी छीन लेंगे | तो मजदुर संगठनों का जन्म होना स्वाभविक है वही हुआ | लेबर यूनियन, ट्रेड यूनियन बनवा-२ कर साम्यवाद की विचारधारा को पनपाया और स्थान-२ पर खुनी क्रांति लाइ गई | संपन्न धनाढ्य वर्ग का भीषण जनसंहार हुआ, धर्म को अफीम माना गया | पूंजीवाद और साम्यवाद दोनों ही नास्तिकता प्रचारित करते है | पर अब पूंजीवाद का चेहरा बदला है आज का कोर्पोरेट जगत कहा जाता ग्लोबलाइस्ड सिस्टम में यहाँ कम्युनिस्म की जगह कैसे बनाई जाए |
तो देखिये जिस प्रकार पूंजीवाद ने ही साम्यवाद की विचारधारा को जन्म दिया और पनपाया | आज स्वरुप बदल के ये कोर्पोरेट कल्चर में ट्रेड यूनियन संभव नहीं और समस्या नौकरों को भी नहीं | इस सिस्टम ने बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार को जन्म दिया | वास्तविकता ये है के पूंजीवादी व्यवस्था की शासन व्यवस्था कहलाती है लोकतंत्र | लोकतंत्र चलता है धनवानों के आधार पर | आप कुछ भी कर ले ये व्यवस्था बिना अमीरो के चुनाव खर्च कोई लोकतांत्रिक देश नहीं उठा सकता | तो लोकतंत्र और धनवानों की पूंजीवादी गठजोड़ जन्म देती है भ्रष्टाचार युक्त तंत्र को | जो दान में धन देगा चुनाव लड़ने को वो लाभ उठाएगा जीतने वाले अपने भिक्षु नेता से | जो नेता खर्च कर के आया है वो धन कमाएगा ही कमाएगा | आप कोई कानून बना ले इस व्यवस्था में आप भ्रस्टाचार से नही निकल पाएँगे | होगा क्या रूपए का अवमूल्यन, परिणामतः महगाई बढ़ेगी आम आदमी परेशान होगा | यहाँ इसके विकल्प की आवयश्कता पड़ेगी तो लीजिए विकल्प खड़ा है |

ये बात करेंगे जिसकी नगरीय जनता सुनना चाहती है | आज का मध्यम वर्ग ये कम्युनिस्ट मनिफेस्तो के Bourgeoisie and Proletariat विषय में Bourgeoisie पर पकड बनाना हुआ आम आदमी पार्टी का एक धेय | बिजली, पानी, पेट्रोल, भ्रष्टाचार ये भोली जनता फसी हुई रोज की दाल-रोटी में, इन्हें फसाया भी इसी लिए गया था के ये अपने मुद्दों से बाहर निकलेंगे तब तो राष्ट्रिय हित के मुद्दों को देखेंगे, धर्म-अधर्म देखेंगे, बड़ा सोच पाएंगे | किसे परवाह कश्मीर की अगर उनके क्षेत्र में परिस्थिति सालो बाद वहा आने वाली है | सो लीजिए प्रशांत भूषण जैसे लोग लिए गए एक एजेंडा पूरा करने के लिए | राष्ट्रवाद नहीं होना चाहिए सीमाए खत्म करने का कम्युनिस्ट विचार ही सोवियत संघ इतने समय तक खड़ा रहा | धर्म अफ़ीम है सो कुमार विश्वास जैसे लोग है इस एजेंडे की पुष्टि के लिए के लो हम आपके भगवानो का यु मजाक उड़ाते है | यहाँ सोनिया गाँधी की ही तरह केजरीवाल भी अब कम बोलना सीख गए है | ये सब बड़ा पूर्व नियोजित हुआ |

पहले बड़े-२ घोटाले फिर उनका रहस्योद्घाटन फिर जन आंदोलन फिर दिखाना के इस से कुछ नहीं होगा आपको सिस्टम में घुस के ठीक करना होगा अंदर से | और यही प्रकाश झा ने भी अपनी फिल्म सत्याग्रह में दिखाया जिसकी हम आगे चर्चा करेंगे | तो एक सरल सा सवाल उठता है के आप का क्या प्रत्याभूत (गारंटी) के आप नहीं भ्रष्ट होंगे | क्या आप जनता के १०-१० रूपये चंदे से चुनाव प्रचार कर पाएँगे | क्या आपको अपना हित साधने पूंजीपति या बाहरी धन से सहायता नहीं मिल रही ? फिर आप क्यों ना उनकी ही तरह बेईमानी करेंगे | जैसे २५ साल के कांग्रेस शासन से जनता उबी तो जनतापार्टी की सरकार बनी फिर पुनः कुछ वर्षों बाद बी.जे.पी, एन.डी.ए गठबंधन के साथ आई | पर कार्य उसने वही सब किये जो कांग्रेस कर रही थी जब के उसने वोट कुछ और कह के लिए थे | बबूल का पेड आम नही दे सकता कोई भी खाद डाल के देख ले | समस्या चुनाव व्यवस्था है जहा १ बलात्कारी दुराचारी के मतदान का मूल्य भी उतना ही है जितना किसी धर्मात्मा सज्जन का | ये ऐसे ठीक नहीं होगा, ये ब्रिटिश पार्लियामेंट्री सिस्टम है हमारी प्रजतंत्र व्यवस्था त्रयी संसदीय है जिसका संछिप्त वर्णन ऋषि दयानंद ने सत्यार्थ प्रकाश में दिया है |
तो अभी आम आदमी पार्टी का क्या खतरा उसके लिए इतना लिखने का कारण क्या है ये उतना महत्व का सामाजिक मुद्दा आपको नहीं दिखा होगा जितना के इस मंच पर होना चाहिए | हम अपनी चिंता स्पष्ट करते है जो हमें दिख रहा | नक्सली जो कम्युनिस्ट विचारों का हिंसक रूप हैं वे यदि २०१८-१९ तक विद्रोह करते है तो ऐसे में उन्हें दिल्ली जीतना होगा | बोल्शेविक क्रांति की तरह भारत में भी यदि दिल्ली पर नियंत्रण हों जाता तो पुरे देश पर हों जाएगा | तो यदि चीन बाहर से हमला करता है और नक्सली हमला करते है तो केवल दिल्ली अंदर से जितनी होगी | और यदि दिल्ली में किसी उनके अपने की सरकार हुई तब | राज्य सरकारआन्दोलन की अनुमति और सशस्त्र क्रांति के लिए पुलिस छूट आसानी से दिल्ली में प्रवेश अनुमति दे देगी | तो समझिए दूरगामी उद्देश्य के क्यों धर्म या राष्ट्र धर्म की बात नहीं करती आम आदमी पार्टी ? क्यों गौ रक्षा उनका विषय नहीं ? कश्मीर के विरोध में बयां देने वाले |
सत्याग्रह चलचित्र जो की प्रकाश झा द्वारा निर्देशित है वो देख कर जो बाते समझ आएंगी वो ये की आपको इण्डिया गेट का बासमती चावल खाना चाहिए, घर में अल्ट्रा टेक सीमेंट से घर बनवाना चाहिए, अखबार हिन्दुतान पढ़ना चाहिए, और टी वी चैनल ए बी पी न्यूस देखना चाहिए | यही नहीं जो एक ईमानदार पार्टी है वो आज के समय में आम आदमी पार्टी है खैर ये आपको फिल्म के अंत में पता चलेगा यदि आपकी स्मरण शक्ति प्रबल होगी | सत्याग्रह का और उसके निर्देशक का विषय क्यों उठाया यहाँ वो आपको लेख के अंतिम भाग तक स्पष्ट हों जाएगा | ज्ञात हों के प्रकाश झा रामविलास पासवान की जनता दल सेक्युलर की टिकट से २००४ और २००९ में चुनाव लड़ के हार चुके है |
सत्याग्रह बनाने वाले प्रकाश झा चक्रव्यूह जैसी फिल्म भी बना चुके है जिसमे नक्सली शोषित वर्ग दिखाया गया | आज २०० से ऊपर जिलो में नक्सली फ़ैल चुके है | दिल्ली और महानगरों में ये लोग अपने लड़के कोचिंग सेंटर्स के माध्यम से भेजते है | दिल्ली में तो हिन्दुवादी संगठनों में भी घुसने का प्रयास रहा इनका | तो ये लोग यु ही शांत नहीं बैठे या फ़ैल नही रहे | दिल्ली सुरक्षित है जैसे तैसे यदि भाजपा या कांग्रेस रहे पर वामपंथी विचारों का कोई आया तो खतरा बाहरी हों जाएगा | जिसके लिए जनता तैयार नहीं या सेना जब तक अपना निर्णय ले देर हों चुकी हों |
नक्सली कोई देश हित का कार्य नहीं कर रहे है | हमारे ही जवानों को मारने वाले, आर्थिक तौर पर भी देश में गरीबी बढा रहे है | नक्सली क्षेत्रो से अयस्क जापानी कंपनी निकाल रही | जब के अनेको छत्त्तीसगढ़ के अनेक जिलो के अनेक ग्रामो में कुटीर उद्योग की तरह पुनः स्टील उद्योग खड़ा किया जा सकता है | नक्सली संघठन चीन द्वारा पोषित हुए और अब तो वो चीन के भी कमाऊ पुत साबित हों गए है | हजारों करोड रूपए का बजट बनता है इन संघठनो का जिनपर सरकार ध्यान नहीं देती | यदि राजव्यवस्था चाहे तो १० दिन में सब साफ़ हों जाए | नक्सल विद्रोह कहा से शुरू हुआ और कहा पहुच गया |  नक्सलबाड़ी से शुरू हुआ विद्रोह के आन्दोलन का अग्रणी नेता कानू सान्याल वर्तमान नक्सल आन्दोलन की गति से छुब्द हों कर ७८ वर्ष की आयु में आत्म हत्या कर ली |
प्रकाश झा संभव है के आम आदमी पार्टी से अगला चुनाव हारने की तैयारी कर रहे हों | विशुद्ध भारतीय भाषा में कितने राजनितिक दलो के नाम आपने सुने होंगे ? हिंदू महासभा, आर्यवीर दल, राजार्य सभा(६० के दशक का दल जिसके संस्थापक इन्द्रदेव यति आज भी १०० वर्ष के लगभग है और जीवित है रामदेव इन्ही के मुद्दे उठा रहे है), हरयाणा का राज आर्य निर्मात्री सभा पर जितने भी भारतीय भाषा में या सांस्कृतिक नाम जुड़ा होता उनका कोई भविष्य नहीं बनाने दिया जाता | साधारण सा सूत्र समझिए के जहा पार्टी शब्द लगा हों, या आंग्ला का शब्द वहा विदेशी हस्ताक्षेप तो निश्चित ही है | कांग्रेस विशुद्ध विदेशी शब्द जो देश में संगठन के नाम पर शासन कर रहा | समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, जनता दल सेक्युलर, जनता दल यूनाइटेड, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इण्डिया, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इण्डिया और अब आम आदमी पार्टी | यदि ये दल और इसके नियोजक देश भक्त है और वास्तव में भ्रस्ताचार के विरुद्ध है तो इन्हें राष्ट्र हित के मुद्दे बोलने में झेप नहीं होनी चहिये | कश्मीर पर स्पष्ट रुख दे केजरीवाल, गौ रक्षा पर समर्थन करे, भाजपा की बुराई करते नहीं थकते तो जरा भाजपा की तुष्टिकरण की भी आलोचना करे | धार्मिक सौहार्द के लिए ये आवश्यक है के जो चीज जैसी है उसे वैसा ही कहा कहा जाए | विदेश निति पर अपनी राय स्पष्ट करे और अतए के वो कैसे चुनाव के महंगे खर्च से बचेंगे | वो अपने मिले दान का ब्यौरा सार्वजनिक करेंगे | फिल्मो को बहुत लंबे समय से भारतीय जनता के अवचेतन में बसे नैतिक सिधान्तो को मिटने के लिए किया जा रहा | अब फिल्मे उनके अवचेतन में अपने विचार बैठा रही | १ चलचित्र ऐसा नही कर पाता पर निरंतर उसी विषय पर सब एक जैसा बोले जो जनमानस की सोच बदलती है | भारत की जनता इस षण्यंत्र को जितनी जल्दी समझे उतना अच्छा | वर्तमान में लोगो के पास सिर्फ नरेन्द्र मोदी जी का विकल्प बचा है | पर ये पूर्ण समाधान नहीं, परिवर्तन के लिए अभी जनता में चाह नहीं जनता जानती ही नहीं के समस्या कहा है | समस्या हमारा लोकतंत्र है और इसे वैदिक प्रजतंत्र में जब तक नहीं किया जाएगा गोल-२ चक्कर लगाती रहेगी जनता |
ओम् शुभम् 

Sunday, September 8, 2013

क्या आप मुज्जफरनगर की घटना से आने वाला समय देख पाए?क्या आप तैयार है ?

सपा सरकार आई तो मायावती के प्रशासन का महत्व समझ आने लगा | धडाधड दंगे और एक वर्ग विशेष द्वारा छोटी-२ बातों को लेकर झगडा करना और उस झगडे को इतना बढ़ा देना के जिला स्तर पर कर्फ्यू से नीचे की तो कार्यवाही ना होना | ये बुलंद हौसले बता रहे है उस वर्ग के जो कह रहा है अब सरकार हमारी है | हम तुम्हारी बहु बेटियों के साथ जैसा चाहे वैसा खेलेंगे और विरोध करोगे तो मार देंगे | चिंतन और चर्चा करोगे तो मार देंगे | बैंक में अगर हमारा नम्बर नहीं आया तो हम गाली देकर उप्रद्र्व शुरू कर देंगे | हम पवित्र है शासक है और तुम दोयम दर्जे के नीच काफिर हों | ये सोच है उस वर्ग की जिहादी मानसिकता की जिसे अल्पसंख्यक कहा जाता है |
खैर पूरा उत्तर प्रदेश आने वाले समय में तबाही की कगार पर बैठा है | एक तो बांग्लादेशी घुसपैठियों द्वारा बहुत ही पूर्व नियोजित ढंग से बस्तिया बसाई गई है | ये वही मुगलिस्तान की बेल्ट है जो ब्रह्मदेश (बर्मा:म्य्यांमर) बंगलादेश असोम बंगाल बिहार से होते हुए उत्तर प्रदेश और फिर पकिस्तान को जोड़ती है | म्यांमार के अहिंसक बौधो को आई एस आई की ये सरल योजना समझ आगई | उन्होंने अपनी घर को साफ़ करना शुरू कर दिया पर हमारे यहा तो उनको बसाया जा रहा उनके दम पर सरकार चल रही है | और नमूने दिखाना शुरू कर दिया गया है | जिन्होंने उन २ भाइयो को मारते देखा उन्हें यही लगेगा के ये तालिबान या पाकिस्तान की कहानी होगी | पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तालिबानीकरण की सिर्फ शुरुआत है | मीडिया आपको तब तक अँधेरे में रखेगी जब तक आग आपके घर तक न आजाये | आज सेना के लोग सब देखते और जानते हुए भी कुछ नही कर सकते पर कल को पाकिस्तान हमला कर दे और यही विद्रोह उसी समय कर दिया जाए तो पहला सवाल सेना सीमा सम्हालेगी के घर ? दूसरा प्रश्न जो जाट,गुज्जर,राजपूत,यादव इत्यादि अनेको-अनेक जातीया सेना में है उनके परिवारों की सुरक्षा का जिम्मा कौन लेगा क्यों के उनके लड़के तो हमारी रक्षा कर रहे है सीमाओ पर या कही अन्य स्थानों पर | वे अपने परिवार, बहु बेटियों और समाज की सुरक्षा के लिए ही तो सीमा पर है पर तब वे कैसे लड़ेंगे जब उनका अपना घर खतरे की ओर होगा ? वे सीमा सम्हाले या अपना घर ?
नहीं ये बहुत व्यहवारिक प्रश्न है | पकिस्तान से लेकर भारत के जिहादियों ने ये सोच के रखा है क्यों के ये अब पुलिस से नही डरते | ये या तो सेना से डरते है या संगठित हिन्दुओ से | पर सेना बिना अधिकारों के साथ भेजी जाती है और संगठित हिंदू होता नहीं जब तक के पानी उसके सर पर ना आजाए तो अब सवाल उठता है आप भी यही प्रतीक्षा कर रहे है ? पानी सर के ऊपर आने का ? आपने अपनी घर की स्त्रियों, अपनी संपत्तियो की सुरक्षा के लिए क्या किया है ? निम्न प्रश्नों के स्वंय को उत्तर दे-
१.       क्या आपके घर में लाइसंसी असलहा है ?
२.       क्या आपको वो चलाना आता है ?
३.       क्या आपका परिवार बड़ा है ?
४.       क्या आपकी आपके पड़ोसियों से बनती है ?
५.       क्या आपके क्षेत्र मोहल्ला या ग्राम में कोई रक्षा समिति बनाने पर कार्य हुआ है ?
६.       क्या आपका नजदीकी पुलिस थाने में कोई परिचित है ?
७.       क्या आपके घर में १ लाठी है ?
८.       क्या आपको वो चलाना आता है ?
९.       क्या आप ४ भाई है और वो साथ या आसपास रहते है ?
१०.    क्या आपके ४-५ संताने है या आपने भी महगाई के कारण १-२ बच्चे कर रखे है ?
११.    क्या आपके क्षेत्र में मुस्लिम आबादी ३० प्रतिशत से ऊपर है ?
अधिकतर सवालो के जवाब यदि ना में है तो यकीन मानिए आप घोर संकट में है | तो इनके समाधान सुनिए के लगभग २०१५ के बाद की स्तिथियो में खुद को कैसे बचाना है |
१.       अपने घर में लाइसेंसी हथियार अपनी आत्म सुरक्षा के लिए खरीद के रखे | चाहे मोटर साइकल बेच के ले या अपनी पत्नी के जेवर ये उन्ही की सुरक्षा के लिए है | आत्म रक्षा का अधिकार आपको संविधान देता है |
२.       जो ले उसे चलाना आना चाहिए | समय-२ पर अभ्यास करते रहे |
३.       कुछ नही रख सकते तो घर में एक लाठी ले ले और उसे चलाना सीखे |
४.       अपने बालक बालिकाओ को अ जुडो इत्यादि का प्रशिक्षण अवश्य से अवश्य दिलाए |
५.       क्षेत्र का कोई संगठन बना हों सुरक्षा के लिए तो उस से जुड़े |
६.       नहीं बना तो तुरंत ऐसे लघु मोहल्ला रक्षा समिति या ग्राम रक्षा समिति या मंदिर रक्षा समिति नाम के अंतर्गत संगठित हों जाए |
७.       अपने निकट पुलिस थानों के नम्बर रखे ताकी आपातकाल की स्तिथि में तुरंत सुचना दे सके |
८.       A.K 47, A.K56, या Hand Grenade का मुकबला भारत सरकार द्वारा मिलने वाले लाइसेंसी हथियारों से सामना नहीं किया जा सकता पर आपके द्वारा की गई तैयारी आपको उतनी देर जीवित रखेगी |
९.       पहला हमला वही करते है और यदि आप प्रतिकार को संगठित होंगे तो उनको सुरक्षित कर दिया जाएगा | अतः आपको बस पहले हमल से बचने के बारे में सोचना होगा | क्यों के बिना कारण तो आप संगठित होने से रहे |
१०.    क्षेत्र राज्य स्तर पर आपको एक ऐसा नेतृत्व चाहिए जो स्पष्टतः आपकी समस्या समझ सके | लोकतंत्र में ऐसा नेतृत्व नहीं मिलेगा |  आपके क्षेत्र के सज्जन पुरुषों को ऐसा व्यक्तित्व खोजना होगा | और ऐसे व्यक्ति की जीविका का दायित्व समाज का होगा |
११.    हर वो व्यक्ति जो कुछ नहीं कर सकता आपातकाल में जेहर की शीशी रखे | वे बहन-बेटिया जिनकी सुरक्षा उनके सम्बन्धी नहीं कर सकते उनके लिए बेइज्जती के जीवन से सम्मान की मृत्यु उत्तम है | यद्दपि ये निर्णय उनके स्वं का होना चाहिए इतिहास में महरानी पद्मावती जैसा उत्तम उदाहरण है जिन्होंने अपने शरीर को किसी कुत्ते के स्पर्श में नहीं आने दिया |
१२.    आपके पास अब ज्यादा अस्त्र बचे नहीं है अपनी सरकार के अभाव में जिहादियो का आर्थिक बहिष्कार वो भी तब तक जब तक वे जिहादी ये नहीं कहते के हम आपकी गाडी में हवा नही भरेंगे आपको सामान नहीं बेचेंगे तुम तो काफिर हों हमारे अपने लोगो से ही हमारी दूकान चल जाती है | क्यों के आपके पास से एक वर्ग खत्म हों रहा और वो सरकारी कार्यालयों में पानी पिलाने की नौकरी के लिए मर जा रहा है |

ऐसी व्यवस्था में आप ज्यादा कुछ नहीं कर सकते जहा राज सत्ता को बनाने वाला वो वर्ग हों जो आपको घृणा से देखता हों | बिलकुल सभी ऐसे नहीं होते १ बच्चे पैदा कर के जिहाद में आस्था ना रखने वाले वन्देमातरम गाने वाले उनमे से कुछ तो वापस आने की चाह रखने वाले मुस्लमान भी है | उनसे मेल-जोल, प्रेम व्यहवार बनाये रखे क्यों के उन जैसो की संख्या ही कितनी है और यदि वे वापस आना चाहे अपने पूर्वजो के वैदिक मार्ग पर तो उन्हें सहर्ष स्वीकार करे | उनसे रोटी-बेटी के सम्बन्ध वैसे ही रखे जैसे अपनी बिरादरी मे रखते है |
ज्यादा लिखने की इच्छा नहीं पर एक कवि की ये २ लाइन जरुर रखूँगा
उसके कत्ल पर मै चुप था, अगला नम्बर मेरा आया
मेरे क़त्ल पर आप चुप हों, अगला नम्बर आपका है 

Tuesday, August 6, 2013

Vivekanand’s ardent desire for Beef

We are presenting the proofs compiled by Swami Vidyanand Saraswati to expose the most famous fraud sanyasi promoted by Britishers in British India of Beef Eating. The quotes are taken from Swami Vidyananda Saraswati’s book – “The Gospel of Swami Vivekananda”. That book is a compilation of proofs that exposes the hypocrisy & duality of Vivekanand.
Ardent desire for beef
We give below some of the arguments advanced by the Ramakrishna Mission in the Calcutta High Court to prove that the Mission and its founder, Shri Ramakrishna Paramhansa, had nothing to do with Hinduism and, therefore, they should not be treated as Hinduism –
“During his practice of Islam, Ramakrishna repeated the Mantra ‘Allah’ and said ‘Namaz’ thrice daily. During this while he also dressed and ate like a Muslim. Another biographical work ‘Ramakrishna Panth’ by Ashoy Sen provides some more news. A Muslim cook was brought who stood outside the kitchen and instructed a Brahmin cook inside made to wear a lungi, how to cook in a Muslim way. We are also told that at this time Ramakrishna felt a great urge to take beef. However, this urge could not be satisfied openly. But one day as he sat on the bank of the Ganges, a carcase of a cow was floating by. He entered the body of a dog astrally and tasted the flesh of the cow. His Muslim ‘Sadhana’ was now complete (because no Hindu, however fallen he may be, would like to eating the flesh of a cow, and that too of a dead animal which none but an ‘aghori’ ¼v?kksjh½ would do and that again by entering the dead body of a dog). All this is highly comic but it holds an important position in the Mission lore. The lawyers of the Mission did not forget to argue in the court that Ramakrishna was on the verge of eating beef. This was meant to prove that he was an indifferent Hindu and not far from being a devout Muslim?” (Times of India, Ahmedabad, Dated January, 23 1986)

Thus spoke Swami Vivekananda

To the accusation from some orthodox Hindus that the Swami was eating forbidden food (beef), he retorted – “If the people of India want me to keep strictly to my Hindu diet, please tell them to send me a cook and money enough to keep him.” (Bio, 129)

That Vivekananda had no love for his motherland, is crystal clear from his following words –
“I belong to the world as much as to India. No humbug about that. What special claim can India have on me? Am I a nation’s slave? I see a greater power than man or God or Devil at my back (that greater power has not been indicated). I require nobody’s help.” (Ibid)

“Swami Vivekananda advocated animal food for the Hindus if they were to cope at all with the rest of the world in the present reign of power and find a place among the other great nations.” (Bio., P. 96)

“I say eat large quantities of fish and meat.” (Complete Works of Swami Vivekananda, V. 402)

“Is God a nervous fool like you that the flow of the river of his mercy would dry up by a piece of meat? If such be he, his value is not a pie.” (IV, 359)

“We must use the food which brings the purest of mind.” (I, 136)

“There are certain kinds of food that produce a certain change in the body and in the long run have a tremendous effect on the mind. There are certain foods which are exciting. If you eat such food, you will find that you cannot control the mind.” (IV, 4)

“To eat meat is surely barbarous and vegetable food is certainly purer – who can deny? For him surely is a vegetarian diet whose one end is to lead spiritual life. But he who has to steer the boat of his life with strenuous labour, must of necessity take meat.” (V, 485)

But Vivekananda should know that vegetarians have more energy and stamina. The use of the word horse-power against tiger-power makes it clear. Vivekananda wanted lo lead spiritual life. Why was he then a non-vegetarian? In fact it was his weakness which he did not defend. He said – “I am myself not a vegetarian, but I admit that vegetarian food is ideal for man. When I eat meat, I know that I am not doing the right thing. But I won’t defend my weakness at the cost of an ideal. The ideal thing is that we should avoid taking meat. After all, even animals are our own self.” (Vedanta in practical life, P. 12)

Friday, May 17, 2013

मुस्लिम लड़के प्यार क्यों नहीं समझते ?

मुस्लिम/गैर मुस्लिम देवियों,

यदि आप किसी मुस्लिम लड़के से प्यार करती हैं और उस से शादी का सोच रही तो कृपया थोडा समय इस लेख पर दे | आपके पुरे जीवन का प्रश्न हैं ५-१० मिनट पढ़ सकती हैं | मैं जानता हू प्यार अंधा होता हैं प्यार में कुछ नहीं दीखता और जब इन्द्रिया तुष्ट कर के लड़किया सड़क पे आती हैं तब उन्हें एहसास होता के उन्होंने क्या बेवकूफी करी | आप कोई भी धर्म में हो यदि किसी मुसलमान से शादी करने जा रही तो जानिये के वो सोचता कैसे हैं क्या वे वास्तव में वो सब सोचता हैं जो इस्लाम में लिखा हुआ हैं | इस से मतलब नहीं के आप स्वं भी एक मुस्लिम हैं इस्लाम पुरुषों के हित का सम्प्रदाये हैं लड़किया बोले भले हि ना पर उन्हें के लिए मुस्लिम समाज जहन्नुम से कम नहीं | तो आप कृपया इन प्रश्नों को अपने दिमाग में रख के समय के साथ अपने मुस्लिम प्रेमी कि परीक्षा करे यदपि वो तक्किया अर्थात झूठ बोलेगा क्यों के उसे अल्लाह ने स्वतंत्र कर रखा हैं अपनी कसमो से जिसका प्रमाण हमने क्रम संख्या ९ में दिया हैं | पर ईश्वर ने आपको भी तो बुद्धि दी हैं “लेकिन वो ऐसा नहीं हैं” के आगे भी तो आप सोच सकती हैं | लोगो को पहचान सकती हैं | आप जननी हैं, सृजन आप पर आधारित हैं मानसिक विकार वाले व्यक्ति के गुणधर्म आगे बढा के आप पाप हि कमाएंगी और दुःख को प्राप्त होंगी | अतः मुस्लिम लडको कि मानसिकता को समझिए के वो चाहे तो भी उनका सम्प्रदाये उन्हें प्रेम कि अनुमति नहीं देता | वे कभी समझ नहीं सकते के प्रेम होता क्या हैं यः दिव्यता तो ईश्वर ने नारी को दी है वात्सल्य तो उसके पास हैं और जो खुले मष्तिष्क से चिंतन करता है वह प्रेम को और नारी के कोमल मन को समझ सकता हैं | एक ऐसा इंसान जिसे कुरान अल्लाह का ग्रन्थ और मोहम्मद उसका रसूल लगता हैं वह प्रेम कभी नहीं समझ सकता | अतः खुद को उत्तर दीजियेगा के क्या आप ऐसा जीवन साथी चुनेंगी 

१.      जिसे लगता हैं के अल्लाह ने उसे आजादी दी एक साथ ४ बीविया रखने की क्या वो कभी प्यार समझ सकता हैं | प्यार तो एक से ही होता हैं २-३-या ४ से नहीं |

प्रमाण देखे कुरान ४:३-  और यदि तुम्हें आशंका हो कि तुम अनाथों (अनाथ लड़कियों) के प्रति न्याय न कर सकोगे तो उनमें से, जो तुम्हें पसन्द हों, दो-दो या तीन-तीन या चार-चार से विवाह कर लो। किन्तु यदि तुम्हें आशंका हो कि तुम उनके साथ एक जैसा व्यवहार न कर सकोंगे, तो फिर एक ही पर बस करो, या उस स्त्री (लौंड़ी) पर जो तुम्हारे क़ब्ज़े में आई हो, उसी पर बस करो। इसमें तुम्हारे न्याय से न हटने की अधिक सम्भावना है (3)

अब समझ आया मुस्लिमो में सभ्यता का अभाव क्यों होता हैं जब अल्लाह हि लौड़ी जो कब्जे में आई है उसी पर बस करने को कहे रहा अगर ३-४ झेल ना पाओ | काश अल्लाह के रसूल ने ये आयत अपने ऊपर उतरने से पहले पढ़ ली होती और पढ़ी थी तो मान लिया होता अब हश्र के मैदान में रसूल क्या जवाब देंगे | http://answeringyou.blogspot.in/2012/01/why-did-mohammed-get-31-wives.html

२.      जिसे लगता हैं के उसका ईश्वर यानी अल्लाह ने उसे आजादी दी हैं अपनी बीवी को मारने की अगर वो कहना ना माने | बीवी हैं कोई जानवर नहीं जो कहना ना माने तो मारो, लोग तो जानवर को भी उसकी सुझबुझ का प्रयोग करने देते है |

प्रमाण देखे कुरान ४:३४ - पति पत्नियों संरक्षक और निगराँ है, क्योंकि अल्लाह ने उनमें से कुछ को कुछ के मुक़ाबले में आगे रहा है, और इसलिए भी कि पतियों ने अपने माल ख़र्च किए है, तो नेक पत्ऩियाँ तो आज्ञापालन करनेवाली होती है और गुप्त बातों की रक्षा करती है, क्योंकि अल्लाह ने उनकी रक्षा की है। और जो पत्नियों ऐसी हो जिनकी सरकशी का तुम्हें भय हो, उन्हें समझाओ और बिस्तरों में उन्हें अकेली छोड़ दो और (अति आवश्यक हो तो) उन्हें मारो भी। फिर यदि वे तुम्हारी बात मानने लगे, तो उनके विरुद्ध कोई रास्ता न ढूढ़ो। अल्लाह सबसे उच्च, सबसे बड़ा है (34)
३.      जिसे लगता हैं के अल्लाह ने दौलत से या जोर जबरदस्ती से उसे औरत को रखने का अधिकार  दिया हैं | औरत भी लूट के माल में आती हैं जिसे निर्जीव और संजीव भावना युक्त में भेद नहीं करना आता क्या ऐसा व्यक्ति प्यार का कोई भी अक्षर समझ सकता हैं |

प्रमाण देखे कुरान ४:२४ - और विवाहित स्त्रियाँ भी वर्जित है, सिवाय उनके जो तुम्हारी लौंडी हों। यह अल्लाह ने तुम्हारे लिए अनिवार्य कर दिया है। इनके अतिरिक्त शेष स्त्रियाँ तुम्हारे लिए वैध है कि तुम अपने माल के द्वारा उन्हें प्राप्त करो उनकी पाकदामनी की सुरक्षा के लिए, न कि यह काम स्वच्छन्द काम-तृप्ति के लिए हो। फिर उनसे दाम्पत्य जीवन का आनन्द लो तो उसके बदले उनका निश्चित किया हुए हक़ (मह्रि) अदा करो और यदि हक़ निश्चित हो जाने के पश्चात तुम आपम में अपनी प्रसन्नता से कोई समझौता कर लो, तो इसमें तुम्हारे लिए कोई दोष नहीं। निस्संदेह अल्लाह सब कुछ जाननेवाला, तत्वदर्शी है (24)

४.      जिसे अल्लाह ये बताता हैं के उसकी औरते उसके लिए खेती के सामान हैं जैसा चाहो वैसा जाओ | खेत गिरवी रख दिए जाते हैं बेच दिये जाते हैं और मुस्लिम लड़के भी ऐसा ही करते हैं लडकीय भोग के दूसरे शेहरो में बेच देते हैं हाला की आजकल लव जिहादी ऐसा कर रहे हैं हिंदू लडकियो के साथ क्यों के उनका साथ देने को उनका परिवार नहीं होता हैं |

प्रमाण देखे कुरान २:२२३ -  तुम्हारी स्त्रियों तुम्हारी खेती है। अतः जिस प्रकार चाहो तुम अपनी खेती में आओ और अपने लिए आगे भेजो; और अल्लाह से डरते रहो; भली-भाँति जान ले कि तुम्हें उससे मिलना है; और ईमान लानेवालों को शुभ-सूचना दे दो (223)
५.      जो रकम के आधार पर लड़की को अपनी बीवी कह रहा हैं | शादी की रात बिताने के बाद अगर वह दूसरे दिन तीन बार तलाक कहे के मैहर की रकम मू पर मार दे तो उसके लिए बीवी और रंडी में भेद कर पाना मुश्किल हैं |

   प्रमाण देखे कुरान ४:४- और स्त्रियों को उनके मह्रा ख़ुशी से अदा करो। हाँ, यदि वे अपनी ख़ुशी से उसमें से तुम्हारे लिए छोड़ दे तो उसे तुम अच्छा और पाक समझकर खाओ (4)
देख रहे है इसी कारण सारे मुसलमान नाजायज हि कहे जायेंगे क्यों के जिसे वो विवाह कहते वो वास्तव में मुद्रा के आधार पर शारीरिक सम्बन्ध बनाना होता जिसे हम रंडीबाजी कहते सरल शब्दों में | ध्यान दे इस्लाम में औरतो को तलाक का अधिकार नहीं हैं तो आप एक बार फस गई तो बड़ी मुश्किल से निकलेगी कुल्ला कि रस्म इतनी सरल नहीं जिसमे पुरुष को नपुसक साबित करना होता हैं | होते तो ज्यादातर हैं पर साबित करना मुस्लिम लड़कियों के बस कि बात नहीं |

६.      एक ऐसा इंसान जो समझता हू के अल्लाह और उसके नबी ने कहा हैं ज्यादातर औरते जहन्नुम में होंगी उसके पति की बात ना मानने को | जो पति गलत कहे सो भी मानना चाहिए?

प्रमाण देखे हदीस से

http://www.usc.edu/org/cmje/religious-texts/hadith/bukhari/002-sbt.php#001.002.029

Volume 1, Book 2, Number 29:

Narrated Ibn 'Abbas:

The Prophet said: "I was shown the Hell-fire and that the majority of its dwellers were women who were ungrateful." It was asked, "Do they disbelieve in Allah?" (or are they ungrateful to Allah?) He replied, "They are ungrateful to their husbands and are ungrateful for the favors and the good (charitable deeds) done to them. If you have always been good (benevolent) to one of them and then she sees something in you (not of her liking), she will say, 'I have never received any good from you."

इब्न अब्बास ने बताया
पैगम्बर ने कहा “मुझे जहन्नुम कि आग दिखाई गई और मैंने बहुमत में वहा स्त्रियों को पाया जो कृतघ्न थी”. यह पूछा गया,”के क्या वे अल्लाह में ईमान ना रखती थी? “(क्या वे अल्लाह
अकृतज्ञ थी?) उन्होंने उत्तर दिया, “वे अकृतज्ञ थी अपनी पतियों कि और कृतघ्न थी उनपर किये गए एहसानो और अच्छे (धर्मार्थ कामो) के लिए जो उनके साथ किया ज्ञा. यदि आप उनमें से एक के साथ सदैव अच्छे (उदार) रहे और तब वह आपमें कुछ देखती हैं(जो वह पसंद नहीं करती), तो वे कहती है, “तुमने मेरे साथ कुछ अच्छा नहीं किया”.

तो आप बताइये आप ऐसी है क्या ? पर पैगम्बर ऐसा कहे रहे और मुस्लिम उनकी बात हमेशा सही हि मानते हैं |

७.      एक ऐसे इंसान का परिवार जहा उस लड़के के बाप का अपनी बहु से सम्बन्ध बनाना गलत नहीं समझा जाता | क्या आप ऐसे समाज में जाना चाहेंगी जहा आप का श्वसुर ही आप पर बुरी नजर रखे वही नहीं आपका देवर इतियादी क्यों की आपने एक दाई का ढूध नहीं पिया |

 प्रमाण देखे कुरान ३३:३७- याद करो (ऐ नबी), जबकि तुम उस व्यक्ति से कह रहे थे जिसपर अल्लाह ने अनुकम्पा की, और तुमने भी जिसपर अनुकम्पा की कि "अपनी पत्नी को अपने पास रोक रखो और अल्लाह का डर रखो, और तुम अपने जी में उस बात को छिपा रहे हो जिसको अल्लाह प्रकट करनेवाला है। तुम लोगों से डरते हो, जबकि अल्लाह इसका ज़्यादा हक़ रखता है कि तुम उससे डरो।" अतः जब ज़ैद उससे अपनी ज़रूरत पूरी कर चुका तो हमने उसका तुमसे विवाह कर दिया, ताकि ईमानवालों पर अपने मुँह बोले बेटों की पत्नियों के मामले में कोई तंगी न रहे जबकि वे उनसे अपनी ज़रूरत पूरी कर लें। अल्लाह का फ़ैसला तो पूरा होकर ही रहता है (37)

जैद था मोहम्मद का गोद लिया हुआ बेटा तो सम्हाल के रहे सभी वो कन्याए जो किसी मुस्लिम से शादी करने का सोच रही | थोडा विस्तार यहा देखे
http://answeringyou.blogspot.in/2012/02/blog-post_21.html

८.      एक ऐसा इंसान जो सौतेली बेटी से सम्भोग करने के लिए स्वतंत्र हैं अल्लाह कि ओर से |

प्रमाण देखे कुरान ४:२३- तुम्हारे लिए हराम है तुम्हारी माएँ, बेटियाँ, बहनें, फूफियाँ, मौसियाँ, भतीतियाँ, भाँजिया, और तुम्हारी वे माएँ जिन्होंने तुम्हें दूध पिलाया हो और दूध के रिश्ते से तुम्हारी बहनें और तुम्हारी सासें और तुम्हारी पत्ऩियों की बेटियाँ जिनसे तुम सम्भोग कर चुक हो। परन्तु यदि सम्भोग नहीं किया है तो इसमें तुमपर कोई गुनाह नहीं - और तुम्हारे उन बेटों की पत्ऩियाँ जो तुमसे पैदा हों और यह भी कि तुम दो बहनों को इकट्ठा करो; जो पहले जो हो चुका सो हो चुका। निश्चय ही अल्लाह अत्यन्त क्षमाशील, दयावान है (23)

मतलब यदि किसी कि एक लड़की हैं और वो दूसरी शादी किसी मुस्लिम से कर रही तो पता चला किसी कारण उनकी सुहागरात नहीं बन पाई इस बीच में मुल्ला जी ने लड़की पर हि हाथ साफ़ कर दिया तो क्या करेंगी आप ? अल्लाह तो ऐसी घटिया बात कहता हैं दुखद ये हैं के मुसलमान विश्वास करते हैं के अल्लाह ईश्वर हैं |
थोडा विस्तार से यहा देखे http://answeringyou.blogspot.in/2012/02/blog-post_06.html

९.      एक ऐसा इंसान जिसे अल्लाह की तरफ से झूठ बोलने और झूठे वादे करनी की पूरी छुट हैं क्या वो प्यार के सच्चे वादे कभी कर पाएंगे ? इसलिए पुरानी कहावत हैं मिया का बच्चा कभी ना सच्चा

 प्रमाण देखे कुरान २:२२५ अल्लाह तुम्हें तुम्हारी ऐसी कसमों पर नहीं पकड़ेगा जो यूँ ही मुँह से निकल गई हो, लेकिन उन क़समों पर वह तुम्हें अवश्य पकड़ेगा जो तुम्हारे दिल के इरादे का नतीजा हों। अल्लाह बहुत क्षमा करनेवाला, सहनशील है (225)

वाह जी कुछ भी कसम खा के काम चला लो और कहो मु से यु हि निकल गया था झूठ बोलना और बोलने को बढ़ावा देना इसे हि कहते हैं |

६६:२ अल्लाह ने तुम लोगों के लिए तुम्हारी अपनी क़समों की पाबंदी से निकलने का उपाय निश्चित कर दिया है। अल्लाह तुम्हारा संरक्षक है और वही सर्वज्ञ, अत्यन्त तत्वदर्शी है (2)
देख रही हैं आप यानी मुसलमानों कि कसमो का कोई मतलब नहीं होता | जन्माधिकार हैं उनके पास झूठ बोलने का अल्लाह ने पाबन्दी से निकलने के उपाय निश्चित कर रखे है यानी झूठ बोलने कि खुली स्वतंत्रता | इसीलिए केवल इस्लाम हि झूठ बोलने कि शिक्षा देने वाला धर्म हैं

१०.  ऐसा लड़का जो आपको बताएगा के आपको क्या ढकना हैं कैसे कपडे पहनने हैं, हमेशा आपके चरित्र पर शक करेगा और आपको बताता रहेगा के

प्रमाण देखे कुरान

२४:३१ और ईमानवाली स्त्रियों से कह दो कि वे भी अपनी निगाहें बचाकर रखें और अपने गुप्तांगों की रक्षा करें। और अपने शृंगार प्रकट न करें, सिवाय उसके जो उनमें खुला रहता है। और अपने सीनों (वक्षस्थल) पर अपने दुपट्टे डाल रहें और अपना शृंगार किसी पर ज़ाहिर न करें सिवाय अपने पतियों के या अपने बापों के या अपने पतियों के बापों के या अपने बेटों के या अपने पतियों के बेटों के या अपने भाइयों के या अपने भतीजों के या अपने भांजों के या मेल-जोल की स्त्रियों के या जो उनकी अपनी मिल्कियत में हो उनके, या उन अधीनस्थ पुरुषों के जो उस अवस्था को पार कर चुके हों जिससें स्त्री की ज़रूरत होती है, या उन बच्चों के जो स्त्रियों के परदे की बातों से परिचित न हों। और स्त्रियाँ अपने पाँव धरती पर मारकर न चलें कि अपना जो शृंगार छिपा रखा हो, वह मालूम हो जाए। ऐ ईमानवालो! तुम सब मिलकर अल्लाह से तौबा करो, ताकि तुम्हें सफलता प्राप्त हो (31)

११.  ऐसा लडका जो यह मानता होगा के वे लोग झूठे हैं जो कुरान कि बे सर पैर कि बातो पे यकीन नहीं करते |

प्रमाण देखे कुरान

५:८६ रहे वे लोग जिन्होंने इनकार किया और हमारी आयतों को झुठलाया, वे भड़कती आग (में पड़ने) वाले है(86)

१६:१०६ झूठ तो बस वही लोग घड़ते है जो अल्लाह की आयतों को मानते नहीं और वही है जो झूठे है (105)
हमने यहाँ मुसलमानों कि अत्यधिक हिंसक वृति पर नहीं लिखा | जैसे आप गैर मुस्लिम हुई तो आप को तो मुस्लिम जिहादी इस्लाम कुबूल कर के हि लाएगा पर आपके माँ बाप उसके लिए काफिर होंगे और आपका बच्चा होगा उसके लिए उसके नाना नानी भी क़त्ल कर देने योग्य होंगे यदि वह भी अपने पिता के वैचारिक सिधान्तो को मानाने वाला हुआ और उसने आपको बच्चे समेत सड़क पर नहीं छोड़ा तो | अतः मुसलमान जब तक इन विचारों को नहीं छोड़ते उनसे विवाह सम्बन्ध कि सोच रखना किसी भी मुस्लिम/या गैर मुस्लिम लड़की के लिए मूर्खता हि कही जाएगी | 

प्रश्न तो क्या मुस्लिम लड़किया भी प्यार नहीं समझती ? उनसे भी शादी ना करी जाए ?

लड़किया स्वभाव से कोमल होती हैं, मुस्लिम कुल कि कन्याओ ने प्यार नहीं देखा होता उन्हें प्यार का कोई अनुमान नहीं होता | काम और प्रेम भिन्न हैं काम प्रेम का अंग हैं यह वे नही समझती तो यदि आप मुस्लिम कन्या से विवाह का सोच रहे तो बदले कि भावना में तो यह आप अपना जीवन बर्बाद कर रहे | माता निर्माता होती हैं आपके बच्चे जब उसके गर्भ में होंगे तो वो तो अल्लाह और रसूल सोचेगी और संस्कार जाएँगे |

तो क्या ?

तो उनकी मानसिक शुद्धि करिए | उनसे विशुद्ध प्रेम करिये और उन्हें अपना महान वैदिक धर्म समझाइये | इस्लाम कि बुराई के बजाए वैदिक धर्म के सिधान्तो को समझिए | जब वे मानसिक तौर पर आपके समाज में आने को तैयार हो जाये तो उनका यज्ञोपवित करा के शुद्धि करिये और तत्पश्चात संस्कृत नाम दे कर उनसे विवाह करिये | देखिये हमारे कुलों में अद्भुत विदुषी ब्रह्मणि हुई ऐसी क्षत्राणी हुई के यदि किसी दुष्ट ने हाथ पकड़ लिया तो अपना हाथ काट दिया या छूने ना पाए कोई नीच तो शारीर को भष्म कर लिया तो आर्य कन्यायो से मलेच्छ कुल कि कन्यायो कि तुलना नहीं | पर महत्व ये रखता हैं के कौन क्या चुनता हैं कन्या का वही कुल होता जिसमे वो जाती हैं उन्हें संस्कारित करिये उन्हें आर्य बनाइये उनके भी तो पूर्वज आर्य हि थे | विशुद्ध प्रेम से परिवर्तन कि थोड़ी सम्भावनाये मुस्लिम कन्यायो में हैं पर मुस्लिम लडको से कोई आशा ना करिये क्यों के कुरआन उनकी सुविधा के अनुकूल हैं कोई भी दुष्ट जो चाहेगा नारी को गुलाम बनाए रखने के लिए वो सब कुरान में हैं इसलिए किसी मुस्लिम का विवाह किसी गैर मुस्लिम के साथ-२ क्या मुस्लिम के साथ भी ना होने देने का प्रयत्न करिये यदि वे उपरोक्त दी हुई आयतों में आस्था रखता हैं तो |

नमस्ते

Saturday, January 5, 2013

अकबरुद्दीन ओवैसी को आर्यो का प्रत्युत्तर


अकबरुद्दीन ओवैसी के भाषण इस लेख के पूरा होने तक यु ट्यूब से हटा लिया गया | यह लेख ५३ मिनट के ओवैसी के भडकाऊ भाषण के प्रत्युत्तर के तौर पर लिखा जा रहा हैं |
भारतीय मुसलमानों में एक बहुत बड़ा प्रतिशत इन जैसो के भाषणों पर ताली पीट कर समर्थन करने वालो का हैं  | हम कहेंगे तो आप मानेंगे नहीं |  कही से उपलब्ध हो जाए, तो सुनिए और समझिए जो २५ करोड होने पे इतना हौसला दिखा रहे हैं, जिस दिन ये ३५-४० करोड होंगे और सत्ता में सीधे आयेंगे ये आपके साथ क्या करेंगे ?  मुसलमानों के लिए विकास कभी भी मुद्दा नहीं था ; ना होगा  |  उन्हें आनंद आता हैं : दूसरों के धार्मिक विषयों पर गाली गलौज करने में | चर्चा होनी चाहिए |  हम आर्य तो सदैव से यही कहते हैं के जो शंका आपको हो वो हमारे पास आइये |  हमें होंगी ,  हम आपके पास आएंगे |  पर शाश्त्रार्थ से ये कोसो दूर भागते हैं |
खैर विषय पर आते हैं जिहादी कैसे होते हैं और किस प्रकार सोचते हैं यह आपको ओवैशी के भाषण में समझ आजाएगा | और यह हिम्मत उसे मुसलमानों ने दी है हमारे देश में रह कर हमारी हि पुलिस को हिजड़ा बोलने वाले यह महोदय पर अगर कोई कार्यवाही नहीं होती तो हम आर्यो के लिए सार्वजानिक मंच पर इस्लाम कि और मुसलमानों के आडम्बर का भंडाफोड करने के लिए आमंत्रण समझा जाएगा | सभी विषयों को लिख कर लेख बहुत लंबा हो जाता और उसकी आवयश्कता भी नहीं हैं क्यों के अपनी राज व्यवस्था से शिकायत करने का अधिकार सबको होता हैं लेकिन जहा-२ मर्यादा भंग कि है हमें विनम्रता पूर्वक यह बताना आवश्यक हो जाता हैं के ओवैसी मुसलमानों कि कब्र खोदने पे तुला हुआ हैं | यह तो एक दम स्पष्ट हैं के नरेन्द्र मोदी जी के प्रधान मंत्री बनाने कि संभावना शत प्रतिशत होते देख मुसलमान डरा हुआ हैं बहुत ज्यादा डरा हुआ हैं पर इस डर को दूर करने के चक्कर  में श्रीमान ओवैसी खुद हि मोदी के वोट बैंक को बढा बैठे हैं | अवैसी के कहे हुए शब्दों को मोटे काले अक्षरों में दे रहा हू |
ऐ हिन्दुस्तानअगर बाबरी मस्जिद ना गिराई होती हमारी औरतो कि इज्जत ना लुटी होती हमारे बच्चो के गले पे छुरिया ना चलाई होती तो ९३ के बम्ब धमाके ना हुए होते |”
ये वो बोल रहे हैं जो १४०० सालो से पूरी दुनिया में तबाही मचाये हुए हैं | जिन्होंने अरब से यहूदियो को खत्म कर दिया फारस से पारसियो को खत्म कर दिया, जिन्होंने अफगानिस्तान से बिहार तक बौद्ध भिक्षुओ कि लाशें बिछा दी | भिक्षुणियो के स्तन काटे और पूरी कि पूरी सेना एक हि औरत के बलात्कार में जुट जाती | मोहम्मद से कासिम, गजनवी, गौरी, अल्लाउदीन, तैमूर, बाबर, अकबर, औरंगजेब, नादिर शाह, अहमद शाह अब्दाली के चेले ये बोल रहे हैं क्यों के आर्यो से १४०० सालो से पिट रहे हैं |  ये बात वो बोल रहे जो बच्चो को काट के उनका मांस उनकी माँ के मु में ठूस देते थे, भालो कि नोक पे दुधमुहे बच्चो को लेने वालो कि आज इतनी दयनीय दशा | ये तो वही मुसलमान हैं जिन्होंने पाकिस्तान में औरतो के स्तन काट के उनकी छातियों पर गरम मोहरे ठोकी थी | और सबसे बढ़ कर ये अल्लाह को धन्यवाद देते थे | और अगर मुसलमानों के लिए इमारत और बेकसूरों कि जान एक जैसी हैं उस हिसाब से तो मुसलमानों ने हिन्दुओ के इतने मंदिर तोड़े हैं के बोम्ब फेक फेक के पूरी दुनिया के मुसलमान खत्म कर देने चाहिए | और अगर ९३ के धमाके बाबरी का नतीजा था तो कश्मीर का कत्लेआम कहा से आया ? बटवारे के समय लाखो लाख हिंदू-सीखो के क़त्ल का जज्बा कहा से आया ?
हर एक्शन का रीएक्शन होता हैं |”
जब इतनी समझ हैं तो गोधरा कांड क्यों किया ? अभी भी समय हैं सुधर जाओ |
मैं सिर्फ मुस्लिम परस्त हू
जो मुस्लिम वतन परस्त नहीं उसे इस देश में सांस लेने का अधिकार नहीं |
“बाबरी मस्जिद को बना लो अकबर ओवैसी गौर करेगा सेकुलर होना नहीं होना”
बाबरी मस्जिद टूटी तो सेकुलरिस्म याद आया पिछले चौदाह सौ सालो में दुनिया के सभी धर्मस्थल तोड़ते वक्त पंथ निरपेक्षता नहीं याद आई ?
मेरी लुटी हुई अस्मत मुझको लौटा दो
मुसलमान कि इज्जत तो तभी लुट जाती हैं जब वह मुस्लिम घर में पैदा होता हैं | इस्लाम छोड दो सम्मान मिल जाएगा |
“.....
क्या नाम था उस बच्चे का अजमल कसाबअजमल कसाब को फांसी पे लटका दिये |”
तकलीफ तो तुम्हे हो रही जैसे तुम्हारा लौंडा था | आर्य तत्सम तत्भव शब्दों का हि प्रयोग करते हैं पर सोचा कुरान कि भाषा लौंडा-लौंडी प्रयोग करू मुसलमानों को समझने में सरलता होगी |
“..
मैं उस बहस में नहीं जाना चाहता |”
मुसलमान सिर्फ एक तरफ़ा माइक ले के बोल पाते हैं बहस करने कि हिम्मत उनमे नहीं |
गुजरात में २००० लोगो को मारने वाले मोदी को आजतक सजा नहीं हुई आज वो हिन्दुस्तान का वजीरेआजम बनाने के ख्वाब देख रहा हैं |......अगर इस मुल्क में इन्साफ हैं तो नरेन्द्र मोदी को भी फ़ासी पे लटका दो 
ये इस्लामिक देश नहीं हैं मिया जो ख्वाब देख रहे हो | गुजराती पुरे भारत में सबसे सीधा होता हैं और आप मुसलमानों उनके धैर्य को भी तोड़ दिया | हजारों कि भीड़ ने ट्रेन कि बोगी को घेर के ५८ कारसेवको को जिन्दा जला दिया और आपको लगता हैं हम आपको माफ कर देंगे | सामाजिक न्याय ऐसा हि होता हैं पंजाब में यु हि सफाई नहीं हुई | जहा-२ मुसल्लो के पाप का घड़ा भरा हैं वहा से इस्लाम साफ़ हो गया हैं | कश्मीर में २०,००० हिन्दुओ का कत्लेआम और ३ लाख लोगो लोगो को बेघर करने वाले जिहादि के दिलो में आज श्री नरेन्द्र मोदी का खौफ साफ़ दिख रहा हैं | यह अच्छी बात हैं |
अगर मेरी आवाज़ २५ करोड मुसलमानों में आजे तो मुल्क के मुसताक्बिल को लिखने वाले का नाम मुसलमान होगा |”
मुसलमान अपनी तकदीर नहीं लिख पाता हैं मुल्क कि क्या लिखेगा ? गन्दगी में जीता हैं और गन्दगी में मर जाता हैं |
अगर मुसलमानों को धरा में लाना चाहते हो तो उनका हक उन्हें दो |”
“मुसलमानों का काफिरो कि सम्पति पर उतना हि हक हैं जितना अपने माँ के दूध पे” यह इस्लाम के एक प्रसिधं जिहादी ने कहा था और कुरान भी उन्हें यही हक बताती हैं | हिन्दुओ कि हत्या,लूट,बलात्कार कि खुली छुट का हक उन्ही से मांग रहे हो ? इतना बड़ा पकिस्तान, बंगलादेश दे दिया, हिंदुस्तान में रहने का हक दे दिया फिर भी तुम लोगो का पेट नहीं भरा ?
गोपाल सिंह कमिशन बनासच्चर कमिटी बनीरंगनाथ मिसरा क्या इन्साफ मिला | SC/STके लिए राज्यसभा में विधेयक लाइ कांग्रेस ....यानी तरक्की काबिलियत पर नहीं होगी SC/ST के आधार पर होगी उनको रुझान के लिए सब कुछ मुसलमानों के लिए कुछ भी नहीं |.... SC/STको देना चाहिए तो मुसलमानों को भी देना चाहिए .....| SC/STसे भी पिछड़े हुए कोई हैं तो वो मुसलमान हैं |”
तुमने यह तो स्वीकार किया के मुसलमानों में काबिलियत नहीं इसलिए उन्हें आरक्षण चाहिए | रही बात SC/ST कि तो उन्हें संविधान में अल्पकाल के लिए आरक्षण मिला क्यों के उन्हें पिछड़ा किया मुसलमानों ने | हमारे वीर क्षत्रियों को मल ढोने में लगा के उनका मान भंग कर के भंगी कहने वाले मुसलमान थे | उन्होंने मेहनत करी और देश के उत्थान में अभी भी लगे हुए हैं पर मुसलमान तो अपने हि देश कि अपने पूर्वजो कि जड़े खोदने में लगे हुए हैं | मुसलमान पिछड़ा हैं क्यों के पढ़ाई लिखाई कि जगह कुरान पढता हैं जो उन्हें अपराधी बनाती हैं | कुरान छोड दो मुख्य धारा में  स्वमेव आजाओगे | अच्छा एक मुफ्त कि सलाह देता हू मुसलमानों को बिना कुछ किये अमीर बनाने कि, दुनिया में मस्जिद हि ऐसी धार्मिक (कथित) ईमारत होती है जिसके अंदर मलमूत्र त्याग कि व्यवस्था होती हैं तो तुम लोग ५-५ रूपय ले के खाली समय में शौचालय का प्रयोग क्यों नही करते, हिंदू तुम्हे अमीर कर देंगे | देखो पुरे देश में तुम लोगो ने इतनी मस्जिदे बना राखी हैं एक दिन में तुम लोगो का पिछड़ापन दूर हो जाएगा | हा जिहाद के लिए प्रयोग करना ना वो धन, जो हिंदू मल मूत्र त्याग कर तुम्हे अमीर बना सकता हैं वो अपने परिवार कि रक्षा के लिए तुम्हे सड़क पे भी ला सकता हैं |
“....इन्साफ करने के बजाए कहते हो बंगलादेशी हैं तो अडवानी तू कहा का हैं तू तो भगोड़ा हैं भाग के आया था यहाँ पाकिस्तान से |”
बांग्लादेशी तो आने वाले समय में पुरे देश से साफ़ कर दिए जाएँगे | नही गैर कानूनन नहीं होगा, सीमाँ पर एक कदम भी घुसपैठ करने वाले को तुरंत गोली मर दी जाती हैं | देश द्रोही ताकतों कि सहायता से बंगलादेशी घुसपैठिये सांस ले रहे हैं | शरणार्थियों को शरण दी जाती हैं घुसपैठियों को गोली मार दी जाती हैं | और शर्म करो मुसलमानों इतनी एहसान फरामोशी | हमने तुम्हे यहाँ रहने दिया क्यों के हम पंथ निरपेक्षता में विश्वास करते हैं वरना पाकिस्तान में तुम मुजाहिर (भगोड़े) कहे जाते या कभी पैदा हि नहीं होते |
अरे ये मुसलमान भागकर पाकिस्तान नहीं गए हम यही पर हैं यही पर रहेंगे यही पर जियेंगे ये मुल्क हमारा था हमारा हैं हमारा रहेगा |”
हमने रहने दिया तो रहे, कितने मौके दिए हैं अब और नहीं | हमारे देश में रह कर हमारी हि संस्कृति को गाली देने हमारे हि ऐश्वर्यवान पूर्वजो(भगवानो) का अपमान करने के बावजूद भी तुम लोग सांस ले रहे हो ये हमारी सेहेंशीलता हैं | मुल्क को अपना कहने से मुल्क को अपनाना होता हैं उसकी संस्कृति उसकी सभ्यता कि इज्जत करनी होती हैं जो तुम लोगो को १४०० सालो में नहीं आया तो अब क्या समझ आएगा |
पहली बात तो हम भाग कर जाने वाले नही |”
 किसने कहा हम तुम्हे जाने देंगे ? राम के देश में रह के राम को गाली दे के तुम्हे आर्य जाने देंगे हम भूलते नहीं और हम माफ भी नहीं करते | और अभी से भागने कि तैयारी कर रहे मिया? ये हम आर्य हैं जो शुद्धि कर के तुम लोगो कि जान बचा लेते हैं  वरना हमारे यहाँ कोई जिज्या नहीं और हम अपनी सहनशीलता तक बर्दास्त करते हैं और उसके बाद जो होता हैं वो जा के गुजरात के मुसलमानों से पूछो जा के | आज वो भी भगवा झंडे के नीचे आगये तुम्हे अभी भी समझ नहीं आई |
हम गए तो ताज को भी ले जायेंगेलाल किले को भी ले जायेंगेकुतुबमीनार को भी ले जायेंगे |
तुम्हारे पास बचेगा क्या अयोध्या का वो टुटा-फुटा राम का मंदिर अजंता अलोरा कि नंगी मुर्तिया बचेगी |”
ताज और लाल किले तो ८०० सालो से खड़े हैं जो आये थे तुर्क से वो भी चले गए उनके वंश भी खत्म हो गए पर हमारी इमारते वही कि वही हैं ये इमारते प्रतीक हैं हमारी सभ्यता कि, संस्कृति, कला कि कुछ पत्थर बदल देने से कोई उन इमारतो का निर्माता नहीं हो  जाता | एक इमारत टूटेगी तो हम हजार खड़ी कर लेंगे और भूल जाओ के मुगलिस्तान बना लोगे पकिस्तान को हमारी सेना ने ४ बार ऐसी तुडाई करी हैं के उसे अपनी औकात पता चल गई हैं तुम जिहादियों को कब अपनी औकात समझ आयेगी | कितनी बार हमारे मंदिर तोड़े हमें कुछ फर्क पड़ा ? पड़ा कुछ फर्क हमने और भव्य मंदिर खड़े कर लिए | हम सत्यमार्गी परिश्रमी लोग हैं हमारा कोई बलात्कारी लूट-पाट करने वाले आदर्श नहीं हमारे आदर्श राम जैसे हैं जिनके भक्तो के खौफ के कारण तुम जिहादी सो नहीं पाते | इसीलिए, मुसलमानों कि कब्र मत खोदो मिया ओबैसी, सुधर जाओ इस से पहले के हम मौके देना बंद कर दे |
अरे हम मरते भी हैं तो इस जमीन में २गज जमीन लेकर दफ़न होते हैं क्यों के हमें इस मोहब्बत हैं तुम मरते हो तो फिजाओ में आवारा कि तरह चले जाते हो |”
जो मोहब्बत होती तो मरने के बाद भी मिटटी कि २गज जमीन को बंजर ना करते, हम आर्य(हिंदू) मरते हैं तो हवा को भी साफ़ करते हैं और मरने के बाद भी हमारे शरीर कि राख इस मिटटी को उपजाऊ करके जाती हैं इसे कहते हैं मोहब्ब्बत करना, समझे मिया |
ऐसे मोडिया बहुत आंए और चले गए आज लोग बोल रै मोडी जीत गया वजीरेआजम बन जाएगा देखेंगे कैसे बनता हैं |
आपकी माँ ने (मेरा नमस्ते) अगर आपको वर्णोंच्चारण शिक्षा दी होती तो कम से कम द और ड का भेद तो पता होता | पर लोकतंत्र आप जैसे लोगो को हि उभारने के लिए बना हैं | और अगर हम ओवैसी कि जगह ओ वैसी बोले तो नाम आपके गुणों पर भले हि सही बैठे पर बदल तो जाएगा हि | हां, तो कितने मोडिया आये और गए? आपने बताया नहीं ? जब मोहम्मद गौरी आया था गुजरात, ११७५ के करीब गुजरात के महराज भीमदेव ने उसकी ऐसी पिटाई करी के जीते जी गुजरात कि तरफ नहीं देखा | जब निजाम ने सत्यार्थ प्रकाश पर प्रतिबन्ध लगाया था तो पुरे देश के आर्यो ने स्वतंत्रतानंद महाराज इत्यादि नेताओ के नेतृत्व में उसे उसकी औकात बता दी थी और गुजरात के सरदार पटेल ने निजाम राज्य को उखाड फेका था जब निजाम अपनी औकात भूल गया था जिसकी प्रष्ठभूमि आर्यो ने सत्याग्रह और बलिदानों के बूते पहले से बना राखी थी | और जब गुजरात के जिहादी भूल गए के वो कहा हैं तो उन्हें ऐसा कायदे में समझाया गया के आज तक समझे हुए हैं |

लोग मुसलमानों को डरा रहे काहे का मोडी किधर का मोडी |”
मुसलमान डरा तो हुआ हैं इसी लिए तो तुम अपना गला फाड़ रहे हो | गुजरात का मोदी भारत का भावी प्रधानमन्त्री जिसके प्रधानमन्त्री बनने के नाम से तुम इस देश को छोड़ने कि योजना बना चुके हो |
आजा बाबा एक मरतबा हैदराबाद बता देंगे |”
ऐसे हि बहुत समय पहले श्रीनगर में कहा कहा था और मोदी जी ने वहा तिरंगा फिराया था तुम खुद को कश्मीर के जिहादियो से बड़ा जिहादी समझ रहे क्या खुद को मिया | और तुम निकलोगे नहीं क्या हैदराबाद से? मोदी तो प्रधानमन्त्री बनके पुरे देश में घूमेंगे | कभी कर्णावती (अहमदाबाद) भी घूम आओ | तुम तो सीधे इलाज के बहाने लन्दन भाग गए | वापस आकार फिर लंबी-२ छोडोगे ?
अए हिन्दुस्तान हम २५ कौड हैं तुम १०० कौड हैं ना ठीक हैं तुम तो हमारे से इतने ज्यादा हो १५ मिनट के लिए पुलिस हटा दो बता देंगे किसमे हिम्मत हैं कौन ताकतवर हैं १५ मिनट हटा दो |”
इन सौ करोड हिन्दुस्तानियो में मुश्किल से ५ करोड हि हिंदू जागरूक हैं और आर एस एस, विश्व हिंदू परिषद, वजरंग दल, आर्य समाज जैसे संगठनो में हैं जिनका खौफ तुम्हारे दिलो में हैं और जो तुम्हे सम्हाले हुए हैं | जिस दिन इस देश का १०० करोड हिंदू इस्लाम को और मुसलमानों को जान जाएगा इंडोनेसिया से लेकर यमन तक, अरब से लेकर अलजिरिया तक हम आर्यो का हि शासन होगा | काबा मंदिर में प्रातः-साय हवन होंगे और काबा में ओम का भगवा झंडा फिरा रहे होंगे | हमने पोलिस बनाइ इसी लिए हैं के हम तुम जीहादियो को हम आर्यो के गुस्से से बचा सके | जो १४०० सौ सालो में नाक रगड के भी ना जीत पाए हिंदुस्तान में वो मुसलमान अब उम्मीद लगा रहे हैं, जब खत्म होने कि कगार पर हैं |
१००० क्या१ लाख क्या१ कौड नामर्द मिलकर भी कोशिश कर ले एक को भी पैदा नहीं कर सकते |”
जमात में २७ गुना शबाब बढ़ता हैं ऐसी इस्लामिक मान्यता के कारण हि शायद  इस्लाम में सामूहिक बलात्कार का प्रचलन हैं | और मिल के पैदा मुसलमान हि करते हैं एक कमरा उसमे एक हि औरत पे चढ़े रहते हैं अब्बू बहार निकालो हमें भी हमारी बीवी दो | अपनी बहु पर हि हाथ साफ कर देने कि प्रथा तो मोहम्मद के समय से चल रही हैं जैनब से इमराना तक इस्लाम को झेल रही हैं | वैसे किसी से भाषण लिखवा लेते तो कम से कम मंद बुद्धि तो उजागर नहीं होती | १ नामर्द सौ, हजार,लाख बार भी कोशिश करे तो पैदा नही कर सकता और कभी गलती से हो जाते हैं तो वो पुरे नामर्द हि होते हैं विश्वास न हो तो किन्नरों कि जमात देख लो सब के सब मुसलमानों के घर से आये हैं |
और ये लोग हमसे मुकाबला नहीं कर सकतेजब मुसलमान भारी पड़ा तो ये नामर्दों कि फ़ौज आजाती हैं |”
मुझे तो लगा था के केवल तुम लोग आर एस एस, वि एच पि,वजरंग्दल से डरते हो तुम लोग तो पुलिस, पि ए सी, आर ए एफ से भी उतना हि डरते हो ये तो बहुत अच्छी बात हैं | दहशतगर्द आज दहशत में जी रहे हैं और गिडगिडा रहे हैं के व्यवस्था हटा दी जाए ताकि वो वैसियत का नंगा नाच कर सके | अभी और आबादी बढाओ २५ करोड तो यु साफ़ हो जाओगे |
और मुसलमानों मैं तुमसे कहूँगा .......रसूल कि तालीम क्या हैं अल्लाह कि किताब कुरान क्या कहती हैं सहाबा के किरदार क्या कहते हैं अल्लाह का पैगाम क्या हैं |”
रसूल कि तालीम हैं दूसरों कि संपत्ति को लूटना, दूसरों कि औरतो से बलात्कार करना, दूसरे संप्रदायों को खत्म कर देना अगर वो इस्लाम नहीं मानता और इस सब के लिए जन्नत का ख्वाब दिखाया हैं उसने | अल्लाह तो दलाल था मोहम्मद का उसको इतना महत्व क्यों देते हो कुरान नहीं पढ़ी क्या उसमे अल्लाह सिर्फ रसूल को औरतो कि व्यवस्था कर रहा हैं |
तुम क्यों डरते हो किसी से ये मैं पूछना चाहता हू माफ करना मेरे भाई फोन आता हैं अकबर भाई ऐसा हो गया वैसा हो गया .....कभी कोई ये नहीं कहता के अकबर भाई ऐसा किया था अब तुम समहाल लो |”
क्यों के मुसलमान सबसे कायर कौम होती हैं | तुम उन्ही कि औलादे हो जो लड़ ना सके या मर ना सके और इस्लाम स्वीकार कर लिया | इतिहास गवाह हैं सबसे पहले मुसलमानों कि कौम मैदान छोड के भागती हैं और ये दुनिया कि पहली ऐसी सेना हैं जो सामने वालो के हाथो में हथियार देख के भागना शुरू कर देती हैं गालियों के साथ के हमारे साथ अत्याचार हो रहा हैं | क्यों के उन्हें काफिरो का घर लुटने को नही मिल रहा उनकी औरतो से बलात्कार करने को नही मिल रहा उनकी हत्या का प्रयास करने पे वो जवाब देते हैं | जब हमास अपनी तरफ से इस्राएल पर १ रोकेट दागता हैं और जवाब में ४ रोकेट मिलते हैं तो चिल्लाना चालु करते हो के फिलीस्तीनियो पे अत्याचार हो रहा हैं | जब हजारों कि भीड़ एक ट्रेन में मासूम बच्चो, औरतो को जला देती हैं तो जिहादी ये उम्मीद करते हैं उन्हें ऐसा करने कि खुली छुट हैं क्यों के ये तो अहिंसावादी हैं ? दिमाग का इलाज कराओ और इतिहास उठा के देख लो...तुम हो क्या जो सम्हाल लोगे ? पागल कुत्ते को देखा हैं किसी को भी काटने दौडता हैं उसे लगता हैं वो किसी को भी काट सकता हैं, पर पागलपन कि छुट नहीं मिलती ऐसे कुत्तों को पीट-२ के मार देते हैं लोग |
भाग्य लक्ष्मी मंदिर में घंटे नहीं बजेंगे? बजे और खूब बजे आगे भी बजेंगे रोक पाए ? जहा हो वही रहो और उतनी जुबान खोलो जिसका १० टका भी कर सको |
डरने वाले को दुनिया डराती हैंदुनिया को डराने जो निकलता हैं दुनिया उस से डरती हैं |”
इसी को दहशत गर्दी कहते हैं | हम जीयो और जीने दो में विश्वास रखते हैं | पर दुष्ट अगर ना माने तो उसे चीर देने कि शिक्षा भी हमें हमारे महापुरुषों से मिलती हैं ||
जिसकी लाठी उसकी भैसजिसके हाथ में सोटा रहता नाबी जे पि संघ परिवार आर एस एस ये सब क्या हैये सब जेहरीले साप हैं - २ साप कैसा नाचता देखा ना नाचते हुए जेहरीले साप को शेरे बब्बर कि जरुरत नहीं हैं भाई एक पतली छड़ी काफी हैं उठा लो दे मारो फिर देखो साप कि पूछ कैसे तडपती हैं |”
आर्यो कि लाठी आर्यो कि भैस, अपने घर में रखो अपना तैश
साप ऐसे नाचता हैं जैसे मुसलमान कभी सपा, कभी बसपा, कभी कांगेस के साथ होते हैं ऐसे नाचता हैं कही बीजेपी आगे तो पिटारी में बंद होना पड़ेगा | और साप कि खासियत होती हैं जब तक सर ना कुचलो बार बार फन फैलता हैं | जिसका खाता हैं उसी को डस लेता हैं | और एक समानता साप का सम्भोग देखना एक पर कई चड़े होते हैं | और नागीन देखि ना एक बार में बहुत सारे अंडे देती हैं और फिर खुद हि खा जाती हैं | अब बताओ कौन साप हैं जिहादी मुसलमान या आर्य संगठन |
और वो लाठी क्या हैं अल्लाह कि रजा हैं,......मांगी गयी फ़रियाद हैं |”
भीख हि तो मांगते आये हैं मुसलमान चाहे वो दूसरे समुदाये से हो या अल्लाह नाम के शैतानी ईश्वर हो | फरियाद और कोसना सिर्फ यही काम किये हैं और कही कोई समुदाय तैयार नही तो अचानक से हमला | पर भारतीय समाज बखूबी समझ चूका हैं इस्लामिक मानसिकता को |
मुसलमानों नमाज के पाबंद बनो मुसलमान गुजरात में परेशान असम में परेशान बम्बई में परेशान |”
हां क्यों तुम्हारा भाषण तो मुसलमान कुछ दिनों में भूल जाएँगे , मस्जिद का इमाम समय समय पर उन्हें ऐसे हि भडकाता रहेगा | और मस्जिदों में तो कैमरे लगे नहीं हैं जो हर जुमें कि तकरीरे यू ट्यूब पर डाली जा सके | दिन भर में पाच बार नमाज पढ़ने से मुसलमानों कि सोचने कि बची कुची ताकत भी चली जाती हैं | और मुसलमान कहा परेशान नहीं हैं अफगानिस्तान में हो या अलजीरिया में इराक में ईगिप्त में, तुनिशिया में या सोमालिया में जहा इस्लाम है वह परेशानी हैं | तेल के कुए जहा नहीं वह देश गरीब और तेल खत्म होने तक मुसलमान रहा तो भुखमरी से मर जाओगे |
राम मंदिर बनायेंगे-बनायेंगे बाबरी मस्जिद वहा थी हैं और रोजे क़यामत तक रहेगी बाबरी मस्जिद हम बनायेंगे |”
आप अपना दिमाग का इलाज करवाइए मिया | बाबरी मस्जिद हिन्दुओ ने गिरा दी गीता जयंती के दिन ६ दिसम्बर को | बहुत से गावो में लोग वहा कि ईट लाकर अपने घरों के शौचालयों में लगाये हुए हैं | समलैगिको के नाम पर धार्मिक(कथित) इमारते सिर्फ मुसलमानों की हो सकती हैं |
रामराम चनदर जी यहा पैदा हुए वहा पैदा हुए राम जेठमलानी क्या बोला थावो बोले हिन्दुइस्म हैं हि नहीं राम था हि nनहि मैं नहीं बोला रामजेठमलानी बोला राम था हि नहीं बोला और बोला सबसे गन्दा आदमी जो औरतो का एहतराम नहीं करता था वो राम था वो बोलामैं नहीं बोला ये राम जेठमलानी बोला तुने बोला तो कुछ नहीं हमने बोला तो केस बुक कर दो बोले |”
राम जेठमलानी से अपना भाषण लिखवाया था ? हम तो नहीं कहे रहे के वाफा सुलतान क्या कहती या तस्लीमा नसरीन क्या कहती अली सीना क्या कहते या सलमान रुश्दी क्या कहते हम तो उसपे नहीं बोल रहे हम तो बोलते के कुरआन क्या कहती हदीस क्या कहती मोहम्मद के बारे में | गंदा आदमी उसे कहते हैं जो ५४ साल कि उम्र में ८ साल ७ मॉस कि बच्ची से बलात्कार करेअपने हि गोद लिए बेटे कि बीवी से सम्भोग करे, एक औरत के पति को मार के उसके साथ बलात्कार करे, और तो और मरने के बाद भी अपनी बीवी के मृत शरीर से सम्भोग करे और मरते वक्त भी जो सम्भोग करे ऐसे नीच राक्षस आदमी का नाम हैं मोहम्मद | अरे जिन्दा में तो ४०-४२ औरतो के साथ व्यभिचार किया पर मुर्दे को भी नहीं छोड़ा ? इसे कहते हैं औरत का एहतराम ना करना ऐसा आदमी अगर भारत में हो तो भारत के कानून के अंतर्गत आये तो फ़ासी पे टांग दिया जाए इस्लाम में पैगम्बर बना दिया जाता हैं |
लेकिन अकबर ओबीसी भी बोलने से डरता नहीं हैं |”
बोल के भागने से भी नहीं डरता हैं | सूना हैं लन्दन गए हो इलाज कराने ऐसे हि वो था ऍम एफ हुसैन नंगी तस्वीरे बनाइ थी हिंदू देवी देवताओं कि भाग के ऐसा गया के मरने तक आर्यवर्त वापस नहीं आने कि हिम्मत कर पाया |
तीन लोग बोलते राम यहाँ पैदा हुआराम यहाँ पैदा हुआराम यहाँ पैदा हुआ और फिर हरयाना में में कौशल्यापुरम हैं वह के लोग बोलते हैं के राम वहा पैदा हुआ हिन्दुस्तानी तहजीब हैं रिवायत हैं के औरत अपने पहले बच्चे को जन्म देने के लिए मायके जाती हैं और मायके में जन्म देती हैं |”

लोगो पर बड़ा विश्वास करते हो | फलीस्तीन के पास गाजापट्टी हैं वहा एक स्थान हैं और  मोहम्मद कि गुंडागर्दी से सत्ता में आने से पहले लोग राम को अल्लाह मानते थे |
भारतीय संस्कृति में एक और परम्परा थी बालको का जन्म ऋषियों-ऋषिकाओ के आश्रम में भी होते थे जहा पुंसवन संस्कार हेतु द्वेनाडी स्त्री जाती थी खैर आप लोगो कि जिहादी बुद्धि के समझ कि ये बात नहीं | राम अयोध्या में हुए और अयोध्या कि सीमाए आपकी सोच से बाहर का विषय है हरयाणा नही |
कौशल्या राम कि माँ दसरथ कि बीबी और वहा के लोग बोले मायके को आई थी और राम वहा पैदा हुए |
......आडवानी वाजपेई उमा भारती मोडी बता आखिर राम कि माँ कहा कहा गई थी किधर जनम दी |”
हमने तो कभी नहीं पूछा के मोहम्मद कि माँ अमीना हां अब्दुल्लाह कि बीवी मोहम्मद कि माँ ने नन्हे मोहम्मद को क्यों नहीं रखा क्यों दे दिया दूसरे को पालने को ? कहा-कहा मु मारती रही मोहम्मद कि माँ हमने तो नहीं पूछा | हमने तो ये भी नहीं पूछा के अल्लाह मिया के माँ बाप  कौन थे जब उसकी तीन बेटिया हो सकती एक बीवी लिलिथ हो सकती तो माँ बाप कहा हैं कहा से आया मोहम्मद का अल्लाह ? खैर माँ किसी कि हो हम तो माँ हि मानते है रही बात महारानी कौशल्या जी कि तो वो इस देश कि महारानी थी | राजा कि भार्या राजमाता कही जाती हैं वो कही भी जाएंगी लोगो के सर झुक जाएँगे और अयोध्या कि राज माता जहा जाएँगी वो स्थान पवित्र हो जाएगा |
१ लाख २ लाख नहीं लाखो साल पहले १५ लाख साल पहले २-४ सौ साल कि तारीख नहीं मालुम करते ये १८ साल पुरानी तारीख मालुम हैं बताइये |”
हमारे पास करोडो वर्ष पुराने वेद भी हैं | हमने पूरा इतिहास सजो के रखा हैं आप कि तरह नहीं के इतने लाख पैगम्बर हुए नाम पूछ दे तो सौ भी ना पहुचा पाते हैं | और आपकी समस्या मैं समझता हू आप लोग एक कुरआन नहीं सम्हाल पाए | अल्लाह कि किताब रसूल मोहम्मद पे उतारी और मरने के बाद जब लोग दफनाने को गए तो बकरिया चबा गई कुछ अध्याय तो आप के लिए तो हैरत कि बात होगी हि के हमने लाखो सालो से इतिहास साहित्य कैसे बचा रखा हैं आप लोगो के इतने गुरुकुल पुस्तकालय जलने के बावजूद |
हर सौ किलोमीटर पे तेहेजीब बदलती हैंहद हो गई यहाँ तो भगवान कि तश्वीर भी बदलती हैं |”
हां हमारे ऐश्वर्यवान पूर्वज सुन्दर थे तो हम उनकी सुन्दर-२ तस्वीरे बनाते हैं | आपका मोहम्मद बदसूरत था औरते उस से गृह्णा करती थी इसलिए भी वो औरतो का बलात्कार करता था और आज मुसलमान हिम्मत नहीं कर पाते तस्वीर बनाने कि उल्टा छुपा के रखते हैं मोहम्मद का चित्र और चरित्र दोनों |
इन मुसलमानों के गुस्से को थामने का नाम अकबरुद्दीन ओवैसी हैं अल्लाह का शुक्र हैं मेरे सामने माइक हैं |कल को माइक नहीं कुछ और थमा दो तो १००० बर्ष कि तारीख में दुनिया ने उतना खून खराबा नहीं देखा होगा जितना खून खराबा इस मूलक में हो जाएगा |”
वो इसलिए क्यों के अक्बुर्रिदीन को पता हैं के मुसलमान पिटेंगे अगर उन्होंने अभी अपनी फितरत दिखाई | और जितना खून हमने अपने राष्र्ट धर्म संस्कृति कि रक्षा में बहाया हैं उतना अब तक दुनिया में जितने मुसलमान हैं उन्होंने पानी भी नहीं पिया होगा | हमसे खून खराबे कि बात ना मत करो तो बेहतर हमने रावण,दुर्योधन,अल्चेम्द्र, हुणों को धुल चटाई हैं मुसलमानों को ५०० साल लग गए यहाँ पहला कदम बढाने में और ८०० सालो से खून हि बहा रहे और हम १०० करोड हैं |
खुदा के लिए हमारे सब्र का और इम्तिहान मत लो |”
सब्र तो तुम लोग अपनी आबादी बढ़ने का कर रहे हो | २५ करोड हो कर भी हमारा कुछ नहीं बिगाड़ पा रहे ये निराशा बोल रही तुम्हारी |
“...भीख मांगने आजाते हैं ...मुसलमानों को घर नहीं दिया |”
अभी तो आप लोग भीख मांग रहे हैं, मकान नहीं नौकरी नहीं आरक्षण दो | देश के लिए करना कुछ नहीं |
रामलक्ष्मणदुर्गालक्ष्मी हर दिन एक नया पैदा हो जाता हैं गनेश थेहनुमान जयंती आगे राम नवमी आगई लक्ष्मी मालुम थी ये भाग्य लक्ष्मी आगइ आज तक नहीं सुने ये कौन सी नई हैं भाई |”
हिंदू बढाते हैं अपने भगवान बढाते आपको क्या समस्या हैं ? अगर वो बलात्कारी व्यभिचारी देश के दुश्मनों कि मजारो पे चादर चढाते या मुस्लिम साईं बाबा को पूजते तो तुम लोगो को खुश होना चाहिए मुसलमानों के लिए इन लोगो ने काम किया | मोहम्मद कि रांड बीवी आयेशा कि तो मूर्ति बनाकर मस्जिद में नहीं रखते ? रांड गाली नहीं विशेषण जोड़ा हैं और आयशा के व्यभिचार के किस्से तो दूर-२ तक प्रसिद्ध हैं | ९ साल कि आयु में उस बच्ची (आयेशा) का ५४ वर्षीय मोहम्मद ने बलात्कार किया फिर वो अभ्यासी हो गई | पर ऊट के काफ़िले में पीछे रह गई थी कितनी राते काटी याद हैं और मोहम्मद को जेहर उसी ने दिया तुम्हारे लोग तो ये कहते हैं मोहम्मद के मरते हि अपने आशिक के साथ खूब मजे किए और मोहम्मद कि हि बेटी दामाद कि दुश्मन हो गई | पर मरी लड़के बाजी में कुत्ते कि मौत तो ऐसी नीच औरत को तो हिंदू नहीं पूजते जो तुम्हारी भावनाये आहात होती हैं |
बहराल मैं क्या बोलूकैसे नामा हैं ये मुबारक महफ़िल में मनहूस नामा लेकर खराब नहीं करना चाहता |”
नाम मनहूस नहीं होते मिया ओबैसी, लोग मनहूस होते हैं | जिनके होने से शान्ति भंग होती हैं, घृणा फैलती हैं ऐसे लोगो के सास लेने से वातावरण दूषित होता हैं |
“....जानवर बीमार हैं इसे खाया जा सकता वेटनरी डाक्टर सर्टिफिकेट बनाता हैं .......सर्टिफिकेट दिखाने के बावजूद मुसलमान उसको काट के खा नहीं सकता और ये बोला जाता हैं के ये हमारी माता हैं माता भी बोल रहे और बाजार में आकार बेच भी रहे बोली लगा रहे |”
मुसलमानों कि अंतडिया कुछ और हि तरह कि बनी होगी जो कैसा भी मुर्दा चट कर जाते हैं | हम तो मनुष्य हैं हमें आप से पता चला के मनुष्य कि तरह दिखने वाले भेडिये भी होते हैं | हां, माता बेचीं नहीं जाती भारत में जमीन और गाय दान के विषय रहे हैं | गौशालाओ में गौ दान में दी जाती हैं किसानो को | और अगर पालन और दुग्ध उत्पादन के लिए व्यवस्था बन गई तो उसका मतलब हैं मुसलमान इसीलिए खरीदेंगे के काट के खा सके? जब औरंगजेब आदिलशाह का राज था तब गाय को काटने के लिए ले जाने वाले का शिवा जी ने बीच सड़क में हाथ काट दिया था अब तो हमारा शासन हैं तुम गाय काटोगे तो हिंदू(आर्य) समाज से दया कि आशा मत करना |
ये तुम्हारी माता पुरे हिन्दुस्तान कि हरियाली चट कर देगी |”
आप क्यों परेशान हैं जमीने हमारी हैं खिलाने वाले हम हैं | हां आपको गाय के हरियाली खाने से इतना हि आपत्ति हैं तो आप दूध दूध से सम्बंधित उत्पाद मत पीजिएगा |
मुसलमान २ साल तक ना खाए तो हिंदू खुद बोलेंगे ये लो हमारी माता काट के खा लो |”
और हिंदू अगर सिर्फ कुछ मास यानी कुछ महीने तक दूध बंद कर दे तुम्हारे इलाको में तो देखते हैं तुम्हारे दुधमुहे सपोले कैसे जिन्दा रहते हैं | अगर पाउडर के दूध से जिन्दा बच गए तो देखते हैं कुपोषण से कितने दिन तक बचते हैं |
काश के वो भी खा के देखे के कितने मजेदार हैं ये बदनसीब हैं नहीं खा रहे हम क्या करेंगे हम तो खाते आये हैं बड़ा मजा आता हैं और मजे में कोई कोम्प्रोमाईस नहीं भाई |”
गाय पर इतना बोल तो दिए अकबरुद्दीन इतिहास भी उठा लेते | १८५७ में लाखो गोरे मार दिए तुम लोग तो कीड़े मकौड़े हो | नामधारियो ने गौ रक्षा पर हि बलिदान दिया | आपके हलक में से आपका मजा निकाल देंगे अगर गौ हत्या कि कोशिश भी कि | ना यकीन हो तो गौ तस्करों कि मरी और अधमरी तस्वीरे सोशल नेटवर्कों पर आये दिन डाली जाती हैं देख लिया करो कभी |
आन्ध्र का मुसलमान ज़िंदा हैं हम तुमको चैन से नहीं बैठने देंगे |”
फिर कहते हो मुसलमान SC/ST से भी पिछड़ा हैं ? मेहनत करनी नहीं, काम करना नहीं भौकना और फिर हमारे हाथो पीटना | क्यों मरवाने पे तुले हो मुसलमानों को | तुम तो मु फाड़ के विदेश भाग जाओगे ये ताली बजाने वाले फस जाएँगे |
हम आर्य भारतीय समाज, संस्कृति के रक्षक प्रहरी हैं अगर कोई भी हमारी वैदिक संस्कृति पर, हमारे महापुरुषों के अपमान का प्रयास करेगा तो उसे नग्न करने में हमें देर नही लगेगी | जब तुम जिहादियों ने कृष्ण का अपमान किया था तो आर्य शिरोमणि पंडित चमूपति द्वारा रचित रंगीला रसूल इतनी जल्दी भूल गए ?
आपकी मंद बुद्धि के कारण अभी समाजवादी और छद्म पंथनिरपेक्ष आपको आर एस एस का आदमी बोलने लगेंगे और भुक्तेंगे ये मुर्ख मुसलमान जिसे तकरीरे सुनाने में बड़ी मजा आरही हैं |
मुसलमानों हमारा आपसे विनम्र निवेदन हैं के कृपया जिहाद मत करिये |
मोहम्मद के जीवन से सम्बंधित सभी तथ्यों के कुरान और हदीस से प्रमाण के लिए आपको सम्बंधित लेखो पर जा के अध्यन करन पड़ेगा | लेख वृधि के कारण सीधे लिंक उपलब्ध करे गए हैं |
 अन्य चौकाने वाले प्रमाण युक्त तथ्यों के लिए यहाँ भी पधारे Answeringyou