आप अगर कभी सरकारी अस्पताल जाए तो गौर करियेगा की मुस्लिम महिलाओ और पुरुषों की काफी भीड़ होगी वहा | हिन्दुओ और अन्य पंथ के मुकाबले मुस्लिम अधिक बीमार पड़ते हैं मैंने इसपर चिंतन किया और इसके कई कारण पाए हैं, हम वरीयता क्रम में चर्चा करेंगे |
१. भाई बहनो के बीच विवाह : यह सबसे बड़ा कारण हैं | कुदरती तौर पर हमारा आकर्षण इस प्रकार होता हैं की हम उसी को पसंद करते हैं जिसके माध्यम से हम अपने बेहतर जींस अपने बच्चों को दे सके | स्त्री पुरुषों दोनों में ये होता हैं | जोड़ो के एम. एच. सी. जींस(M.H.C genes) अलग होने चाहिए अन्यथा होने वाले बच्चे की प्रतिरोधन क्षमता (Immunity) कम हो जाती हैं | इसीलिए महर्षि दयानंद ने सत्यार्थ प्रकाश में बताया हैं के माता की ६ पीढ़ी और पिता की २ पीढ़ी एवं गोत्र छोड के ही विवाह करना चाहिए | पर मुस्लिम तो अपने ही चाचा, ताऊ, बुआ मौसा-मौसी इत्यादि के बेटे-बेटियों से विवाह कर देते हैं इस से बच्चों में अच्छे जींस जाने के बजाये घटिया जींस जाते हैं | प्रतिरोधन क्षमता कम होना तो दुषपरिणाम का हिस्सा मात्र हैं | सोचने की क्षमता शरीर की सुडौलता यौन रोग इत्यादि बहुत कुछ मुस्लिम जोड़ो को प्रभावित कर्ता हैं और उनके बच्चो का भविष्य तो खराब होता ही हैं | इसलिए मुस्लिम लडको के जींस घटिया हो चुके हैं जिनके पूर्वज अगर २ पीढ़ी पहले भी हिंदू से मुस्लिम हुए हैं | हाला के स्त्रियों की प्रतिरोधन क्षमता पुरुषों से ज्यादा होती हैं पर वे यौन रोगो की चपेट में आ जाती हैं अपने पति की वजह से | तो अगर आप लड़की हैं आर्य (हिंदू) या मुस्लिम और किसी मुस्लिम लड़के से शादी करने जा रही हैं तो इस बात का प्रमुखता से ख्याल रखे की आपके घटिया जींस ही आगे जाएँगे और उसमे मुस्लिम लडको के घटिया दूषित जींस भी साथ मिल जायेंगे विपरीत इसके की आर्य विवाह सदैव आगे की उत्तम पीढ़ी के ली करते रहे हैं | हां मुस्लिम लडकियो से आर्य (हिंदू) लड़के शादी कर सकते हैं क्यों की एक तो उनकी प्रतिरोधन क्षमता ज्यादा होती हैं फिर वे मानवीय जिंसों में हुई गिरावट को सुधार सकते हैं क्यों की हिन्दुओ में तो इसका विशेष ख्याल रखा जाता हैं की लड़की दूर-२ के रिश्ते से लड़के की बहन ना लगे | आखिर मानव समाज का कल्याण करने वाले हम आर्य ही तो हैं |
२. मुसलमानों का खान पान : मांसाहार सदैव से नुकसानदायक रहा हैं और मुसलमानों का तो किसी अन्य समूह के मुकाबले अत्यधिक मांसाहार रहता हैं | इस वजह से दुनिया भर की बीमारिया उनको घेर लेती हैं | यहाँ तक की जानवरों की भी भिन्न रोग उन्हें लग जाते हैं |
३.मुस्लिमो की खानपान से आई नपुसंकता : शरीर में ग्रंथिया भोजन के हिसाब से क्रिया करती हैं | पुरुषों में टेस्टेस्टोरोन और महिलाओ में एस्ट्रोजन कामुकता का प्रमुख कारण होता हैं | पर मांसाहार की वजह से टेस्टेस्टोरोन की मात्रा बढ़ जाती हैं इस से सोचने की क्षमता तो कम होती ही हैं संयम क्षमता भी कम होती हैं | नतीजा होता हैं मुस्लिम महिलाओ का असंतुष्ट रहना | मुस्लिम लडको का खतना भी असंतुष्टि का कारण हैं पर वह खान-पान की वजह से नहीं हैं | असंतुष्टि मानसिक तनाव तो देती ही हैं साथ ही और प्रयास करने को भी उत्प्रेरित करती हैं जिस से नापुसकता में बढ़ोतरी होती हैं |
४. मुस्लिम औरतो का घर में बंद रहना : मुस्लिम औरते शादी की शुरुआत में घर में कैद सी ही रहती हैं हिंदू औरतो की तरह उन्हें वो आजादी नहीं होती | और स्वास्थ के ली सुबह शाम टहलना कितना जरुरी हैं ये हम सभी जानते हैं |
५. मुस्लिमो का गंदगी से रहना : सभी परिवार नहीं पर बड़े परिवार जो निम्न मध्यम वर्ग य गरीब वर्ग से तालुक्क रखते हैं घरों में गंदगी रहती ही हैं | फिर जो पैसे वाले मुस्लिम हैं भी वे रहते तो उन्ही मिली जुली बस्तियो में हैं तो वे कहा से बच पायेंगे |
६. मुस्लिमो का बड़ा परिवार होना : क्यों की ज्यादातर मुसलमानों के परिवार बहुत बड़े होते हैं इस वजह से परिवार में कोई ना कोई तो बीमार रहता ही हैं जो की स्वाभाविक हैं | इसी वजह से बीमारियों का अदान प्रदान तेजी से होता हैं |
७. सोच : सबसे महत्व की चीज़ मनुष्य की सोच, सोच ही हमारा व्यक्तित्व बनाती हैं यदि हमारी सोच विचार स्वस्थ नहीं तो हम भी स्वास्थ नहीं रह सकते और मुस्लिमो को तो बचपन से ही विचारों की स्वतंत्रता खत्म कर दी जाती और बुरे विचारों को उनके मस्तिष्क में अल्लाह और रसूल की मर्ज़ी बता कर डाल दिए जाते हैं |
७. सोच : सबसे महत्व की चीज़ मनुष्य की सोच, सोच ही हमारा व्यक्तित्व बनाती हैं यदि हमारी सोच विचार स्वस्थ नहीं तो हम भी स्वास्थ नहीं रह सकते और मुस्लिमो को तो बचपन से ही विचारों की स्वतंत्रता खत्म कर दी जाती और बुरे विचारों को उनके मस्तिष्क में अल्लाह और रसूल की मर्ज़ी बता कर डाल दिए जाते हैं |
सटीक विश्लेषण
ReplyDeletesahi hai
ReplyDeletehindu muslim naam se nahi hote dharm ka paalan karne se hote hai or rahi population ki baat to wo log kisi dharam mein nahi aate jo khuda ki baat nahi mante chahe wo HINDU hi kyo na ho.aapne apni mansikata zahir ki hai jo ki logo k dekh kr aapne bana li hai,,,mr christian to phir hinduo se bhi zyda batter hai reason chintan kare aapko khud mil jaayega
DeleteBHains ke aage been baja rhe hai hum...heh
Deletetere jaise to pta ni kitne hai bachche...
ReplyDeleteNA to tum kuch kr sakte ho ....na hi baaki,, log
kudh kehta hai dusro ko galat sabit krke hum achche ni ho jayenge ye rule to tere pe bhi laagu hota hai..
tjhe muslmano se jitni chidd hai wo te teri har post me dikh rahi hai...
tere bas me ni hai galat sahi ka faisla krna...na hi aage kr payega.. mujhe yakeen hai
====Aur ha hame tere jaise logo ko ans dene ki jaroorat nahi samjha...
/ Ek survey hua tha abhi...
results:: Islaam duniya me sabse galat tareeke se introduse hua jab se meadia mordern hua
usse pehle bhi ...
jitni books likhi jaati thi islaam pe
against me ussme 30 guna har saal publish hui
aur tu jitne jor laga le kuch haasul ni kar payega
//
kyo islaam ke saath ye sab hone ke baad bhi sabse zayada logo ne apne dharmo ko chodd ke islaam Qbool kiya hai
... kyo kiya hai ye tere jaiso ke sar ke upar se jaataa hai and jaataa rahegaa
tu karan khojega to bhi khoj nahi paayega....
ab tu mujhe ....iske reply me ulta sidha bakega ye sure hai par ..
jiski baato me dum naa usse koi fark nahi padta...;D
Pata hain k uttar milega fir bhi beijjati karate ho.....
DeleteHa bura kehne se log aur kattar ho jate hain wo sochte nahi sahi galat.
Sahi galat main hi nahi tum bhi decide kar sakte ho samaj ko dekho apni insaani dimag ko dekho aur tulna karo Mohammad k karmo se....
par musalmaan insaan jaante hi kitna hain....
Islam badh raha hain population based par aur muslims apne conversion ko acha highlight karte hain.
jab ki ham quality maintain rakhte hain tumhare maulvi aur Imam convert karate hain vo hamare bas me kam aate hain. uske bawjood ham unki prev idclose rakhte hain kyo k islam violent hain.
aur maine to abhi islam par kuch bhi nahi likha agar nanga karna chaalu karunga to naa apni chaddi bacha paoge naa mohammad ki :D
इस uknewsindia को लगता है कोई दवाई देने पड़ेगी. इसकी बेकार बातें पढ़ के मेरा सिर दर्द होने लगता है. धन्य हो राष्ट्र प्रहरी जी आप जो इन भड़वो से निपटते हों.
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