मुस्लिम/गैर मुस्लिम देवियों,
यदि आप किसी मुस्लिम लड़के से प्यार करती हैं और उस से शादी का सोच रही तो कृपया थोडा समय इस लेख पर दे | आपके पुरे जीवन का प्रश्न हैं ५-१० मिनट पढ़ सकती हैं | मैं जानता हू प्यार अंधा होता हैं प्यार में कुछ नहीं दीखता और जब इन्द्रिया तुष्ट कर के लड़किया सड़क पे आती हैं तब उन्हें एहसास होता के उन्होंने क्या बेवकूफी करी | आप कोई भी धर्म में हो यदि किसी मुसलमान से शादी करने जा रही तो जानिये के वो सोचता कैसे हैं क्या वे वास्तव में वो सब सोचता हैं जो इस्लाम में लिखा हुआ हैं | इस से मतलब नहीं के आप स्वं भी एक मुस्लिम हैं इस्लाम पुरुषों के हित का सम्प्रदाये हैं लड़किया बोले भले हि ना पर उन्हें के लिए मुस्लिम समाज जहन्नुम से कम नहीं | तो आप कृपया इन प्रश्नों को अपने दिमाग में रख के समय के साथ अपने मुस्लिम प्रेमी कि परीक्षा करे यदपि वो तक्किया अर्थात झूठ बोलेगा क्यों के उसे अल्लाह ने स्वतंत्र कर रखा हैं अपनी कसमो से जिसका प्रमाण हमने क्रम संख्या ९ में दिया हैं | पर ईश्वर ने आपको भी तो बुद्धि दी हैं “लेकिन वो ऐसा नहीं हैं” के आगे भी तो आप सोच सकती हैं | लोगो को पहचान सकती हैं | आप जननी हैं, सृजन आप पर आधारित हैं मानसिक विकार वाले व्यक्ति के गुणधर्म आगे बढा के आप पाप हि कमाएंगी और दुःख को प्राप्त होंगी | अतः मुस्लिम लडको कि मानसिकता को समझिए के वो चाहे तो भी उनका सम्प्रदाये उन्हें प्रेम कि अनुमति नहीं देता | वे कभी समझ नहीं सकते के प्रेम होता क्या हैं यः दिव्यता तो ईश्वर ने नारी को दी है वात्सल्य तो उसके पास हैं और जो खुले मष्तिष्क से चिंतन करता है वह प्रेम को और नारी के कोमल मन को समझ सकता हैं | एक ऐसा इंसान जिसे कुरान अल्लाह का ग्रन्थ और मोहम्मद उसका रसूल लगता हैं वह प्रेम कभी नहीं समझ सकता | अतः खुद को उत्तर दीजियेगा के क्या आप ऐसा जीवन साथी चुनेंगी
१. जिसे लगता हैं के अल्लाह ने उसे आजादी दी एक साथ ४ बीविया रखने की क्या वो कभी प्यार समझ सकता हैं | प्यार तो एक से ही होता हैं २-३-या ४ से नहीं |
प्रमाण देखे कुरान ४:३- और यदि तुम्हें आशंका हो कि तुम अनाथों (अनाथ लड़कियों) के प्रति न्याय न कर सकोगे तो उनमें से, जो तुम्हें पसन्द हों, दो-दो या तीन-तीन या चार-चार से विवाह कर लो। किन्तु यदि तुम्हें आशंका हो कि तुम उनके साथ एक जैसा व्यवहार न कर सकोंगे, तो फिर एक ही पर बस करो, या उस स्त्री (लौंड़ी) पर जो तुम्हारे क़ब्ज़े में आई हो, उसी पर बस करो। इसमें तुम्हारे न्याय से न हटने की अधिक सम्भावना है (3)
अब समझ आया मुस्लिमो में सभ्यता का अभाव क्यों होता हैं जब अल्लाह हि लौड़ी जो कब्जे में आई है उसी पर बस करने को कहे रहा अगर ३-४ झेल ना पाओ | काश अल्लाह के रसूल ने ये आयत अपने ऊपर उतरने से पहले पढ़ ली होती और पढ़ी थी तो मान लिया होता अब हश्र के मैदान में रसूल क्या जवाब देंगे | http://answeringyou.blogspot.in/2012/01/why-did-mohammed-get-31-wives.html
२. जिसे लगता हैं के उसका ईश्वर यानी अल्लाह ने उसे आजादी दी हैं अपनी बीवी को मारने की अगर वो कहना ना माने | बीवी हैं कोई जानवर नहीं जो कहना ना माने तो मारो, लोग तो जानवर को भी उसकी सुझबुझ का प्रयोग करने देते है |
प्रमाण देखे कुरान ४:३४ - पति पत्नियों संरक्षक और निगराँ है, क्योंकि अल्लाह ने उनमें से कुछ को कुछ के मुक़ाबले में आगे रहा है, और इसलिए भी कि पतियों ने अपने माल ख़र्च किए है, तो नेक पत्ऩियाँ तो आज्ञापालन करनेवाली होती है और गुप्त बातों की रक्षा करती है, क्योंकि अल्लाह ने उनकी रक्षा की है। और जो पत्नियों ऐसी हो जिनकी सरकशी का तुम्हें भय हो, उन्हें समझाओ और बिस्तरों में उन्हें अकेली छोड़ दो और (अति आवश्यक हो तो) उन्हें मारो भी। फिर यदि वे तुम्हारी बात मानने लगे, तो उनके विरुद्ध कोई रास्ता न ढूढ़ो। अल्लाह सबसे उच्च, सबसे बड़ा है (34)
३. जिसे लगता हैं के अल्लाह ने दौलत से या जोर जबरदस्ती से उसे औरत को रखने का अधिकार दिया हैं | औरत भी लूट के माल में आती हैं जिसे निर्जीव और संजीव भावना युक्त में भेद नहीं करना आता क्या ऐसा व्यक्ति प्यार का कोई भी अक्षर समझ सकता हैं |
प्रमाण देखे कुरान ४:२४ - और विवाहित स्त्रियाँ भी वर्जित है, सिवाय उनके जो तुम्हारी लौंडी हों। यह अल्लाह ने तुम्हारे लिए अनिवार्य कर दिया है। इनके अतिरिक्त शेष स्त्रियाँ तुम्हारे लिए वैध है कि तुम अपने माल के द्वारा उन्हें प्राप्त करो उनकी पाकदामनी की सुरक्षा के लिए, न कि यह काम स्वच्छन्द काम-तृप्ति के लिए हो। फिर उनसे दाम्पत्य जीवन का आनन्द लो तो उसके बदले उनका निश्चित किया हुए हक़ (मह्रि) अदा करो और यदि हक़ निश्चित हो जाने के पश्चात तुम आपम में अपनी प्रसन्नता से कोई समझौता कर लो, तो इसमें तुम्हारे लिए कोई दोष नहीं। निस्संदेह अल्लाह सब कुछ जाननेवाला, तत्वदर्शी है (24)
४. जिसे अल्लाह ये बताता हैं के उसकी औरते उसके लिए खेती के सामान हैं जैसा चाहो वैसा जाओ | खेत गिरवी रख दिए जाते हैं बेच दिये जाते हैं और मुस्लिम लड़के भी ऐसा ही करते हैं लडकीय भोग के दूसरे शेहरो में बेच देते हैं हाला की आजकल लव जिहादी ऐसा कर रहे हैं हिंदू लडकियो के साथ क्यों के उनका साथ देने को उनका परिवार नहीं होता हैं |
प्रमाण देखे कुरान २:२२३ - तुम्हारी स्त्रियों तुम्हारी खेती है। अतः जिस प्रकार चाहो तुम अपनी खेती में आओ और अपने लिए आगे भेजो; और अल्लाह से डरते रहो; भली-भाँति जान ले कि तुम्हें उससे मिलना है; और ईमान लानेवालों को शुभ-सूचना दे दो (223)
५. जो रकम के आधार पर लड़की को अपनी बीवी कह रहा हैं | शादी की रात बिताने के बाद अगर वह दूसरे दिन तीन बार तलाक कहे के मैहर की रकम मू पर मार दे तो उसके लिए बीवी और रंडी में भेद कर पाना मुश्किल हैं |
प्रमाण देखे कुरान ४:४- और स्त्रियों को उनके मह्रा ख़ुशी से अदा करो। हाँ, यदि वे अपनी ख़ुशी से उसमें से तुम्हारे लिए छोड़ दे तो उसे तुम अच्छा और पाक समझकर खाओ (4)
देख रहे है इसी कारण सारे मुसलमान नाजायज हि कहे जायेंगे क्यों के जिसे वो विवाह कहते वो वास्तव में मुद्रा के आधार पर शारीरिक सम्बन्ध बनाना होता जिसे हम रंडीबाजी कहते सरल शब्दों में | ध्यान दे इस्लाम में औरतो को तलाक का अधिकार नहीं हैं तो आप एक बार फस गई तो बड़ी मुश्किल से निकलेगी कुल्ला कि रस्म इतनी सरल नहीं जिसमे पुरुष को नपुसक साबित करना होता हैं | होते तो ज्यादातर हैं पर साबित करना मुस्लिम लड़कियों के बस कि बात नहीं |
६. एक ऐसा इंसान जो समझता हू के अल्लाह और उसके नबी ने कहा हैं ज्यादातर औरते जहन्नुम में होंगी उसके पति की बात ना मानने को | जो पति गलत कहे सो भी मानना चाहिए?
प्रमाण देखे हदीस से
http://www.usc.edu/org/cmje/religious-texts/hadith/bukhari/002-sbt.php#001.002.029
Volume 1, Book 2, Number 29:
Narrated Ibn 'Abbas:
The Prophet said: "I was shown the Hell-fire and that the majority of its dwellers were women who were ungrateful." It was asked, "Do they disbelieve in Allah?" (or are they ungrateful to Allah?) He replied, "They are ungrateful to their husbands and are ungrateful for the favors and the good (charitable deeds) done to them. If you have always been good (benevolent) to one of them and then she sees something in you (not of her liking), she will say, 'I have never received any good from you."
इब्न अब्बास ने बताया
पैगम्बर ने कहा “मुझे जहन्नुम कि आग दिखाई गई और मैंने बहुमत में वहा स्त्रियों को पाया जो कृतघ्न थी”. यह पूछा गया,”के क्या वे अल्लाह में ईमान ना रखती थी? “(क्या वे अल्लाह
अकृतज्ञ थी?) उन्होंने उत्तर दिया, “वे अकृतज्ञ थी अपनी पतियों कि और कृतघ्न थी उनपर किये गए एहसानो और अच्छे (धर्मार्थ कामो) के लिए जो उनके साथ किया ज्ञा. यदि आप उनमें से एक के साथ सदैव अच्छे (उदार) रहे और तब वह आपमें कुछ देखती हैं(जो वह पसंद नहीं करती), तो वे कहती है, “तुमने मेरे साथ कुछ अच्छा नहीं किया”.
तो आप बताइये आप ऐसी है क्या ? पर पैगम्बर ऐसा कहे रहे और मुस्लिम उनकी बात हमेशा सही हि मानते हैं |
७. एक ऐसे इंसान का परिवार जहा उस लड़के के बाप का अपनी बहु से सम्बन्ध बनाना गलत नहीं समझा जाता | क्या आप ऐसे समाज में जाना चाहेंगी जहा आप का श्वसुर ही आप पर बुरी नजर रखे वही नहीं आपका देवर इतियादी क्यों की आपने एक दाई का ढूध नहीं पिया |
प्रमाण देखे कुरान ३३:३७- याद करो (ऐ नबी), जबकि तुम उस व्यक्ति से कह रहे थे जिसपर अल्लाह ने अनुकम्पा की, और तुमने भी जिसपर अनुकम्पा की कि "अपनी पत्नी को अपने पास रोक रखो और अल्लाह का डर रखो, और तुम अपने जी में उस बात को छिपा रहे हो जिसको अल्लाह प्रकट करनेवाला है। तुम लोगों से डरते हो, जबकि अल्लाह इसका ज़्यादा हक़ रखता है कि तुम उससे डरो।" अतः जब ज़ैद उससे अपनी ज़रूरत पूरी कर चुका तो हमने उसका तुमसे विवाह कर दिया, ताकि ईमानवालों पर अपने मुँह बोले बेटों की पत्नियों के मामले में कोई तंगी न रहे जबकि वे उनसे अपनी ज़रूरत पूरी कर लें। अल्लाह का फ़ैसला तो पूरा होकर ही रहता है (37)
जैद था मोहम्मद का गोद लिया हुआ बेटा तो सम्हाल के रहे सभी वो कन्याए जो किसी मुस्लिम से शादी करने का सोच रही | थोडा विस्तार यहा देखे
http://answeringyou.blogspot.in/2012/02/blog-post_21.html
८. एक ऐसा इंसान जो सौतेली बेटी से सम्भोग करने के लिए स्वतंत्र हैं अल्लाह कि ओर से |
प्रमाण देखे कुरान ४:२३- तुम्हारे लिए हराम है तुम्हारी माएँ, बेटियाँ, बहनें, फूफियाँ, मौसियाँ, भतीतियाँ, भाँजिया, और तुम्हारी वे माएँ जिन्होंने तुम्हें दूध पिलाया हो और दूध के रिश्ते से तुम्हारी बहनें और तुम्हारी सासें और तुम्हारी पत्ऩियों की बेटियाँ जिनसे तुम सम्भोग कर चुक हो। परन्तु यदि सम्भोग नहीं किया है तो इसमें तुमपर कोई गुनाह नहीं - और तुम्हारे उन बेटों की पत्ऩियाँ जो तुमसे पैदा हों और यह भी कि तुम दो बहनों को इकट्ठा करो; जो पहले जो हो चुका सो हो चुका। निश्चय ही अल्लाह अत्यन्त क्षमाशील, दयावान है (23)
मतलब यदि किसी कि एक लड़की हैं और वो दूसरी शादी किसी मुस्लिम से कर रही तो पता चला किसी कारण उनकी सुहागरात नहीं बन पाई इस बीच में मुल्ला जी ने लड़की पर हि हाथ साफ़ कर दिया तो क्या करेंगी आप ? अल्लाह तो ऐसी घटिया बात कहता हैं दुखद ये हैं के मुसलमान विश्वास करते हैं के अल्लाह ईश्वर हैं |
थोडा विस्तार से यहा देखे http://answeringyou.blogspot.in/2012/02/blog-post_06.html
९. एक ऐसा इंसान जिसे अल्लाह की तरफ से झूठ बोलने और झूठे वादे करनी की पूरी छुट हैं क्या वो प्यार के सच्चे वादे कभी कर पाएंगे ? इसलिए पुरानी कहावत हैं मिया का बच्चा कभी ना सच्चा
प्रमाण देखे कुरान २:२२५ अल्लाह तुम्हें तुम्हारी ऐसी कसमों पर नहीं पकड़ेगा जो यूँ ही मुँह से निकल गई हो, लेकिन उन क़समों पर वह तुम्हें अवश्य पकड़ेगा जो तुम्हारे दिल के इरादे का नतीजा हों। अल्लाह बहुत क्षमा करनेवाला, सहनशील है (225)
वाह जी कुछ भी कसम खा के काम चला लो और कहो मु से यु हि निकल गया था झूठ बोलना और बोलने को बढ़ावा देना इसे हि कहते हैं |
६६:२ अल्लाह ने तुम लोगों के लिए तुम्हारी अपनी क़समों की पाबंदी से निकलने का उपाय निश्चित कर दिया है। अल्लाह तुम्हारा संरक्षक है और वही सर्वज्ञ, अत्यन्त तत्वदर्शी है (2)
देख रही हैं आप यानी मुसलमानों कि कसमो का कोई मतलब नहीं होता | जन्माधिकार हैं उनके पास झूठ बोलने का अल्लाह ने पाबन्दी से निकलने के उपाय निश्चित कर रखे है यानी झूठ बोलने कि खुली स्वतंत्रता | इसीलिए केवल इस्लाम हि झूठ बोलने कि शिक्षा देने वाला धर्म हैं
१०. ऐसा लड़का जो आपको बताएगा के आपको क्या ढकना हैं कैसे कपडे पहनने हैं, हमेशा आपके चरित्र पर शक करेगा और आपको बताता रहेगा के
प्रमाण देखे कुरान
२४:३१ और ईमानवाली स्त्रियों से कह दो कि वे भी अपनी निगाहें बचाकर रखें और अपने गुप्तांगों की रक्षा करें। और अपने शृंगार प्रकट न करें, सिवाय उसके जो उनमें खुला रहता है। और अपने सीनों (वक्षस्थल) पर अपने दुपट्टे डाल रहें और अपना शृंगार किसी पर ज़ाहिर न करें सिवाय अपने पतियों के या अपने बापों के या अपने पतियों के बापों के या अपने बेटों के या अपने पतियों के बेटों के या अपने भाइयों के या अपने भतीजों के या अपने भांजों के या मेल-जोल की स्त्रियों के या जो उनकी अपनी मिल्कियत में हो उनके, या उन अधीनस्थ पुरुषों के जो उस अवस्था को पार कर चुके हों जिससें स्त्री की ज़रूरत होती है, या उन बच्चों के जो स्त्रियों के परदे की बातों से परिचित न हों। और स्त्रियाँ अपने पाँव धरती पर मारकर न चलें कि अपना जो शृंगार छिपा रखा हो, वह मालूम हो जाए। ऐ ईमानवालो! तुम सब मिलकर अल्लाह से तौबा करो, ताकि तुम्हें सफलता प्राप्त हो (31)
११. ऐसा लडका जो यह मानता होगा के वे लोग झूठे हैं जो कुरान कि बे सर पैर कि बातो पे यकीन नहीं करते |
प्रमाण देखे कुरान
५:८६ रहे वे लोग जिन्होंने इनकार किया और हमारी आयतों को झुठलाया, वे भड़कती आग (में पड़ने) वाले है(86)
१६:१०६ झूठ तो बस वही लोग घड़ते है जो अल्लाह की आयतों को मानते नहीं और वही है जो झूठे है (105)हमने यहाँ मुसलमानों कि अत्यधिक हिंसक वृति पर नहीं लिखा | जैसे आप गैर मुस्लिम हुई तो आप को तो मुस्लिम जिहादी इस्लाम कुबूल कर के हि लाएगा पर आपके माँ बाप उसके लिए काफिर होंगे और आपका बच्चा होगा उसके लिए उसके नाना नानी भी क़त्ल कर देने योग्य होंगे यदि वह भी अपने पिता के वैचारिक सिधान्तो को मानाने वाला हुआ और उसने आपको बच्चे समेत सड़क पर नहीं छोड़ा तो | अतः मुसलमान जब तक इन विचारों को नहीं छोड़ते उनसे विवाह सम्बन्ध कि सोच रखना किसी भी मुस्लिम/या गैर मुस्लिम लड़की के लिए मूर्खता हि कही जाएगी |
प्रश्न तो क्या मुस्लिम लड़किया भी प्यार नहीं समझती ? उनसे भी शादी ना करी जाए ?
लड़किया स्वभाव से कोमल होती हैं, मुस्लिम कुल कि कन्याओ ने प्यार नहीं देखा होता उन्हें प्यार का कोई अनुमान नहीं होता | काम और प्रेम भिन्न हैं काम प्रेम का अंग हैं यह वे नही समझती तो यदि आप मुस्लिम कन्या से विवाह का सोच रहे तो बदले कि भावना में तो यह आप अपना जीवन बर्बाद कर रहे | माता निर्माता होती हैं आपके बच्चे जब उसके गर्भ में होंगे तो वो तो अल्लाह और रसूल सोचेगी और संस्कार जाएँगे |
तो क्या ?
तो उनकी मानसिक शुद्धि करिए | उनसे विशुद्ध प्रेम करिये और उन्हें अपना महान वैदिक धर्म समझाइये | इस्लाम कि बुराई के बजाए वैदिक धर्म के सिधान्तो को समझिए | जब वे मानसिक तौर पर आपके समाज में आने को तैयार हो जाये तो उनका यज्ञोपवित करा के शुद्धि करिये और तत्पश्चात संस्कृत नाम दे कर उनसे विवाह करिये | देखिये हमारे कुलों में अद्भुत विदुषी ब्रह्मणि हुई ऐसी क्षत्राणी हुई के यदि किसी दुष्ट ने हाथ पकड़ लिया तो अपना हाथ काट दिया या छूने ना पाए कोई नीच तो शारीर को भष्म कर लिया तो आर्य कन्यायो से मलेच्छ कुल कि कन्यायो कि तुलना नहीं | पर महत्व ये रखता हैं के कौन क्या चुनता हैं कन्या का वही कुल होता जिसमे वो जाती हैं उन्हें संस्कारित करिये उन्हें आर्य बनाइये उनके भी तो पूर्वज आर्य हि थे | विशुद्ध प्रेम से परिवर्तन कि थोड़ी सम्भावनाये मुस्लिम कन्यायो में हैं पर मुस्लिम लडको से कोई आशा ना करिये क्यों के कुरआन उनकी सुविधा के अनुकूल हैं कोई भी दुष्ट जो चाहेगा नारी को गुलाम बनाए रखने के लिए वो सब कुरान में हैं इसलिए किसी मुस्लिम का विवाह किसी गैर मुस्लिम के साथ-२ क्या मुस्लिम के साथ भी ना होने देने का प्रयत्न करिये यदि वे उपरोक्त दी हुई आयतों में आस्था रखता हैं तो |
नमस्ते
यदि आप किसी मुस्लिम लड़के से प्यार करती हैं और उस से शादी का सोच रही तो कृपया थोडा समय इस लेख पर दे | आपके पुरे जीवन का प्रश्न हैं ५-१० मिनट पढ़ सकती हैं | मैं जानता हू प्यार अंधा होता हैं प्यार में कुछ नहीं दीखता और जब इन्द्रिया तुष्ट कर के लड़किया सड़क पे आती हैं तब उन्हें एहसास होता के उन्होंने क्या बेवकूफी करी | आप कोई भी धर्म में हो यदि किसी मुसलमान से शादी करने जा रही तो जानिये के वो सोचता कैसे हैं क्या वे वास्तव में वो सब सोचता हैं जो इस्लाम में लिखा हुआ हैं | इस से मतलब नहीं के आप स्वं भी एक मुस्लिम हैं इस्लाम पुरुषों के हित का सम्प्रदाये हैं लड़किया बोले भले हि ना पर उन्हें के लिए मुस्लिम समाज जहन्नुम से कम नहीं | तो आप कृपया इन प्रश्नों को अपने दिमाग में रख के समय के साथ अपने मुस्लिम प्रेमी कि परीक्षा करे यदपि वो तक्किया अर्थात झूठ बोलेगा क्यों के उसे अल्लाह ने स्वतंत्र कर रखा हैं अपनी कसमो से जिसका प्रमाण हमने क्रम संख्या ९ में दिया हैं | पर ईश्वर ने आपको भी तो बुद्धि दी हैं “लेकिन वो ऐसा नहीं हैं” के आगे भी तो आप सोच सकती हैं | लोगो को पहचान सकती हैं | आप जननी हैं, सृजन आप पर आधारित हैं मानसिक विकार वाले व्यक्ति के गुणधर्म आगे बढा के आप पाप हि कमाएंगी और दुःख को प्राप्त होंगी | अतः मुस्लिम लडको कि मानसिकता को समझिए के वो चाहे तो भी उनका सम्प्रदाये उन्हें प्रेम कि अनुमति नहीं देता | वे कभी समझ नहीं सकते के प्रेम होता क्या हैं यः दिव्यता तो ईश्वर ने नारी को दी है वात्सल्य तो उसके पास हैं और जो खुले मष्तिष्क से चिंतन करता है वह प्रेम को और नारी के कोमल मन को समझ सकता हैं | एक ऐसा इंसान जिसे कुरान अल्लाह का ग्रन्थ और मोहम्मद उसका रसूल लगता हैं वह प्रेम कभी नहीं समझ सकता | अतः खुद को उत्तर दीजियेगा के क्या आप ऐसा जीवन साथी चुनेंगी
१. जिसे लगता हैं के अल्लाह ने उसे आजादी दी एक साथ ४ बीविया रखने की क्या वो कभी प्यार समझ सकता हैं | प्यार तो एक से ही होता हैं २-३-या ४ से नहीं |
प्रमाण देखे कुरान ४:३- और यदि तुम्हें आशंका हो कि तुम अनाथों (अनाथ लड़कियों) के प्रति न्याय न कर सकोगे तो उनमें से, जो तुम्हें पसन्द हों, दो-दो या तीन-तीन या चार-चार से विवाह कर लो। किन्तु यदि तुम्हें आशंका हो कि तुम उनके साथ एक जैसा व्यवहार न कर सकोंगे, तो फिर एक ही पर बस करो, या उस स्त्री (लौंड़ी) पर जो तुम्हारे क़ब्ज़े में आई हो, उसी पर बस करो। इसमें तुम्हारे न्याय से न हटने की अधिक सम्भावना है (3)
अब समझ आया मुस्लिमो में सभ्यता का अभाव क्यों होता हैं जब अल्लाह हि लौड़ी जो कब्जे में आई है उसी पर बस करने को कहे रहा अगर ३-४ झेल ना पाओ | काश अल्लाह के रसूल ने ये आयत अपने ऊपर उतरने से पहले पढ़ ली होती और पढ़ी थी तो मान लिया होता अब हश्र के मैदान में रसूल क्या जवाब देंगे | http://answeringyou.blogspot.in/2012/01/why-did-mohammed-get-31-wives.html
२. जिसे लगता हैं के उसका ईश्वर यानी अल्लाह ने उसे आजादी दी हैं अपनी बीवी को मारने की अगर वो कहना ना माने | बीवी हैं कोई जानवर नहीं जो कहना ना माने तो मारो, लोग तो जानवर को भी उसकी सुझबुझ का प्रयोग करने देते है |
प्रमाण देखे कुरान ४:३४ - पति पत्नियों संरक्षक और निगराँ है, क्योंकि अल्लाह ने उनमें से कुछ को कुछ के मुक़ाबले में आगे रहा है, और इसलिए भी कि पतियों ने अपने माल ख़र्च किए है, तो नेक पत्ऩियाँ तो आज्ञापालन करनेवाली होती है और गुप्त बातों की रक्षा करती है, क्योंकि अल्लाह ने उनकी रक्षा की है। और जो पत्नियों ऐसी हो जिनकी सरकशी का तुम्हें भय हो, उन्हें समझाओ और बिस्तरों में उन्हें अकेली छोड़ दो और (अति आवश्यक हो तो) उन्हें मारो भी। फिर यदि वे तुम्हारी बात मानने लगे, तो उनके विरुद्ध कोई रास्ता न ढूढ़ो। अल्लाह सबसे उच्च, सबसे बड़ा है (34)
३. जिसे लगता हैं के अल्लाह ने दौलत से या जोर जबरदस्ती से उसे औरत को रखने का अधिकार दिया हैं | औरत भी लूट के माल में आती हैं जिसे निर्जीव और संजीव भावना युक्त में भेद नहीं करना आता क्या ऐसा व्यक्ति प्यार का कोई भी अक्षर समझ सकता हैं |
प्रमाण देखे कुरान ४:२४ - और विवाहित स्त्रियाँ भी वर्जित है, सिवाय उनके जो तुम्हारी लौंडी हों। यह अल्लाह ने तुम्हारे लिए अनिवार्य कर दिया है। इनके अतिरिक्त शेष स्त्रियाँ तुम्हारे लिए वैध है कि तुम अपने माल के द्वारा उन्हें प्राप्त करो उनकी पाकदामनी की सुरक्षा के लिए, न कि यह काम स्वच्छन्द काम-तृप्ति के लिए हो। फिर उनसे दाम्पत्य जीवन का आनन्द लो तो उसके बदले उनका निश्चित किया हुए हक़ (मह्रि) अदा करो और यदि हक़ निश्चित हो जाने के पश्चात तुम आपम में अपनी प्रसन्नता से कोई समझौता कर लो, तो इसमें तुम्हारे लिए कोई दोष नहीं। निस्संदेह अल्लाह सब कुछ जाननेवाला, तत्वदर्शी है (24)
४. जिसे अल्लाह ये बताता हैं के उसकी औरते उसके लिए खेती के सामान हैं जैसा चाहो वैसा जाओ | खेत गिरवी रख दिए जाते हैं बेच दिये जाते हैं और मुस्लिम लड़के भी ऐसा ही करते हैं लडकीय भोग के दूसरे शेहरो में बेच देते हैं हाला की आजकल लव जिहादी ऐसा कर रहे हैं हिंदू लडकियो के साथ क्यों के उनका साथ देने को उनका परिवार नहीं होता हैं |
प्रमाण देखे कुरान २:२२३ - तुम्हारी स्त्रियों तुम्हारी खेती है। अतः जिस प्रकार चाहो तुम अपनी खेती में आओ और अपने लिए आगे भेजो; और अल्लाह से डरते रहो; भली-भाँति जान ले कि तुम्हें उससे मिलना है; और ईमान लानेवालों को शुभ-सूचना दे दो (223)
५. जो रकम के आधार पर लड़की को अपनी बीवी कह रहा हैं | शादी की रात बिताने के बाद अगर वह दूसरे दिन तीन बार तलाक कहे के मैहर की रकम मू पर मार दे तो उसके लिए बीवी और रंडी में भेद कर पाना मुश्किल हैं |
प्रमाण देखे कुरान ४:४- और स्त्रियों को उनके मह्रा ख़ुशी से अदा करो। हाँ, यदि वे अपनी ख़ुशी से उसमें से तुम्हारे लिए छोड़ दे तो उसे तुम अच्छा और पाक समझकर खाओ (4)
देख रहे है इसी कारण सारे मुसलमान नाजायज हि कहे जायेंगे क्यों के जिसे वो विवाह कहते वो वास्तव में मुद्रा के आधार पर शारीरिक सम्बन्ध बनाना होता जिसे हम रंडीबाजी कहते सरल शब्दों में | ध्यान दे इस्लाम में औरतो को तलाक का अधिकार नहीं हैं तो आप एक बार फस गई तो बड़ी मुश्किल से निकलेगी कुल्ला कि रस्म इतनी सरल नहीं जिसमे पुरुष को नपुसक साबित करना होता हैं | होते तो ज्यादातर हैं पर साबित करना मुस्लिम लड़कियों के बस कि बात नहीं |
६. एक ऐसा इंसान जो समझता हू के अल्लाह और उसके नबी ने कहा हैं ज्यादातर औरते जहन्नुम में होंगी उसके पति की बात ना मानने को | जो पति गलत कहे सो भी मानना चाहिए?
प्रमाण देखे हदीस से
http://www.usc.edu/org/cmje/religious-texts/hadith/bukhari/002-sbt.php#001.002.029
Volume 1, Book 2, Number 29:
Narrated Ibn 'Abbas:
The Prophet said: "I was shown the Hell-fire and that the majority of its dwellers were women who were ungrateful." It was asked, "Do they disbelieve in Allah?" (or are they ungrateful to Allah?) He replied, "They are ungrateful to their husbands and are ungrateful for the favors and the good (charitable deeds) done to them. If you have always been good (benevolent) to one of them and then she sees something in you (not of her liking), she will say, 'I have never received any good from you."
इब्न अब्बास ने बताया
पैगम्बर ने कहा “मुझे जहन्नुम कि आग दिखाई गई और मैंने बहुमत में वहा स्त्रियों को पाया जो कृतघ्न थी”. यह पूछा गया,”के क्या वे अल्लाह में ईमान ना रखती थी? “(क्या वे अल्लाह
अकृतज्ञ थी?) उन्होंने उत्तर दिया, “वे अकृतज्ञ थी अपनी पतियों कि और कृतघ्न थी उनपर किये गए एहसानो और अच्छे (धर्मार्थ कामो) के लिए जो उनके साथ किया ज्ञा. यदि आप उनमें से एक के साथ सदैव अच्छे (उदार) रहे और तब वह आपमें कुछ देखती हैं(जो वह पसंद नहीं करती), तो वे कहती है, “तुमने मेरे साथ कुछ अच्छा नहीं किया”.
तो आप बताइये आप ऐसी है क्या ? पर पैगम्बर ऐसा कहे रहे और मुस्लिम उनकी बात हमेशा सही हि मानते हैं |
७. एक ऐसे इंसान का परिवार जहा उस लड़के के बाप का अपनी बहु से सम्बन्ध बनाना गलत नहीं समझा जाता | क्या आप ऐसे समाज में जाना चाहेंगी जहा आप का श्वसुर ही आप पर बुरी नजर रखे वही नहीं आपका देवर इतियादी क्यों की आपने एक दाई का ढूध नहीं पिया |
प्रमाण देखे कुरान ३३:३७- याद करो (ऐ नबी), जबकि तुम उस व्यक्ति से कह रहे थे जिसपर अल्लाह ने अनुकम्पा की, और तुमने भी जिसपर अनुकम्पा की कि "अपनी पत्नी को अपने पास रोक रखो और अल्लाह का डर रखो, और तुम अपने जी में उस बात को छिपा रहे हो जिसको अल्लाह प्रकट करनेवाला है। तुम लोगों से डरते हो, जबकि अल्लाह इसका ज़्यादा हक़ रखता है कि तुम उससे डरो।" अतः जब ज़ैद उससे अपनी ज़रूरत पूरी कर चुका तो हमने उसका तुमसे विवाह कर दिया, ताकि ईमानवालों पर अपने मुँह बोले बेटों की पत्नियों के मामले में कोई तंगी न रहे जबकि वे उनसे अपनी ज़रूरत पूरी कर लें। अल्लाह का फ़ैसला तो पूरा होकर ही रहता है (37)
जैद था मोहम्मद का गोद लिया हुआ बेटा तो सम्हाल के रहे सभी वो कन्याए जो किसी मुस्लिम से शादी करने का सोच रही | थोडा विस्तार यहा देखे
http://answeringyou.blogspot.in/2012/02/blog-post_21.html
८. एक ऐसा इंसान जो सौतेली बेटी से सम्भोग करने के लिए स्वतंत्र हैं अल्लाह कि ओर से |
प्रमाण देखे कुरान ४:२३- तुम्हारे लिए हराम है तुम्हारी माएँ, बेटियाँ, बहनें, फूफियाँ, मौसियाँ, भतीतियाँ, भाँजिया, और तुम्हारी वे माएँ जिन्होंने तुम्हें दूध पिलाया हो और दूध के रिश्ते से तुम्हारी बहनें और तुम्हारी सासें और तुम्हारी पत्ऩियों की बेटियाँ जिनसे तुम सम्भोग कर चुक हो। परन्तु यदि सम्भोग नहीं किया है तो इसमें तुमपर कोई गुनाह नहीं - और तुम्हारे उन बेटों की पत्ऩियाँ जो तुमसे पैदा हों और यह भी कि तुम दो बहनों को इकट्ठा करो; जो पहले जो हो चुका सो हो चुका। निश्चय ही अल्लाह अत्यन्त क्षमाशील, दयावान है (23)
मतलब यदि किसी कि एक लड़की हैं और वो दूसरी शादी किसी मुस्लिम से कर रही तो पता चला किसी कारण उनकी सुहागरात नहीं बन पाई इस बीच में मुल्ला जी ने लड़की पर हि हाथ साफ़ कर दिया तो क्या करेंगी आप ? अल्लाह तो ऐसी घटिया बात कहता हैं दुखद ये हैं के मुसलमान विश्वास करते हैं के अल्लाह ईश्वर हैं |
थोडा विस्तार से यहा देखे http://answeringyou.blogspot.in/2012/02/blog-post_06.html
९. एक ऐसा इंसान जिसे अल्लाह की तरफ से झूठ बोलने और झूठे वादे करनी की पूरी छुट हैं क्या वो प्यार के सच्चे वादे कभी कर पाएंगे ? इसलिए पुरानी कहावत हैं मिया का बच्चा कभी ना सच्चा
प्रमाण देखे कुरान २:२२५ अल्लाह तुम्हें तुम्हारी ऐसी कसमों पर नहीं पकड़ेगा जो यूँ ही मुँह से निकल गई हो, लेकिन उन क़समों पर वह तुम्हें अवश्य पकड़ेगा जो तुम्हारे दिल के इरादे का नतीजा हों। अल्लाह बहुत क्षमा करनेवाला, सहनशील है (225)
वाह जी कुछ भी कसम खा के काम चला लो और कहो मु से यु हि निकल गया था झूठ बोलना और बोलने को बढ़ावा देना इसे हि कहते हैं |
६६:२ अल्लाह ने तुम लोगों के लिए तुम्हारी अपनी क़समों की पाबंदी से निकलने का उपाय निश्चित कर दिया है। अल्लाह तुम्हारा संरक्षक है और वही सर्वज्ञ, अत्यन्त तत्वदर्शी है (2)
देख रही हैं आप यानी मुसलमानों कि कसमो का कोई मतलब नहीं होता | जन्माधिकार हैं उनके पास झूठ बोलने का अल्लाह ने पाबन्दी से निकलने के उपाय निश्चित कर रखे है यानी झूठ बोलने कि खुली स्वतंत्रता | इसीलिए केवल इस्लाम हि झूठ बोलने कि शिक्षा देने वाला धर्म हैं
१०. ऐसा लड़का जो आपको बताएगा के आपको क्या ढकना हैं कैसे कपडे पहनने हैं, हमेशा आपके चरित्र पर शक करेगा और आपको बताता रहेगा के
प्रमाण देखे कुरान
२४:३१ और ईमानवाली स्त्रियों से कह दो कि वे भी अपनी निगाहें बचाकर रखें और अपने गुप्तांगों की रक्षा करें। और अपने शृंगार प्रकट न करें, सिवाय उसके जो उनमें खुला रहता है। और अपने सीनों (वक्षस्थल) पर अपने दुपट्टे डाल रहें और अपना शृंगार किसी पर ज़ाहिर न करें सिवाय अपने पतियों के या अपने बापों के या अपने पतियों के बापों के या अपने बेटों के या अपने पतियों के बेटों के या अपने भाइयों के या अपने भतीजों के या अपने भांजों के या मेल-जोल की स्त्रियों के या जो उनकी अपनी मिल्कियत में हो उनके, या उन अधीनस्थ पुरुषों के जो उस अवस्था को पार कर चुके हों जिससें स्त्री की ज़रूरत होती है, या उन बच्चों के जो स्त्रियों के परदे की बातों से परिचित न हों। और स्त्रियाँ अपने पाँव धरती पर मारकर न चलें कि अपना जो शृंगार छिपा रखा हो, वह मालूम हो जाए। ऐ ईमानवालो! तुम सब मिलकर अल्लाह से तौबा करो, ताकि तुम्हें सफलता प्राप्त हो (31)
११. ऐसा लडका जो यह मानता होगा के वे लोग झूठे हैं जो कुरान कि बे सर पैर कि बातो पे यकीन नहीं करते |
प्रमाण देखे कुरान
५:८६ रहे वे लोग जिन्होंने इनकार किया और हमारी आयतों को झुठलाया, वे भड़कती आग (में पड़ने) वाले है(86)
१६:१०६ झूठ तो बस वही लोग घड़ते है जो अल्लाह की आयतों को मानते नहीं और वही है जो झूठे है (105)हमने यहाँ मुसलमानों कि अत्यधिक हिंसक वृति पर नहीं लिखा | जैसे आप गैर मुस्लिम हुई तो आप को तो मुस्लिम जिहादी इस्लाम कुबूल कर के हि लाएगा पर आपके माँ बाप उसके लिए काफिर होंगे और आपका बच्चा होगा उसके लिए उसके नाना नानी भी क़त्ल कर देने योग्य होंगे यदि वह भी अपने पिता के वैचारिक सिधान्तो को मानाने वाला हुआ और उसने आपको बच्चे समेत सड़क पर नहीं छोड़ा तो | अतः मुसलमान जब तक इन विचारों को नहीं छोड़ते उनसे विवाह सम्बन्ध कि सोच रखना किसी भी मुस्लिम/या गैर मुस्लिम लड़की के लिए मूर्खता हि कही जाएगी |
प्रश्न तो क्या मुस्लिम लड़किया भी प्यार नहीं समझती ? उनसे भी शादी ना करी जाए ?
लड़किया स्वभाव से कोमल होती हैं, मुस्लिम कुल कि कन्याओ ने प्यार नहीं देखा होता उन्हें प्यार का कोई अनुमान नहीं होता | काम और प्रेम भिन्न हैं काम प्रेम का अंग हैं यह वे नही समझती तो यदि आप मुस्लिम कन्या से विवाह का सोच रहे तो बदले कि भावना में तो यह आप अपना जीवन बर्बाद कर रहे | माता निर्माता होती हैं आपके बच्चे जब उसके गर्भ में होंगे तो वो तो अल्लाह और रसूल सोचेगी और संस्कार जाएँगे |
तो क्या ?
तो उनकी मानसिक शुद्धि करिए | उनसे विशुद्ध प्रेम करिये और उन्हें अपना महान वैदिक धर्म समझाइये | इस्लाम कि बुराई के बजाए वैदिक धर्म के सिधान्तो को समझिए | जब वे मानसिक तौर पर आपके समाज में आने को तैयार हो जाये तो उनका यज्ञोपवित करा के शुद्धि करिये और तत्पश्चात संस्कृत नाम दे कर उनसे विवाह करिये | देखिये हमारे कुलों में अद्भुत विदुषी ब्रह्मणि हुई ऐसी क्षत्राणी हुई के यदि किसी दुष्ट ने हाथ पकड़ लिया तो अपना हाथ काट दिया या छूने ना पाए कोई नीच तो शारीर को भष्म कर लिया तो आर्य कन्यायो से मलेच्छ कुल कि कन्यायो कि तुलना नहीं | पर महत्व ये रखता हैं के कौन क्या चुनता हैं कन्या का वही कुल होता जिसमे वो जाती हैं उन्हें संस्कारित करिये उन्हें आर्य बनाइये उनके भी तो पूर्वज आर्य हि थे | विशुद्ध प्रेम से परिवर्तन कि थोड़ी सम्भावनाये मुस्लिम कन्यायो में हैं पर मुस्लिम लडको से कोई आशा ना करिये क्यों के कुरआन उनकी सुविधा के अनुकूल हैं कोई भी दुष्ट जो चाहेगा नारी को गुलाम बनाए रखने के लिए वो सब कुरान में हैं इसलिए किसी मुस्लिम का विवाह किसी गैर मुस्लिम के साथ-२ क्या मुस्लिम के साथ भी ना होने देने का प्रयत्न करिये यदि वे उपरोक्त दी हुई आयतों में आस्था रखता हैं तो |
नमस्ते