Sunday, May 13, 2012

दलित मुस्लिम की आरक्षण की लड़ाई भी लड़ेंगे रामदेव - दैनिक जागरण

भाइयो,  आज का अखबार उठाइये और देखिये | आगया अपनी औकात पर |मुल्ला मुलायम के पदचिन्हों पर | यादव शक्ति, जानता हैं के उस के भक्त तो मुर्ख हैं कुछ भी बोले साथ देंगे ही देंगे जैसे मुलायम सिंह का यादव साथ देते हैं | भारत के विभाजन का जो कारण था आज इस्लामीकरण का वही कारण हैं |मुस्लिम तुस्टीकरण करने वाले कांग्रेसी कम थे जो गांधी की नीतियों परचलने वाला बाबा रामदेव आगया | इतना ही नहीं भ्रष्टाचार के साथ उसने मुस्लिम आरक्षण को भी जोड़ दिया | नीचता ही हादे पार हैं
 खैर आप ठहरे बाबा भक्त कहा सुनेंगे मेरी......अखबार में दिया बयां तो पढ़ ही लीजिए |
जागरण संवादाता , नई दिल्ली
योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा हैं के की दलित मुसलमानों को धर्म के आधार पर आरक्षण देने से वंचित रखना इन्साफ का गला घोटने के समान हैं | दलित किसी धर्म के हो सब सब के साथ समानता होनी चाहिए | रामदेव शनिवार को दिल्ली स्थित इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर में सम्मलेन को संबोधित कर रहे थे | इसका आयोजन आल इंडिया यूनाटेड मुस्लिम मोर्चा ने किया था |
बुनियादी समस्यायों को लेकर आयोजित मुसलमानों के सम्मलेन में पहली बार योग गुरु ने शिरकत की | योग गुरु ने कहा के मुस्लिम समाज के साथ केंद्र सरकार भेद भाव करती आ रही हैं, यह भी भ्रष्टाचार का ही एक रूप हैं | उन्होंने मुस्लिमो के साथ ही इसाई दलितो को आरक्षण के दायरे में लाने के लिए संविधान के अनुछेद ३४१ में संशोधन की मांग भी की | उन्होंने काले धन की वापसी एवं भ्रष्टाचार को रोकने के लिए मुस्लिम समाज से जन आंदोलन में शामिल होने का आग्रह किया | मौके पर उन्होंने कहा के बेईमान नेता, कारपोरेट व नौकरशाहों की वजह से देश का ९५ फ़ीसदी धन मुट्ठी भर लोगो के पास हैं | उन्होंने कहा के कुछ लोगो ने हिंदू और मुस्लिमो के बीच दीवार खड़ी करने का प्रयास किया हैं और उन्हें सबक सिखाए जाना चाहिए |
पूर्व सांसद इल्यास आजमी ने कहा के मुसलमानों को १९३६ में आरक्षण दिया गया था, लेकिन केन्द्र सरकार ने १० अगस्त, १९५० में अध्यादेश जारी कर इनको आरक्षण से वंचित कर दिया | सम्मलेन को देश के विभिन्न हिस्सों से आये मुस्लिम संगठनो के प्रतिनिधियो के अलावा दलित नेता उदित राज व भाजपा नेता सघप्रिय गौतम ने भी संबोधित किया |
http://in.jagran.yahoo.com/epaper/index.php?location=30&edition=2012-05-13&pageno=18

Wednesday, May 2, 2012

अल्लाह मिया हैं (तस्य अल्लाह प्रतिमा अस्ति)


जी हां अल्लहा मिया हैं | मिया ज़ाकिर नाइक और उसके चेले अक्सर वेद का मन्त्र “ना तस्य प्रतिमा अस्ति” अर्थात “उस ईश्वर की कोई प्रतिमा नहीं” प्रयोग करते हैं | यह सत्य हैं वेद जिस निराकार ईश्वर की बात करते हैं उसकी वाकई कोई प्रतिमा नहीं | प्रतिमा का अर्थ माप ले तो भी वेद में वर्णित ईश्वर की कोई प्रतिमा नहीं पर अल्लाह की प्रतिमा हैं | और आपने भी कई बार सूना होगा हमारे मुस्लिम भाईयो को "अल्लाह मिया" कहते हुए, हमारे मुस्लिम भाई सब जानते हैं | पता नहीं जनाब ज़ाकिर नायक इस्लाम और कुरान का अपमान क्यों कर रहे हैं | वेद मंत्रो का प्रयोग करना तो अच्छी बात हैं पर अल्लाह का तो माप भी हैं हाथ,पाँव,आँख,कान सभी कुछ हैं बल्कि उसने तो खुद को देख कर इंसान को बनाया (इस्लामी मान्यता अनुसार) फिर कुरान छोड कर वेद की ऋचा का प्रचार (?)| बताइए कितने असहाय हैं ज़ाकिर महोदय, जानते हैं के जग हसी होगी अगर कुरान का अल्लाह बताया सो वेद का सहारा ले रहे हैं | अरे भाई अल्लाह की प्रतिमा हैं “तस्य अल्लाह प्रतिमा अस्ति” यह सब मैं कुरान के प्रमाण से सिद्ध करूँगा | जब अल्लाह आदमी हैं और उस की कद काठी हैं तो प्रतिमा तो बनेगी ही | पर मोहम्मद कि तो विरोधवृति थी ..... विरोध कर के उसे अपनी पहचान बनानी थी बनाई भी | प्राचीन अर्व वासी बहुदेव वादी थे  तो मोहम्मद ने एक ईश्वर बोलना चालू कर दिया | वे मूर्ति पूजा करते थे तो उसने मूर्ति पूजा निषिद्ध कर दी |
और इतना ही नहीं अल्लाह की एक बीवी भी थी जिसका नाम लिलिथ हैं उसकी तीन बेटियों हैं अल्लत(युद्ध देवी), अल उज्जा(बलिदान देवी), और अल मानत(भाग्य देवी) था | अल्लाह के एक नाजायज औलाद से तो सब वाकिफ हैं जिसका नाम इसा हैं | उसी ने मरयम की योनी में फुक मार कर इसा को पहुचाया | अल्लाह की बेटियों की बात तो कुरान साफ़ बताती हैं |
इस्लाम में बच्चे ऐसे ही होते हैं तभी कहा जाता हैं सब अल्लाह का करम हैं (आगे प्रमाण देखियेगा आनंदित होंगे) | और मोहम्मद का झगडा बस इतना था की अल्लाह की बेटियों की बजाए बाप को पूजा जाए |  मिया मोहम्मद तो एक बार मिलने भी गए थे अल्लाह मिया से उड़ने वाले गधे पर चढ कर (वो प्रकरण फिर कभी) अब कुरान और मोहम्मद साहब की बेइज्जती तो सिर्फ ज़ाकिर साहब ही कर सकते हैं | हम तो बस वही लिखेंगे जो हदीसे कहती हैं कुरान कहती हैं | बाकी विषय तो अन्य लेख में हम लिखते जाएँगे |
और जो लोग ये कहते हैं के ईश्वर अल्लाह तेरो नाम | वो ना ईश्वर को जानते हैं ना अल्लाह को | मुस्लिम एक खुदा-एक खुदा बहुत चिल्लाते हैं एक हैं तो लोंग अनुमान करते हैं के अल्लाह निराकार हैं | अल्लाह के निराकार होने का तकिया (गैर मुसलमानों से झूठ बोलने का धार्मिक अधिकार) की बात करते हैं | निराकार परमात्मा का उच्च सिद्धांत दुनिया में सिर्फ वैदिक धर्मं बतलाता हैं और कोई मजहब (सम्प्रदाये) नहीं | वेद पुराण उसी एक पर ब्रह्म परमात्मा के गुणों को बताते हैं | पर वेदों से दूर मनुष्य इतनी उच्च कोटि की बात कहा समझेगे |
लंबा लेख लोंग पढते नहीं वरना हदीस के भी खूब प्रमाण देता | अल्लाह हर जगह नहीं हैं दूर सातवे आसमान पर बैठा हुआ हैं और वही से पैगम्बर भेजता हैं | हर जगह होता तो उसे पैगम्बर की जरुरत नहीं होती | निराकार ईश्वर की अगर इस्लाम ने मान लि तो इस्लाम खत्म हो जाएगा क्यों की फिर उसे पैगम्बर की जरुरत नहीं पड़ेगी | तो वैदिक धर्मं अनुसार अगर परमात्मा हर जगह हैं और इसीलिए उसे अवतार की जरुरत नहीं | हां पौराणिक मान्यता अनुसार ईश्वर अवतार लेता हैं सो भी अल्लाह से बेहतर हैं कमसे कम भक्तो की रक्षा में प्रमाद तो नहीं करता |
इस्लाम मानवता के लिए बड़ा खतरनाक सम्प्रदाये हैं  अपनी अमानवीय शिक्षाओं के कारण | इस्लाम के झूठ के प्रचारक ज़ाकिर नाईक वेद का मंत्र “ना तस्य प्रतिमा अस्ति”  प्रयोग कर के अल्लाह के सिवा किसी और खुदा का प्रचार कर रहे हैं जानबुझ कर | जैसे मोहम्मद ने सबकी आस्थाओ के विरुद्ध कार्य किया आज मुसलमानों ने ये गुण लिया हैं मोहम्मद से, उन्हें दुनिया के हर सम्प्रदाये में बुरे नजर आती हैं सिवाए इस्लाम के |
व्यभिचारी मनुष्य में इतनी बुद्धि नहीं होती के वो निराकार ईश्वर का सिद्धांत समझ सके,मोहम्मद से बड़ा व्यभिचारी तो इतिहास में ढूंढे नहीं मिलता | अवतार मानने वाले हिंदू भाई भी निराकार भी हैं साकार भी हैं ऐसा मानते हैं पर निराकार तो मानते ही हैं | पर इस्लाम दुनिया का सबसे बड़ा बुत परस्त सम्प्रदाये हैं | और इस लेख के बाद अगर मुसलमान भाई अल्लाह को फिर भी निराकार कहते हैं तो मेरे लिए इस से बड़ी बात ना होगी और अगर वैसा ही मानते हैं जैसा कुरान में लिखा हैं और तो ये मूर्तिपूजको के लिए खुशी की बात हैं के अल्लाह की भी मूर्ति हैं भले ही अल्लाह के गुण मानवता के विरुद्ध हो पर मुसलमानों के लिए रखता तो वो खुदा का ख़िताब हैं, फिर मुसलमानों से बड़ा बुत परस्त कौन हैं(?) | दोनों ही तरह से आप हिन्दुओ और इस्लाम में समानता देखेंगे थोड़ी ही सही पर हैं तो | चलिए शुरू करते हैं....

एकदेशी अल्लाह: अल्लाह सर्व्यापक नहीं, एक जगह बैठा हुआ हैं, लोंग उसके सामने झुकाने के लिए बुलाये जायेंगे
Q68:42:जिस दिन पिंडली खुल जाएगी और वे सजदे के लिए बुलाए जाएँगे, तो वे (सजदा) कर सकेंगे (42)
Q75:22-23:किनते ही चहरे उस दिन तरो ताज़ा और प्रफुल्लित होंगे, (22) अपने रब की ओर देख रहे होंगे। (23)
Q03:16: जिस दिन वे खुले रूप में सामने उपस्थित होंगे, उनकी कोई चीज़ अल्लाह से छिपी न रहेगी, "आज किसकी बादशाही है?" "अल्लाह की, जो अकेला सबपर क़ाबू रखनेवाला है।" (16)
Q33:44: जिस दिन वे उससे मिलेंगे उनका अभिवादन होगा, सलाम और उनके लिए प्रतिष्ठामय प्रदान तैयार कर रखा है (44)
अल्लाह के कान और आँख
Q04:58:अल्लाह तुम्हें आदेश देता है कि अमानतों को उनके हक़दारों तक पहुँचा दिया करो। और जब लोगों के बीच फ़ैसला करो, तो न्यायपूर्वक फ़ैसला करो। अल्लाह तुम्हें कितनी अच्छी नसीहत करता है। निस्सदेह, अल्लाह सब कुछ सुनता, देखता है (58)
Q42:11: वह आकाशों और धरती का पैदा करनेवाला है। उसने तुम्हारे लिए तुम्हारी अपनी सहजाति से जोड़े बनाए और चौपायों के जोड़े भी। फैला रहा है वह तुमको अपने में। उसके सदृश कोई चीज़ नहीं। वही सबकुछ सुनता, देखता है (11)
Q26:218-219:जो तुम्हें देख रहा होता है, जब तुम खड़े होते हो (218) और सजदा करनेवालों में तुम्हारे चलत-फिरत को भी वह देखता है (219) निस्संदेह वह भली-भाँति सुनता-जानता है (220)

अल्लाह की आँखे
Q96:14: क्या उसने नहीं जाना कि अल्लाह देख रहा है? (14)
Q52:48:अपने रब का फ़ैसला आने तक धैर्य से काम लो, तुम तो हमारी आँखों में हो, और जब उठो तो अपने रब का गुणगान करो; (48)
Q20:39: कि उसको सन्दूक में रख दे; फिर उसे दरिया में डाल दे; फिर दरिया उसे तट पर डाल दे कि उसे मेरा शत्रु और उसका शत्रु उठा ले। मैंने अपनी ओर से तुझपर अपना प्रेम डाला। (ताकि तू सुरक्षित रहे) और ताकि मेरी आँख के सामने तेरा पालन-पोषण हो (39)
Q54:14: जो हमारी निगाहों के सामने चल रही थी - यह बदला था उस व्यक्ति के लिए जिसकी क़द्र नहीं की गई। (14)

अल्लाह के हाथ : लोगो को संशय ना हो इसलिए कुरान दो हाथो की बात स्पष्ट बताती हैं |
Q05:64:और यहूदी कहते है, "अल्लाह का हाथ बँध गया है।" उन्हीं के हाथ-बँधे है, और फिटकार है उनपर, उस बकबास के कारण जो वे करते है, बल्कि उसके दोनो हाथ तो खुले हुए है। वह जिस तरह चाहता है, ख़र्च करता है। जो कुछ तुम्हारे रब की ओर से तुम्हारी ओर उतारा गया है, उससे अवश्य ही उनके अधिकतर लोगों की सरकशी और इनकार ही में अभिवृद्धि होगी। और हमने उनके बीच क़ियामत तक के लिए शत्रुता और द्वेष डाल दिया है। वे जब भी युद्ध की आग भड़काते है, अल्लाह उसे बुझा देता है। वे धरती में बिगाड़ फैलाने के लिए प्रयास कर रहे है, हालाँकि अल्लाह बिगाड़ फैलानेवालों को पसन्द नहीं करता (64)
Q38:75:कहा, "ऐ इबलीस! तूझे किस चीज़ ने उसको सजदा करने से रोका जिसे मैंने अपने दोनों हाथों से बनाया? क्या तूने घमंड किया, या तू कोई ऊँची हस्ती है?" (75)
लिखने वाला अल्लाह: मोहम्मद अनपढ़ सही,पर उसने पढ़े-लिखे अल्लाह की कल्पना की Q07:145: और हमने उसके लिए तख़्तियों पर उपदेश के रूप में हर चीज़ और हर चीज़ का विस्तृत वर्णन लिख दिया अतः उनको मज़बूती से पकड़। उनमें उत्तम बातें है। अपनी क़ौम के लोगों को हुक्म दे कि वे उनको अपनाएँ। मैं शीघ्र ही तुम्हें अवज्ञाकारियों का घर दिखाऊँगा (145)
हाथ हैं तो मुठ्ठी भी बनेगी उसका दाया और बाया हाथ
Q39:67:उन्होंने अल्लाह की क़द्र जानी, जैसी क़द्र उसकी जाननी चाहिए थी। हालाँकि क़ियामत के दिन सारी की सारी धरती उसकी मुट्ठी में होगी और आकाश उसके दाएँ हाथ में लिपटे हुए होंगे। महान और उच्च है वह उससे, जो वे साझी ठहराते है (67)
बोलने वाला अल्लाह: अल्लाह का मुह, वह बोलता भी हैं
Q18:27:अपने रब की क़िताब, जो कुछ तुम्हारी ओर प्रकाशना (वह्यस) हुई, पढ़ो। कोई नहीं जो उनके बोलो को बदलनेवाला हो और तुम उससे हटकर शरण लेने की जगह पाओगे (27)
Q07:143:अब मूसा हमारे निश्चित किए हुए समय पर पहुँचा और उसके रब ने उससे बातें की, तो वह करने लगा, "मेरे रब! मुझे देखने की शक्ति प्रदान कर कि मैं तुझे देखूँ।" कहा, "तू मुझे कदापि न देख सकेगा। हाँ, पहाड़ की ओर देख। यदि वह अपने स्थान पर स्थिर पर स्थिर रह जाए तो फिर तू मुझे देख लेगा।" अतएव जब उसका रब पहाड़ पर प्रकट हुआ तो उसे चकनाचूर कर दिया और मूसा मूर्छित होकर गिर पड़ा। फिर जब होश में आया तो कहा, "महिमा है तेरी! मैं तेरे समझ तौबा करता हूँ और सबसे पहला ईमान लानेवाला मैं हूँ।" (143)
Q27:08:फिर जब वह उसके पास पहुँचा तो उसे आवाज़ आई कि "मुबारक है वह जो इस आग में है और जो इसके आस-पास है। महान और उच्च है अल्लाह, सारे संसार का रब! (8) ऐ मूसा! वह तो मैं अल्लाह हूँ, अत्यन्त प्रभुत्वशाली, तत्वदर्शी! (9) तू अपनी लाठी डाल दे।" जब मूसा ने देखा कि वह बल खा रहा है जैसे वह कोई साँप हो, तो वह पीठ फेरकर भागा और पीछे मुड़कर न देखा। "ऐ मूसा! डर मत। निस्संदेह रसूल मेरे पास डरा नहीं करते, (10) सिवाय उसके जिसने कोई ज़्यादती की हो। फिर बुराई के पश्चात उसे भलाई से बदल दिया, तो मैं भी बड़ा क्षमाशील, अत्यन्त दयावान हूँ (11)
कुरान की सभ्य भाषा देखि | अल्लाह ना हुआ मल्लिका शेरावत हो गई बल खा रहा हैं |
Q28:30: फिर जब वह वहाँ पहुँचा तो दाहिनी घाटी के किनारे से शुभ क्षेत्र में वृक्ष से आवाज़ आई, "ऐ मूसा! मैं ही अल्लाह हूँ, सारे संसार का रब!" (30)
Q54:13और हमने उसे एक तख़्तों और कीलोंवाली (नौका) पर सवार किया, (13) जो हमारी निगाहों के सामने चल रही थी - यह बदला था उस व्यक्ति के लिए जिसकी क़द्र नहीं की गई। (14)

Q36:58:(उनपर) सलाम है, दयामय रब का उच्चारित किया हुआ (58)
Q58:01: अल्लाह ने उस स्त्री की बात सुन ली जो अपने पति के विषय में तुमसे झगड़ रही है और अल्लाह से शिकायत किए जाती है। अल्लाह तुम दोनों की बातचीत सुन रहा है। निश्चय ही अल्लाह सब कुछ सुननेवाला, देखनेवाला है (1)

अल्लाह का सिहांसन
Q69:17:और फ़रिश्ते उसके किनारों पर होंगे और उस दिन तुम्हारे रब के सिंहासन को आठ अपने ऊपर उठाए हुए होंगे (17)
निराकार ईश्वर तो ऋषि मुनियो ने ही मोहम्मद जैसा गुंडे का ईश्वर राजा से ऊपर की सोच का ना था | अरे इस से बेहतर तो पौराणिको ने सोचा के ईश्वर अवतार के लिए उतरता हैं देखिये आखिरी बार अल्लाह ने कब उठ के काम किया था | जब अल्लाह ही आलसी मक्कार हो तो बंदे कैसे होंगे ?
Q07:54:निस्संदेह तुम्हारा रब वही अल्लाह है, जिसने आकाशों और धरती को छह दिनों में पैदा किया - फिर राजसिंहासन पर विराजमान हुआ। वह रात को दिन पर ढाँकता है जो तेज़ी से उसका पीछा करने में सक्रिय है। और सूर्य, चन्द्रमा और तारे भी बनाए, इस प्रकार कि वे उसके आदेश से काम में लगे हुए है। सावधान रहो, उसी की सृष्टि है और उसी का आदेश है। अल्लाह सारे संसार का रब, बड़ी बरकतवाला है (54)

Q57:04:वही है जिसने आकाशों और धरती को छह दिनों में पैदा किया; फिर सिंहासन पर विराजमान हुआ। वह जानता है जो कुछ धरती में प्रवेश करता है और जो कुछ उससे निकलता है और जो कुछ आकाश से उतरता है और जो कुछ उसमें चढ़ता है। और तुम जहाँ कहीं भी हो, वह तुम्हारे साथ है। और अल्लाह देखता है जो कुछ तुम करते हो (4)
ये तो विद्वान ही सोच सकते हैं के काल गड़ना तो तब शुरू होगी जब पृथ्वी बनेगी | समय स्थान-२ पर निर्भर कर्ता हैं भौतिकी सम्बन्धी प्रश्न (frame of reference) भी मत उठाइयेगा  | क्यों के अल्लाह सब जानता हैं पर सारे सवाल खत्म हो जाते हैं |
Q20:05: वह रहमान है, जो राजासन पर विराजमान हुआ (5)

अल्लाह मोहम्मद का परिकल्पित राजा : इसलिए इस्लाम अरब की साम्राज्यवाद निति हैं
Q20:114:अतः सर्वोच्च है अल्लाह, सच्चा सम्राट! क़ुरआन के (फ़ैसले के) सिलसिले में जल्दी करो, जब तक कि वह पूरा हो जाए। तेरी ओर उसकी प्रकाशना हो रही है। और कहो, "मेरे रब, मुझे ज्ञान में अभिवृद्धि प्रदान कर।" (114)


कुकर्मी अल्लाह : दूसरों की औरतो की योनियों में फुकता हैं, समझ आई बात तभी मुसलमान इतने बच्चे पैदा करने पर बोलते हैं सब अल्लाह का करम हैं |
Q21:91:और वह नारी जिसने अपने सतीत्व की रक्षा की थी, हमने उसके भीतर अपनी रूह फूँकी और उसे और उसके बेटे को सारे संसार के लिए एक निशानी बना दिया (91)
अल्लाह की रुह देखा आपने (?)
Q66:12 और इमरान की बेटी मरयम की मिसाल पेश ही है जिसने अपने सतीत्व की रक्षा की थी, फिर हमने उस स्त्री के भीतर अपनी रूह फूँक दी और उसने अपने रब के बोलों और उसकी किताबों की पुष्टि की और वह भक्ति-प्रवृत्त आज्ञाकारियों में से थी (12)

इस पर तो हदीस का प्रमाण भी बनता हैं | कुकर्म की बात आये और मोहम्मद के शब्द रह जाए ना इंसाफी होगी | हाला के हमारे अनुसार कुरान भी मोहम्मद के ही शब्द हैं पर कुछ भी हो जाए हमारे मुस्लिम भाइयो को तो सोचना ही नहीं हैं उनके लिए तो अल्लाह के शब्द हैं तो हदीस में वर्णित बच्चे पैदा करने का मोहम्मद का तकनिकी ज्ञान दिखता हू |
अनस बिन मलिक ने कहा कि रसूल ने बताया है , अल्लाह औरतों की योनी में फ़रिश्ते घुसा देता है. वह अन्दर घुसे हुए दुआ करते हैं " अल्लाह इस योनी में एक बूंद वीर्य टपका दे , जिस से अन्दर गोश्त का लोथड़ा जम जाये . तब अल्लाह बच्चा बना देता . और तय करता है कि , लड़का होगा या लड़की . , फिर अल्लाह बच्चे आयु , जीविका और धर्म तय कर देता है . और फ़रिश्ते सारा विवरण लिख लेते हैं .सारी योनी में ही तय हो जाती हैं
. “Sahih” Al-Bukhari Volume 8. Hadith No.594

Bukhari Hadith (Arabic) Serial No.3333-

जोड़-तोड़ करने वाला अल्लाह: इंसानों वाली हरकते इस्लाम के ईश्वर में
Q03:54:और वे चाल चले तो अल्लाह ने भी उसका तोड़ किया और अल्लाह उत्तम तोड़ करनेवाला है (54)
चाल चलने वाला अल्लाह : तो मुसलमान क्यों ना चलेंगे अपनी चाले
Q08:30और याद करो जब इनकार करनेवाले तुम्हारे साथ चालें चल रहे थे कि तम्हें क़ैद रखें या तुम्हे क़त्ल कर दें या तुम्हे निकाल बाहर करे। वे अपनी चालें चल रहे थे और अल्लाह भी अपनी चाल चल रहा था। अल्लाह सबसे अच्छी चाल चलता है (30)
घात लगाने वाला अल्लाह : लुटेरो की तरह अल्लाह भी घात में रहता हैं
Q89:14निस्संदेह तुम्हारा रब घात में रहता है (14)
अल्लाह का अगवाड़ा-पिछवाडा
Q20:110:वह जानता है जो कुछ उनके आगे है और जो कुछ उनके पीछे है, किन्तु वे अपने ज्ञान से उसपर हावी नहीं हो सकते (110)
अल्लाह आलसी सही पर थकता भी नहीं
Q50:39:निश्चय ही इसमें उस व्यक्ति के लिए शिक्षा-सामग्री है जिसके पास दिल हो या वह (दिल से) हाजिर रहकर कान लगाए (37) हमने आकाशों और धरती को और जो कुछ उनके बीच है छः दिनों में पैदा कर दिया और हमें कोई थकान न छू सकी (38) अतः जो कुछ वे कहते है उसपर धैर्य से काम लो और अपने रब की प्रशंसा की तसबीह करो; सूर्योदय से पूर्व और सूर्यास्त के पूर्व, (39)
समझ आया के अल्लाह के गुण मोहम्मद के दिमाग की उपज रहे
अल्लाह का कद
साही बुखारी का प्रमाण  
Adam was shaped completely like Allah; Adam was 60 cubits (30m) in height...(Sahih Bukhari, 8.74.246)
यानी आदम बिलकुल अल्लाह की तरह हैं; आदम कद में १०० फुट उचा हैं...
ये क्या जैनियों की तरह लंबी-२ छोडने की प्रतियोगिता कर रहे हैं |  
साही मुस्लिम हदीस का प्रमाण
In Sahih Muslim we read:
Adam is the image of Allah… (Sahih Muslim, 32.6325)
आदम खुदा की छवि हैं, पूरा प्रकरण कुछ ऐसा हैं
Volume 8, Book 74, Number 246: Narrated Abu Huraira:
The Prophet said, "Allah created Adam in his complete shape and form (directly), sixty cubits (about 30 meters) in height. When He created him, He said (to him), "Go and greet that group of angels sitting there, and listen what they will say in reply to you, for that will be your greeting and the greeting of your offspring." Adam (went and) said, 'As-Salamu alaikum (Peace be upon you).' They replied, 'AsSalamu-'Alaika wa Rahmatullah (Peace and Allah's Mercy be on you). So they increased 'Wa Rahmatullah' The and form of Adam. Since then the creation of Adam's (offspring) (i.e. stature of human beings is being diminished continuously) to the present time."
             
रसूल ने कहा “अल्लाह ने आदम को अपनी पूरी छवि में बनाया, करीब १०० फुट उचा कद में | जब उसने उसे बनाया, तो (उससे) कहा, “जाओ और फरिश्तों को सजदा करो, वहा बैठो, और सुनो वे प्रत्युतर में क्या कहते हैं, वही तुम्हारे और तुम्हारी पीढियों के लिए अभिवादन होगा |
इतने प्रमाण काफी होंगे | पूरी कुरान इसी प्रकार की बिना सर पैर की बातो से भरी पड़ी हैं | हिन्दुओ के मानव शरीर धारी ईश्वर से तो मुसलमानों को बहुत समस्या हैं पर अब खुद के निक्कमे और आलसी अल्लाह के बारे में क्या करेंगे ? अल्लाह के गुणों के बारे में बताता तो लेख और लंबा हो जाता अभी उसके स्वरुप का अंदाजा आप लोंगो को लग गया होगा | अब किसी को भी संशय नहीं होना चाहिए के मुसलमान किसी निराकार ईश्वर की उपासना करते हैं जो इंसानों जैसा अल्लाह हैं तो उसकी मूर्ति भी बनाइ जा सकती हैं | इसलिए “तस्य अल्लाह प्रतिमा अस्ति” तो मिया भाइयो को वेद मंत्र का प्रयोग करते शोभा नहीं देता | इसलिए भी अल्लाह-ईश्वर एक नहीं हैं |

कुरान की आयतो की यहाँ पुष्टि कर सकते हैं |
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