वैसे ये बात हम सभी जानते हैं के कादियानी मोहम्मद को पैगम्बर नहीं मानते और मुसलमानों से एक दम अलग हैं पार इसकी औपचारिक घोषणा भी कर दी गई दारुल उलूम की तरफ से | मजे की बात ये हैं के अग्निवीर वेबसाइट के खिलाफ सुन्नी कादियानियो का साहित्य इस्तेमाल करते हैं | खुद मिया ज़ाकिर नायिक वाहाबी हैं पर आर्य समाज को जवाब देने के लिए कादियानीयो का पहले से ही आर्यो द्वारा निरस्त साहित्य प्रयोग करते हैं | चालिए प्रमाण देखते हैं......
कादियानी इस्लाम से खारिज
देवबंद : दारुल उलूम के नायब मोहतमिम मौलाना अब्दुल खालिक मद्रासी ने कहा कि कादियानियों का इस्लाम से कोई ताल्लुक नहीं है। ये मुस्लिमों को गुमराह करते हैं, इसलिए सऊदी अरब सरकार इनके हज करने पर रोक लगाए। दैनिक जागरण से बातचीत में मौलाना मद्रासी ने कहा कि कादियानी काफिर हैं। सऊदी अरब हुकूमत भी कादियानियों को इस्लाम से खारिज मानती है। इस फिरके ने मोहम्मद साहब की शान में गुस्ताखी की है। कादियानी फिरके के प्रमुख मिर्जा गुलाम अहमद कादियानी ने खुद को आखिरी पैगंबर घोषित किया, जबकि इस्लाम से इसका कोई संबंध नहीं है। मद्रासी ने कहा कि इस फिरके के लोगों का सउदी अरब जाकर हज करना बेजा है। उन्होंने साफ किया कि दारुल उलूम की ओर से सउदी अरब की हुकूमत से गुजारिश की गयी है कि वह कादियानियों के हज व उमरा पर सख्ती से प्रतिबंध लगाएं। मद्रासी का यह भी कहना है कि कादियानी दुष्प्रचार कर मुसलमानों को गुमराह करते हैं। इसीलिए दारुल उलूम ने कादियानी के खिलाफ शोबा-ए-खत्मे नबुव्वत भी बनाया है। यह प्रकोष्ठ समय-समय पर सेमिनार करता है और स्पष्ट जानकारी देता है कि कादियानी इस्लाम में नहीं हैं। कौन हैं कादियानी : आजादी के समय पंजाब के गुरदासपुर जिला स्थित कादियान कस्बे से मिर्जा गुलाम अहमद कादियानी ने इस संप्रदाय की शुरुआत की। पहले इसके अनुयायी पंजाब के आसपास ही थे। बाद में धर्म प्रचारकों ने इसे हिंदुस्तान के बाहर भी फैलाया।
http://in.jagran.yahoo.com/epaper/index.php?location=30&edition=2011-07-01&pageno=9#id=111715295671964728_30_2011-07-01
नई शाखा का जन्म
ReplyDeleteयह नय साखा का जन्म इस भ्रम में कर रहे है जब हिन्दु, ईसाई वगैरह खत्म हो जाएँगे और फिर लड़ने के लिए कोई और नही बचेगा तो आपस में लड़ने के लिए थोड़ा फर्क तो बनाना ही पड़ेगा
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