आर्यावीरो ने जब वैदिक साम्राज्य बनाया था
अनार्यों के हृदय में खौफ समाया था |
आर्यो के शौर्य से ही विश्व सुरक्षित हो पाया था
सुख समृद्धि शान्ति में जन-२ आनंदित हो पाया था |
रावण जैसे असुर ने जब सर उठाया था
राम नाम के आर्यवीर ने उसका शीश गिराया था |
कंश नाम के दुष्ट ने जब अनार्यत्व दिखाया था
कृष्ण नाम के आर्य योगी ने उसका अहंकार गिराया था |
अल्क्षेमेंद्र भी आर्यवर्त आ के घबराया था
दक्षिण से भाग के अपने प्राण बचाया था |
अकबर नाम के धूर्त ने जब आर्यो से आँख मिलाया था
प्रताप नाम के आर्यवीर ने मुगलो की सेना को दहलाया था |
औरंगजेब नाम के राक्षस ने जब अत्याचार बढ़ाया था
आर्यवीर शिवा ने उसको पाताल दिखाया था |
जब अज्ञानता का बादल आर्यावर्त पर छाया था
तब वेदों के अज्ञान को दूर करने महर्षि दयानंद आया था |
जब पश्चिम से गोरो का दल आर्यावर्त आया था
राम प्रसाद बिस्मिल नाम के अर्यावीर ने उनको उनका स्थान बताया था |
अब आर्यवीर बनने की हमारी बारी हैं
राष्ट्र को आर्य बनाने की हमारी जिम्मेदारी हैं |
अब भगवे झंडे को विश्व राष्ट्र में लहराने की तैयारी हैं
अब पुनः वैदिक साम्राज्य खड़ा करने की हमारी बारी हैं |
बेहतरीन
ReplyDeleteआर्यों की वीर गाथा को आपके शब्दों में पढ़कर मन रोमांच से भर गया| आर्य होने के गौरव का अनुभव होता है|