पद्यांश लेखन पर मेरी कोई पकड़ नहीं | गध् लेखन ही मेरा क्षेत्र हैं पर ओसामा जी के निधन पर चिंतन किया और कुछ पंक्तिय स्फुटित हुई की क्या बिट रही होगी ओसामा जी पर | सो आपके सामने रख रहा हू
ओसामा कैसे हस रहा होगा ?
ओह मैं जी लगाना भूल गया , कांग्रेसी और नमाजियों बुरा मान जाएँगे | क्यों की इन्होने ओसमाजी की रूह को शांति मिले इसलिए नमाज़े अदा की और इन दुरत कोंग्रसियो ने "आमीन" कहा.......
मेरी तलाश मे तुम तालिबान पर बम गिराओगे ,
मुझे ढूढने मे १० साल लगाओगे |
जो मिल जाओ मैं तो मेरे सर को उड़ाओगे ,
मेरी लाश को समुन्दर मे दफ्नाओगे |
पर तुम आतंकवाद पर नियंत्रण कैसे पाओगे ,
जो बीज डालोगे वही फल तो पाओगे |
पाक को तुम यु ही मदद देते जाओगे ,
तो सपनो मे ही सिर्फ आतंकवाद मिटा पाओगे |
जब तक तुम मेरे विचारों की जड़ पर ना जाओगे ,
आतंकवाद तो क्या तुम जेहादियों को छु भी ना पाओगे |
जितना मुजाहिद्दीनो को मारोगे, कुरान की भावनाओ को उतना ही भड्काओगे
तुम अमरीकी कुरान से लड़ने की हिम्मत कहा से लाओगे |
सारे फसाद की जड़ ही कुरान हैं ,
पर तुमको इस बात का क्यों नहीं ज्ञान हैं |
ओसामा की पाकिस्तान से शिकायत
ऐ पाकिस्तान मैंने कितनी कर के दी तुझे कमाई ,
तुने क्यों नहीं मेरी जान बचाई ?
चार यमदूत उड़ कर जो आये ,मेरी मौत को क्यों ना पहचान पाए ?
मैं रहा तेरी सेना के बगल मे ,
मेरी सुरक्षा का ख्याल क्यों नहीं रहा तेरी अकल मे?
या ख्याल आकर भी तुने की लापरवाई,
शायद इसलिए क्यों की हैं, तो हम मौसेरे भाई !
ओसामा की अल्लाह से शिकायत
जो मैं चिल्लाया तो मेरी मदद को कोई ना आया ,
अल्लाह भी सोया हुआ था, वो भी मेरी आहा ना सुन पाया |
जो मैं छुपा एक औरत के पीछे, वो भी काम ना आया
इन अमरीकियो को मेरी उम्र का भी ख्याल ना आया |
इतने हाथो मे मैंने बन्दूक पकडाया,
अंत समय खुद की बन्दूक ना पकड़ पाया |
ए अल्लाह मुझे गाजी से शहीद बना के तुने क्या पाया ?
ओसामा की दाउद जैसे आतंकियो को नसीहत
ओ दाऊद, ऐ मसूद पाक भरोसे ना रहे ,
यहाँ से बेहेतर तो भारत की जेल हैं |
फांसी भी सूना दी गई ,
तो मिलने मे सदियों की देर हैं |
मेरे प्यारे देश द्रोही कांग्रेसी और नमाजियों
मैंने जहा ओसामा जी नहीं लगाया उसका बुरा मत मानना और अगर बुरा मान भी गए तो मेरा
क्या उखाड लोगे ! मैंने जहा ओसामा जी नहीं लगाया उसका बुरा मत मानना और अगर बुरा मान भी गए तो मेरा
aap alpsankhyakon ki bhavnayen aaht kar rahe hain
ReplyDeletevery nice poem
ReplyDeletebahut khub
bahut z0rdaar :D
ReplyDeleteOsama toh 2007 me hi CIA ki nigrani me Dailysis ka Ilaj Karwate huve Hosipital me hi mar chuka tha,
ReplyDeleteabhi jo mara hai vo sab america ka natak hai, Mulla omar 2002 me hi marchuke hain, ayman Zawhiri Iraq hamle me hi mare ja chuke hain Taliban aur Alqauida America ki oopaj hai
Qur'aan Vishva shanti ka granth hai kabhi sacche dil se padh kar bhi dekho bhai, Qur'aan se nafrat sirf oon logo ko hi hoti hai Jin ki kali kartoot aur jhoote dhande Qur'aan ke divya parkash se nasht hojate hai..
Be A Muslim Obey Only to ALLAH